पपीता खाने में बहुत स्वादिष्ट होने के साथ-साथ काफी पौष्टिक फल भी है। स्वाद और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होने के कारण पपीता एक लोकप्रिय फल है। पपीते के अंदर पाए जाने वाला पेप्सिन नामक तत्व बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह मनुष्य के पाचन तन्त्र को शक्ति देता है। पपीते की खासयित है कि यह मौसमी फल न होकर बारहमासी फल है। पपीता विशेष रूप से पाचन दुरुस्त करने के लिए खाया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है यह किडनी को स्वस्थ रखने में भी काफी मददगार होता है।
पपीते में क्या-क्या पोषक तत्व मिलते हैं?
पपीते के अंदर बहुत से पोषक तत्व पाये जाते हैं, जिसके चलते यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। पपीते में फाइबर, कैरोटीन, विटामिन सी, विटमिन ए, आयरन, सोडियम, जिंक के साथ पोटेशियम भी मिलता है। पपीते के पौधे की जड़, छाल, बीज और तने के गूदे में भी औषधीय गुण पाए जाते हैं।
किडनी के लिए कैसे लाभकारी है पपीता?
पपीता कई तरह से किडनी के लिए लाभकारी होता है। यह आपकी किडनी को हमेशा स्वस्थ रखने में आपकी मदद करता है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि पपीता किडनी के लिए संजीवनी की तरह काम करता है। पपीता आपकी किडनी को कई ऐसी बीमारियों से बचा कर रखता है जिनसे आपकी किडनी खराब होने का खतरा रहता है। पपीता आपकी किडनी को निम्न वर्णित तरीकों से खराब होने से बचाता है :-
दिल को रखे मजबूत
हमारा दिल रक्त धमनियों की मदद से पूरे शरीर में रक्त प्रवाह करने का काम करता है। लेकिन रक्त धमनियों में आई परेशानी के कारण दिल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पपीते में पोटेशियम होता है जो कि रक्त धमनियों को फैलने में मदद करता है, जिससे रक्त प्रवाह में कोई परेशानी नहीं आती। ऐसा होने से रक्त बिना किसी परेशानी के प्रवाह होता है और दिल स्वस्थ रहता है। दिल में आई किसी भी समस्या के चलते किडनी पर दबाव पड़ने लगता है, जिसके कारण किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
पाचन तंत्र को दुरुस्त करे
इस बात से सभी लोग वाकिफ है कि पपीता खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। दरअसल इसके अंदर पेप्सिन नामक पाचन एंजाइम की मात्रा अधिक होने के कारण यह पाचन प्रक्रिया को तेज करता है। पपीते के अंदर अधिक मात्रा में पानी और घुलनशील फाइबर होता है, जिसके कारण से भी पाचन प्रक्रिया तेज और आसन हो जाती है। पपीता आँतो के उचित कार्य को बढ़ाता है और कब्ज से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। पपीते के बीज आंतों के कीड़े और परजीवी से छुटकारा पाने में मदद करते हैं, क्योंकि वह प्रोटीयोलाइटिक एंजाइमों में समृद्ध होते हैं।
गठिया से राहत दिलाए
पपीता खाने से गठिया की समस्या से राहत मिलती है। आपको बता दें कि गठिया किडनी खराब होने की तरफ इशारा करता है। पपीते के अंदर कई एंटी-इंफ्लेमेटरी एंजाइम होते हैं जिससे गठिया की समस्या में राहत मिलती है। इसके अलावा पपीता गठिया के कारण आई सूजन से भी राहत दिलाने में मदद करता है, इसके अंदर पापेन और चयमोपपेन नामक दो प्रोटीन पाचन एंजाइम्स होते हैं जो कि सूजन से राहत दिलाते हैं। विटामिन ए, सी और ई की अधिक मात्रा और बीटा कैरोटीन भी सूजन को कम करने में बहुत प्रभावी होते हैं।
वजन कम करे
पपीता आपके बढ़े हुए वजन को तेजी से कम करने में मदद करता है। इसके अंदर उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो कि आपके पाचन को मजबूत करता है और पेट में जमा अतिरिक्त वसा को घटाने में मदद करता है। इसके अलावा पपीते में मौजूद पपेन अनोखा प्राकृतिक एंजाइम है जो कि पाचन में सहायक होता है और आपके पेट से भोजन को आंत की ओर तेज गति से बढ़ाता है। खराब पाचन तंत्र को अक्सर खराब पोषण के साथ-साथ वजन की समस्याओं का भी जिम्मेदार ठहराया जाता है। इस वजह से पपीता को वजन कम करने के लिए एक उत्तम आहार माना जाता है।
उच्च रक्तचाप से मुक्त करे
पपीता खाने से उच्च रक्तचाप की समस्या दूर हो जाती है। इसके अंदर पोटेशियम पाया जाता है जो कि उच्च रक्तचाप से राहत दिलाने में मदद करता है। पोटेशियम एक प्रकार का खनिज है जो कि सोडियम के प्रभावों का मुकाबला करता है और रक्तचाप के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित रोगियों के रोजाना अपने आहार में पपीता जरूर शामिल करना चाहिए। अपने आहार में पपीते की मात्रा में वृद्धि करने के लिए, आप इस फल को सलाद के रूप में शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा कच्चे पपीते का सेवन भी उच्च रक्तचाप में लाभकारी होता है। आपको बता दें कि उच्च रक्तचाप किडनी खराब होने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
क्या पपीते के बीज भी किडनी के लिए लाभकारी है?
किडनी हमें स्वस्थ रखने के लिए काफी कार्य करती है। किडनी रक्त शुद्ध करने का महत्वपूर्ण कार्य करती है। यह रक्त शुद्ध कर अपशिष्ट उत्पादों, अतिरिक्त क्षार (salt) और अम्ल (acid) जैसे रसायनों को पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकालती है। किडनी विफल होने पर आपको कई गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमे मौत भी हो सकती है। किडनी में आई समस्या के कारण इसलिए मूत्र पथ के संक्रमण और फ़िल्टरिंग क्षमता में कमी आ सकती है। ऐसे में पपीते बीज आपकी किडनी की कार्यक्षमता को बढाने में आपकी काफी मदद कर सकते हैं। पपीते के साथ-साथ पपीते बीज किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। पपीते के बीज निम्नलिखित तरीकों से आपकी किडनी को स्वस्थ रखते हैं :-
- ताजे पपीते के बीज को सुबह के समय में मौखिक रूप से लिया जाना चाहिए. लगभग 15-20 बीजों को 3 सप्ताह के लिए दैनिक दिनचर्या में चबाया जाना चाहिए। बीज चबाने के बाद, आधे घंटे के बाद 200-500 मिली पानी लें। इससे आपकी किडनी की सफाई हो जाती है।
- पपीते के बीजों का उपयोग फ़िल्टरिंग प्रक्रिया के दौरान किडनी को होने वाले नुकसान को ठीक करने के लिए किया जाता है। बीज चबाने से, बीज में मौजूद औषधीय रूप से महत्वपूर्ण रसायन सीधे रक्त परिसंचरण में पहुंच जाता है और उपचार की प्रभावकारिता को 50 गुना बढ़ा देता है।
कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेदिक उपचार ही ऐसा उपचार है जिसकी मदद से हम किसी भी प्रकार के रोग को जड़ से खत्म कर सकते हैं। कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में हुई थी, तभी से कर्मा आयुर्वेदा किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहा हैं। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन इसका नेतृत्व कर रहे हैं, जिन्होंने अभी तक 48 हज़ार से भी ज्यादा किडनी रोगियों को रोगमुक्त किया है. आपको बता दें कि कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक किडनी डायलिसिस उपचार और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही किडनी का सफल इलाज किया जाता है।