क्या सूखे मटर खाने से किडनी स्वस्थ रहती हैं?

अल्कोहोल और किडनी रोग

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क्या सूखे मटर खाने से किडनी स्वस्थ रहती हैं?

सर्दियाँ आते ही बाज़ार में हरी मटर की भरमार सी आ जाती है जो कि ना केवल खाने में स्वादिष्ट होती हैं बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक होती हैं। हरी मटर खाने में तो सभी को बहुत पसंद आते हैं लेकिन जब बात आती हैं सूखे मटर की तब बहुत से लोगों का मुह बन जाते है। बहुत से लोगों का मनना हैं कि सुखी हुई मटर खाने के लिए बिकुल भी सुरक्षित नहीं होती, लेकिन लोगों की यह धारणा बिलकुल गलत है। जिस तरह हरी मटर खाने से हमारे शरीर को कई लाभ मिलते हैं, ठीक उसी प्रकार सूखे मटर खाने से भी हमें कई तरह के लाभ मिलते हैं, बशर्ते कि आप इन्हें सही तरीके से अपने आहार में शामिल करें। हम यहाँ पर उन सूखे मटर के बारे में बात कर रहे हैं जो कि आपको गली चौराहों पर छोले-कुलचे में मिलते हैं और उन्हें देखते ही आपके मुह में पानी आ जाता हैं। आज इस लेख में हम आपको उन्हीं सूखे मटर के बारे में बताएँगे कि क्या यह किडनी के लिए फायदेमंद हैं या नहीं?

सूखे मटर में क्या मिलता है?

पौषक तत्वों के मामले में अगर हरे मटर और सूखे मटर में तुलना की जाए तो आपको यह जानकर हैंरानी होगी कि मटर सूखने पर भी अपने पौषक तत्वों को पूरी तरह से नहीं खोती। जीतना हरे मटर हमारी सेहत के लिए लाभकारी होते हैं उतने ही सूखे मटर भी हमारी सेहत के लिए लाभकारी माने जाते हैं| हरे मटर की भांति सूखे मटर भी कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर होता हैं, इसमे – तांबा, फोलेट, फास्फोरस, पोटेशियम, फाइबर, विटमिन बी, विटमिन बी 1, विटामिन बी 5, और प्रोटीन के साथ मोलिब्डेनम भी पाया जाता हैं।

सूखे मटर किडनी को ऐसे रखते हैं स्वस्थ

आपने ऊपर जाना कि सूखे मटर कितने पौषक तत्वों से भरपूर होते हैं। यह अपने इन्हीं पौषक तत्वों की मदद से आपको अनेक प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाने में मदद करते हैं। यह सभी पौषक तत्व किडनी के लिए काफी लाभदायक होते हैं। इन सभी पौषक तत्वों की मदद से आप कई ऐसे रोगों से दूर रहते हैं जिनकी वजह से भविष्य में आपकी किडनी खराब होने की आशंका बनी रहती है| तो चलिए जानते हैं आखिर कैसे किडनी को ठीक रखने में सूखे मटर आपकी मदद कर सकते हैं :-

वजन घटाने में – हरे मटर के साथ-साथ सूखे मटर में भी फाइबर काफी मात्रा में मिलता है। फाइबर पेट के साथ शरीर में जमा जरुरत से ज्यादा वसा को कम करता है। वसा कम होने से परिणामस्वरुप वजन अपने आप घटने लगता है। जिस व्यक्ति का वजन काफी बढ़ा हुआ होता है वह कई बीमारियों से बड़ी आसानी से घिर जाता हैं, जिसकी वजह से किडनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता हैं और किडनी खराब होने लगती हैं। वजन बढ़ने से उच्च रक्तचाप और मधुमेह होना आम है जो कि किडनी खराब होने के मुख्य दो कारण है।

पाचन तन्त्र सुधारे – सूखे मटर में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर मौजूद होते हैं। यह फाइबर पेट में जाकर जैल (GEL) जैसा प्रदार्थ का निर्माण करता है जो कि कोलेस्ट्रोल युक्त पित्त को शांत करने का काम करता है। जिससे व्यक्ति कब्ज, अपच और गैस जैसी समस्याओं से दूर रहता है। जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक पेट से जुड़ी समस्याओं से जूझता है तो उसकी किडनी पर बुरा असर पड़ने लगता है और किडनी खराब होने की आशंका बढ़ जाती है।

मधुमेह को नियंत्रित रखें – सूखे मटर में मौजूद घुलनशील फाइबर रक्त शर्करा को कम करने में काफी असरदार होता है। यह रक्त में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है। शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ने से रक्त में जमा शर्करा कम होने लगती है और इससे मधुमेह नियंत्रण में आने लगता है। अगर आप मधुमेह की समस्या से पीड़ित है तो आप इसे आहार में शामिल कर सकते हैं, आपको बता दें कि किडनी खराब होने का सबसे बढ़ा कारण मधुमेह होता है।

रक्तचाप को काबू रखे – सूखे मटरों में पोटेशियम होता हैं जो कि रक्तचाप को बढ़ने अथवा नीचे जाने से रोकता है। यह रक्त नलियों में प्लाक के अंस को जमने से रोकता हैं, जिससे रक्त बिना किसी रूकावट के प्रवाह होता रहता है। साथ ही पोटेशियम सोडियम की अधिक मात्रा बनने से भी रोकता हैं जो कि रक्तचाप बढ़ने का बड़ा कारण हैं। आपको बता दें कि रक्तचाप बढ़ने से किडनी के फिल्टर्स क्षतिग्रस्त होने लगते हैं, जिससे किडनी खराब होने की आशंका काफी ज्यादा बढ़ जाती हैं।

दिल को रखे मजबूत – सूखे मटर के सेवन से आप दिल से जुड़ी सभी समस्याओं से दूर रहते हैं। सबसे पहली बात इसमें कोलेस्ट्रोल को कम करने की क्षमता होती हैं और कोलेस्ट्रोल कम रहने से दिल के दौरे का खतरा नहीं रहता। दूसरा इसमें फोलेट और मैग्नीशियम काफी अच्छी मात्रा में मिलता है, यह दोनों मिलकर होमोसिस्टिन के स्तर को नियंत्रण में रखते हैं। ऐसा होने से आप दिल से जुड़ी कई बीमारियों से बचे रहते हैं। आपको बता दें कि अगर कोई व्यक्ति दिल से जुड़ी किसी भी बीमारी से जूझता हैं उसका सीधा असर उसकी किडनी पर भी पड़ता हैं और किडनी खराब होने पर दिल पर इसका बुरा असर पड़ता हैं, इसलिए हमेशा दोनों को स्वस्थ रखना जरूरी होता हैं।

क्या सूखे मटर खाने से कोई नुकसान भी हो सकता है?

हाँ, सूखे मटर खाने से व्यक्ति को कुछ शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए इसका सेवन करते हुए निम्नलिखित बातों का खास ध्यान रखना चाहिए :-

सूखे मटर को अच्छे से पका कर ही खाना चाहिए। कच्चा या अधपका खाने से गैस या अपच जैसी समस्या उत्पन हो सकती है। अधपका खाने से यह पेट फुला सकता है। क्योंकि इसमें लेक्टिसिन पाया जाता है जो पेट में गैस बना पेट को फुलने में मदद करता है।

इसके अधिक सेवन या अधपका सेवन से यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती हैं जो कि किडनी पर बुरा असर डाल सकता हैं।

पथरी के रोगियों को इसे कम मात्रा में ही लेना चाहिए।

“ध्यान दें कि किडनी रोगी सूखे मटर नहीं खा सकते”

कर्मा आयुर्वेद द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद की सहायता से किडनी फेल्योर जैसी बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं। आपको बता दें कि कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा की गई थी और यहाँ पर पूर्णतः आयुर्वेद की मदद से किडनी से जुड़ी समस्याओं का निदान किया जाता है। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत कर्मा आयुर्वेद को संभाल रहे हैं, जिन्होंने अब तक आयुर्वेदिक उपचार से 1 लाख 20 हज़ार से भी ज्यादा किडनी रोगियों को स्वस्थ किया है।

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