क्रोनिक किडनी डिजीज के लिए योग आसन

अल्कोहोल और किडनी रोग

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क्रोनिक किडनी डिजीज के लिए योग आसन

किडनी रोग में क्रोनिक किडनी डिजीज एक गंभीर रोग है, क्योंकि वर्तमान चिकित्सा विज्ञान में इस रोग को खत्म करने की कोई दवा उपलब्ध नहीं है। पिछले कई सालों से इस रोग के मरीजों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। दस में से एक व्यक्ति को किडनी की बीमारी होती है। डायबिटीज, हाई बल्ड प्रेशर, पथरी आदि रोगों की बढ़ती संख्या इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है।

साथ ही काफी लंबे समय के बाद मरीजों की दोनों किडनी सिकुड़कर एकदम छोटी हो जाती है और काम करना बंद कर देती है। जिसे किसी भी दवा, ऑपरेशन या डायलिसिस से ठीक नहीं किया जा सकता है। क्रोनिक किडनी डिजीज को पहले क्रोनिक रीनल फेल्योर कहते थे, लेकिन फेल्योर शब्द एक गलत धारणा देता है। क्रोनिक किडनी डिजीज के शुरूआती स्टेज में किडनी द्वारा कुछ हद तक कार्य  होता है और लास्ट स्टेज को आयुर्वेदिक दवा देकर, खाने में परहेज से और योग आसान से ठीक किया जा सकता है।

योग आसान

योग तन और मन दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन व्यायाम है। नियमित रूप से व्यायाम करने से शरीर न केवल बाहरी गतिविधियों के लिए फिट रहता है, बल्कि नर्वस सिस्टम, पाचन आदि पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, लेकिन अगर आप किडनी की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो योग आपके लिए फायदेमंद है। रिसर्च के अनुसार, योग किडनी रोगियों के लिए परफेक्ट व्यायाम है। क्रोनिक किडनी डिजीज का सामना कर रहे लोगों को योग जरूर करना चाहिए।

मत्स्यासन

यह आसन रोगियों के पीठ के दर्द, गर्दन के दर्द और किडनी के इलाज में फायदेमंद होता है।

  • पहले आप दाहिने पैर को बांयी जांघ पर रखें
  • फिर अब बाएं पैर को दाहिनी जांघ पर रखें
  • अब अपनी पीठ के बल लेट जाएं
  • अपनी कोहनी के साथ अपने सिर को जकड़ें
  • इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहें

केवला कुसंगका

आप स्वच्छ वातावरण में सिद्धासन में बैठ जाएं। अब नाक से अंदर की तरफ सांस खींचे इसके बाद क्षमता अनुसार सांस को रोक कर रखें, फिर उसके बाद सांस को छोड़ें। इस योग में आप एक मंत्र के आंतरिक जप के साथ सांस लें, अगर आप नेफ्रोटीक सिंड्रोम के मरीज है तो साथ ही इसे 11 मिनट तक करें।

शून्यका कुंभक

  • आप पूरी तरह से सांस छोड़ें
  • अपनी क्षमता अनुसार सांस रोकिए और फिर आंतरिक मंत्र के जप के साथ छोड़ें
  • अब सिर पर चंद्रमा की कल्पना करें
  • जब आप सांस को बाहर नहीं खींच सकते हैं, तो धीरे-धीरे सांस लें
  • ऐसा 21 बार करें, क्योंकि योग से आपका रक्त साफ होता है जिसे किडनी स्वस्थ बनी रहती है।

भोरोलिका

इसमें आप एक ध्वनि के साथ सांस को नाक के जरिए अंदर की तरह खींचे फिर नाक को ऊंगली से बंद किए बिना ही सांस को अंदर रोक कर रखे फिर ध्वनि के साथ हल्के से सांस को छोड़ें। ऐसा 21 बार करने से आपकी किडनी के कार्यों में सुधार आता है, लेकिन इन योग को करने से पहले आप ध्यान रखें कि यह योग बुजर्ग, 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और जो महिलाएं गर्भवती हैं, वह इन रोग का अभ्यास बिल्कुल न करें।

क्रोनिक किडनी डिजीज का आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा दिल्ली के बेस्ट क्रोनिक किडनी डिजीज का आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक है, जो सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल का नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे है। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया है, वो भी बिना किसी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के। साथ ही यहां आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग का पालन करने सलाह दी जाती है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल भारत के साथ-साथ एशिया के भी बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में आता है।

आयुर्वेद लगभग 5 हजार वर्ष पहले भारत में शुरू हुए है। जो काफी लंबे समय का विज्ञान है और दुनिया में स्वास्थ्य की देखभाल की सबसे पुरानी प्रणाली है जिसमें औषधि और दर्शन शास्त्र दोनों के गंभीर विचार शामिल है। आयुर्वेद ने दुनिया भर की मानव जाति का संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक विकास किया है। यह चिकित्सा की अनुपम और अभिन्न शाखा हैं। साथ ही एक संपूर्ण प्राकृतिक प्रणाली है जो आपके शरीर का सही संतुलन प्राप्त करने के लिए वात, पित्त और कफ को नियंत्रित करते है ।

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