हमारे शरीर के महतवपूर्ण अंग में किडनी सबसे अहम है, इसके बिना शरीर का काम करना मुश्किल होता है। किडनी वह काम करती है जो कि बाकि अंग नहीं कर सकते और यदि किडनी खराब हो जाए तो मनुष्य का जीवन भी संकट में आ जाता है।
एक मनुष्य के शरीर में दो किडनी मौजूद होती है जो खून की सफाई का कार्य करती है। अगर किडनी के आकार की बात की जाए तो वह देखने में राजमा के समान नज़र आती है और यह पीठ के पीछे पसलियों के नीचे की ओर मौजूद होती है। किडनी हमारे शरीर में मौजूद अपशिष्ट उत्पाद क्षार और अम्ल जैसे जहरीले तत्वों को बाहर निकालने का काम करती है। साथ ही किडनी रक्त शोधन का कार्य करते हुए पूरे शरीर में शुद्ध रक्त प्रवाह करने में सहयोग करती है। किडनी का खराब होना एक गंभीर समस्या है, जिसके दुष्प्रभावों को रोगी के साथ-साथ उसके परिवार को भी जूझना पड़ता है।
किडनी खराब होने के लक्षण :-
ग़लत खान-पान के चलते मनुष्य की किडनी एक समय के बाद धीरे-धीरे या एक लंबे समय के बाद खराब हो जाती है। इस बारे में जब तक मनुष्य को पता लग पाता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। जैसे ही किडनी के खराब होने की खबर मिलती है उस समय तक किडनी 60-65% तक खराब हो चुकी होती है। किडनी खराब होने की स्थिति में अक्सर कई लक्षण दिखाई देते है, यदि इनकी पहचान सही समय पर कर ली जाए तो इससे जुडी जानलेवा बिमारियों से बचाव किया जा सकता है। लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी के कारण, इस बारे में पता ही नहीं चल पाता है। आइए जानते है किडनी खराब होने के लक्षण-
- सांस लेने में कठिनाई
- बार-बार उल्टी होना
- पेशाब करने में दिक्कत
- शरीर के कुछ भागों में सूजन
- आंखों के नीचे सूजन दिखना
- बुखार और कंपकंपी होना
- पेशाब में खून और प्रोटीन का आना
- अचानक बेहोश होना
- पेशाब में बदबू
- अचानक कमजोरी महसूस होना
- पेट में दर्द होना
- नींद का ना आना
- कमर दर्द
भारत एक ऐसा देश जहाँ आयुर्वेद ने जन्म लिया था और आज भी उसके इस्तेमाल से कई गंभीर से गंभीर बिमारियों का इलाज किया जाता है। यह बात सबने सुनी होगी कि आयुर्वेद के ज़रिए किसी भी बीमारी का इलाज निश्चित है, उसी प्रकार कर्मा आयुर्वेदा की मदद से किसी भी प्रकार की किडनी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। यह आयुर्वेद में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटी की मदद से किडनी से जुडी समस्या का इलाज करते हैं। इनकी औषधि में शामिल है यह जड़ी-बूटी:-
- कासनी- कासनी एक बारहमासी पौधा है, जिसका वैज्ञानिक नाम सिकोरियम इंट्यूबस है। भारत में यह औषधि चिकोरी के नाम से जानी जाती है। इसके इस्तेमाल से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है, जैसे कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को रोकने में मदद करना, किडनी खराब होने के कारण पैरों में आनी वाली सूजन, मोटापा कम करने में सहयोग देना, दिल के रोगियों के लिए भी या फायदेमंद साबित होती है।
- चंद्रप्रभा वटी- व्यक्ति को किडनी की समस्या होने पर उसका खून साफ नहीं हो पाता जिसके कारण आपके शरीर में विषैले पदार्थ बढ़ जाते है। चंद्रप्रभा वटी के सेवन से विषैले पदार्थ बाहर निकलने लग जाते हैं और किडनी स्वस्थ होने लगती है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से व्यक्ति के शरीर से दूषित पदार्थ धीरे-धीरे खत्म होने लगते हैं और खून भी साफ हो जाता है।
- गोरखमुंडी- यदि किसी को किडनी का इन्फेक्शन है तो पेशाब के लिए बार जाना पड़ता है, पेशाब मे जलन या पेशाब मे खून आ सकता है उसके लिए यह बहुत लाभदायक है।
- वरुण- यह प्राकृतिक रूप से किडनी के स्टोन की समस्या को ठीक करता है साथ ही अन्य किडनी से जुडी बिमारियों को ठीक करने में मददगार है। यह खून को साफ करता है और यूरिन चैनल फंक्शन को मजबूत बनाता है।
- पुनर्नवा- इसका वैज्ञानिक नाम बोरहैविया डिफ्यूजा है। यह सभी जानते हैं कि किडनी शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है और पुनर्नवा ही ऐसी जड़ी-बूटी हैं, जो किडनी की सफाई का कार्य करती है।
आयुर्वेदिक उपचार केंद्र
वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया कर्मा आयुर्वेदा किडनी से जुड़ी हर समस्या का इलाज करता है। आज के समय में, कर्मा आयुर्वेदा का संचालन धवन परिवार की पाचंवी पीढ़ी डॉ. पुनीत धवन द्वारा किया जा रहा है। डॉ. पुनीत धवन हर साल हजारों किडनी रोगियों का इलाज करते हैं। कर्मा आयुर्वेदा सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेदिक किडनी औषधि पर ही विश्वास करता है। अब तक, कर्मा आयुर्वेदा ने 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें किडनी के रोग से मुक्त किया हैं, वो भी डायलिसिस या ट्रांसप्लांट के बिना। यहां किडनी रोगियों को आयुर्वेदिक दवाओं के साथ एक उचित आहार के बारे में भी बताया जाता है। सबसे बेहतरीन बात यह की आयुर्वेदिक दवाओं से किसी भी तरह का दुष्प्रभाव नहीं होता है। यदि आप या आपके किसी जानने वाले को किडनी डायलिसिस जैसे दर्दनाक उपचार से गुज़ारना पड़ रहा है तो कर्मा आयुर्वेदा से उचित सलाह लेकर एक रोगमुक्त जीवन व्यतीत कर सकते हैं।