हमारे पास खाने के लिए बहुत से ड्राई फ्रूट्स मौजूद है। सभी ड्राई फ्रूट्स या मेवे अपने–अपने स्थान पर खास है और खास औषधीय गुणों से भरपूर भी है। इन्ही ड्राई फ्रूट्स की दुनिया में एक खास ड्राई फ्रूट् है ‘चिलगोजा’। चिलगोजा हमें चीड़ यानि पाइन के पेड़ से प्राप्त होने वाला खास फल है। चिलगोजा जहां खाने में स्वादिष्ट होता है वहीं यह एक खास औषधि की तरह भी काम करता है। चिलगोजे के अंदर बहुत से पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कि हमें कई रोगों से बचा कर रखते हैं। केवल सर्द इलाकों में पाए जाने वाले इस खास मेवे को इसके पौषक तत्वों को देखते हुए इसे छोटा अखरोट भी कह सकते हैं। पाइन के पेड़ से प्राप्त होने के कारण इसे पिग्नोली नट्स के नाम से भी जाना जाता है।
चिलगोजे के पेड़ से मिलें
चिलगोजा सिर्फ ठन्डे इलाकों में ही पाया जाता है। यह विशेषकर कनाडा और साइबेरिया के जंगलों में काफी मात्रा में पाया जाता है। भारत में यह हिमाचल, जम्मू और कश्मीर के अलावा उतराखंड के कुछ हिस्सों में भी पाया जाता है। पाइन नट्स का पेड़ बहुत लम्बा होता है और पूरी तरह बढ़ने पर इसकी लंबाई कम से कम 75 फीट तक पहुँच सकती है। पहाड़ों में इस पेड़ को आपने कतार बद्ध देखा होगा, इसके पत्ते पिरामिड की तरह होते हैं और नुकीले होते हैं। पाइन नट्स या चिलगोजे आकर में छोटे होते हैं, यह कुछ छोटे-छोटे हाथी दांत की भांति दिखाई देते हैं जो कि आकार में एक इंच से थोड़े बड़े हो जाते हैं। यह खाने में मीठे होते हैं, लगभग काजू की तरह ही स्वाद करते हैं। लेकिन कच्चा चिलगोजा खाने में नरम और हल्का मीठा होता है, वहीँ इसमें हल्का खट्टापन भी मिलता है। चिलगोजा असल में पाइन नट्स के बीज होते हैं जिनकी मदद से फिर से चिलगोजे का पेड़ उगाया जा सकता है। बाज़ार में चिलगोजे की कई प्रकार की प्रजातियाँ मौजूद है। इसमें हर प्रजाति की अपनी एक खास विशेषता है। हर चिलगोजा अपनी अलग प्रजाति के कारण स्वाद और पोषक तत्व में अलग होता है। आप चिलगोजे का स्वाद बढ़ाने के लिए इसे भुन कर भी खा सकते हैं। इससे इसका स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही इसके पोषक तत्व भी ज्यों के त्यों बने रहते हैं।
इस तरह किडनी को स्वस्थ रखता है चिलगोजा
चिलगोजे में बहुत से ऐसे पोषक तत्व माजद है जो कि हमें कई रोगों से बचाते है। इसमें कैलोरी की मात्रा काफी अच्छी होती है जिससे हमारे शरीर में उर्जा बनी रहती है। इसके साथ साथ चिलगोजे में प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्सियम, पोटेशियम, आयरन, फोलेट के अलावा कई प्रकार के विटामिन और एंटीओक्सिडेंट तत्व भी मिलते हैं। यह सभी पोषक तत्व आपको कई रोगों से बचाने में सहायता करते हैं। चिलगोजा गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक होता है। यदि आप नियमित रूप से चिलगोजे का सेवन करे तो आपको बहुत सी समस्याओं से आसानी से छुटकारा मिल सकता है। आपको बता दें कि चिलगोजे की मदद से आप अपनी किडनी को खराब होने से बचा सकते हैं। चिलगोजा आपको कुछ ऐसे रोगों से दूर रखता है जिनसे आपकी किडनी खराब हो सकती है। यदि आप निम्नलिखित बीमारियों के शिकार बनते हैं तो आपकी किडनी आसानी से निकट भविष्य में खराब हो सकती है। तो चलिए जानते हैं चिलगोजा कैसे हमारी किडनी को स्वस्थ रखता है।
वजन को कम करे
चिलगोजे की मदद से आप अपना लगातार बढ़ता वजन कम कर सकते हैं। वजन बढ़ने का मुख्य कारण होता है अतिरिक मात्रा में भोजन लेना। चिलगोजा बार-बार लगने वाली भूख की इच्छा को शांत करने में मदद करता है। दरअसल, चिलगोजे में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो कि कुछ खास हार्मोर्न का निर्माण करते हैं जो कि मस्तिष्क को पेट भरने के संकेत देते हैं। इसके अलावा इसमें फाइबर भी अच्छी मात्रा में मिलता है। फाइबर से पेट में जमा अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करता है। यदि आप नियमित रूप से मुठ्ठीभर चिलगोजे का सेवन करते हैं तो जल्द ही आपका वजन कम होने लगेगा। आपको बता दें कि मोटा शरीर कई बीमारियों का घर होता है, जिसमे उच्च रक्तचाप और मधुमेह सबसे आम है और यह दोनों किडनी खराब होने के मुख्य कारण है। इसलिए वजन को ज्यादा बढ़ने ना दें।
रक्त संचार को बढाएं
यदि आपकी रक्त वाहिकाओं में कुछ समस्या है जिसके कारण आपके शारीर में सुचारू रूप से रक्त संचार नहीं हो पा रहा है तो आपको चिलगोजे का सेवन जरुर करना चाहिए। दरअसल चिलगोजे में ओलेइक नामक एक खास एसिड होता है जो शरीर में रक्त वाहिकाओं को साफ करने में सहायक होता है। चिलगोजा कोरोनरी धमनी रोगों और स्ट्रोक रोगों से भी निदान दिलाने में मदद करता है। इसकी मदद से रक्त शोधन में भी काफी मदद मिलती है। आपको बता दें कि किडनी रक्त साफ कर उसके संचार में मदद करती है, ऐसे में चिलगोजा खाने से किडनी पर काम का बोझ नहीं पड़ता।
कोलेस्ट्रोल को बढ़ने ना दें
चिलगोजे की मदद से कोलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित किया जा सकता है। चिलगोजे में मोनो अनसैचुरेटेड वसा उच्च मात्रा में होती है जो खराब कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करने के साथ अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढाने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से आप कोलेस्ट्रोल से जुडी सभी बीमारियों से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।
हृदय को रखे स्वस्थ
चिलगोजे आपके हृदय को स्वस्थ रखने में काफी मदद करता है। यदि आप नियमित रूप से चिलगोजे का सेवन करे तो आपका कोलेस्ट्रोल नियंत्रण में रहता है। चिलगोजा खराब कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करने के साथ अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढाने में मदद करता है। खराब कोलेस्ट्रोल कम होने के कारण आपकी रक्त वाहिकाएँ सुचारू रूप से हृदय तक रक्त प्रवाह करती है। दरअसल चिलगोजे में ओलेइक नामक एक खास एसिड होता है जो शरीर में रक्त वाहिकाओं को साफ करने में सहायक होता है। इस प्रकार आपका हृदय स्वस्थ रहता है और आप कई तरह की बीमारियों से दूर रहते हैं। आपको बता दें कि हृदय के कारण ही मनुष्य का शरीर जीवित रहता है, जिस समय हृदय धडकना बंद करता है उसी समय मनुष्य की मृत्यु हो जाती है।
मधुमेह को बढ़ने ना दें
अगर आप मधुमेह की जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं तो आप चिलगोजे का सेवन करे। चिलगोजे की मदद से आप मधुमेह की बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। दरअसल चिलगोजा आपके शरीर में इन्सुलिन को ना केवल सक्रिय करने का का काम करता है, बल्कि उसे बढ़ने में मदद करता है। इन्सुलिन रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रण में करता है। एक बार रक्त में शर्करा की मात्रा रक्त में कम होने लगे तो देखते ही देखते आप मधुमेह की जानलेवा बीमारी से मुक्त हो जाओगे। आपको बता दें कि मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो जीवन भर साथ रहती है। मधुमेह होने के बाद यह शरीर में कई बीमारियों को एक साथ रखता है। जिसमे किडनी फेल्योर सबसे खतरनाक और जानलेवा बीमारी है।
हड्डियों को करे मजबूत
शरीर में संतुलन बनाएं रखने के अलावा किडनी का एक विशेष कार्य और होता है हड्डियों को मजबूत रखने का लेकिन लेकिन किडनी खराब होने पर हड्डियों को मजबूती देने का कार्य करने में असमर्थ होती है। चिलगोजे हमारे लिए एक खास कार्य करता है वो है हड्डियों को मजबूती प्रदान करने का कार्य। चिलगोजे में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में मिलता है। इसके साथ इसमें कई ऐसे पोषक तत्व मौजूद है जो हमारी हड्डियों को मजबूत करने का कार्य करते हैं। चिलगोजा ना केवल हड्डियों को मजबूती देता है बल्कि ऑस्टियोपोरोसिस की संभावनाओं को भी कम करने में मदद करता है। चिलगोजे के सेवन से हड्डियों का घनत्व बढ़ता है जिससे फ्रैक्चर की संभावनाओं को भी कम करते हैं।
चिलगोजे से रखे ये सावधानियां
कोई भी चीज़ हो उसका एक न एक नकारात्मक प्रभाव जरुर होता है, इसलिए ही चिलगोजे का भी है, हमें चिलगोजे के सेवन के दौरान कुछ सावधानियों का ध्यान जरुर रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि चिलगोजे से किस प्रकार हमें नुकसान हो सकता है –
- कई बार यह देखा गया है कि चिलगोजे के सेवन से लोगो को त्वचा में चतके, खाज – खुजली और जलन हो जाती है। यदि ऐसा होता है तो तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करे।
- अधिक मात्रा में चिलगोजे के सेवन से उल्टी, सूजन, के साथ सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है।
- चिलगोजे के सेवन से कुछ लोगो को मुंह में एलर्जी हो सकती है।
कर्मा आयुर्वेद द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार
किडनी फेल्योर कि बीमारी को आयुर्वेद की मदद से पूर्णतः खत्म किया जा सकता है। आयुर्वेद में में इतनी शक्ति है की वह हर रोग जड़ से ख़त्म करने की ताक़त रखता है। बल्कि अंग्रेजी दवाओं में बीमारी से कुछ समय के लिए राहत भर ही मिलती है। लेकिन आयुर्वेद में बीमारी को खत्म किया जाता है। आज भारत में “कर्मा आयुर्वेदा” प्राचीन भारतीय पद्धत्ति की मदद से किडनी फेल्योर का सफल इलाज कर रहा है। आपको बता दें कि कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा की गई थी। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेद को संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। साथ ही आपको बता दें की डॉ. पुनीत धवन ने 48 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है।