चुकंदर किडनी के लिए कैसे लाभकारी है?

अल्कोहोल और किडनी रोग

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चुकंदर किडनी के लिए कैसे लाभकारी है?

चुकंदर जिसे विशेषकर खून बढाने के लिए उपयोगी माना जाता है, यह हमारे लिए कई रूप में लाभकारी है। यह सलाद में विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है, इसे खाने से मुह का रंग एक दम लाल हो जाता है। रंग से लेकर अपने पोषक तत्वों से चुकंदर हर जगह अपनी छाप बड़ी आसानी से छोड़ देता है। चुकंदर के गुणों को देखते हुए इसको सुपर फ़ूड की श्रेणी में रखा जाता है, यह हमे अनेक रोगों से बचाने में मदद करता है। चुकंदर खाने से किडनी स्वस्थ बनी रहती है, इसमें मौजूद पौषक तत्व किडनी को खराब होने से बचाते हैं। लेकिन, सुपर फ़ूड होने के चलते इसे किडनी रोगी को खाने कि मनाही होती है।

चुकंदर में क्या-क्या पौषक तत्व होते हैं?

चुकंदर में आयरन अधिक मात्रा में मिलता है। इसमें फोलिक अल्म मिलता है जो खुंज बढ़ने में सबसे ज्यादा काम आता है। आयरन के अतिरिक्त इसमें सोडियम, मैग्नीशियम, नाइट्रेट, पोटाशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, आयोडीन, विटमिन बी1, विरामिन बी2 और विटामिन सी अच्छी मात्रा में मिलता है। यह सभी गुण हमें निरोगी काया देने में सहायक होते है। खून बढ़ाने के मामले में इसका कोई तोड़ नहीं है। चुकंदर के गहरे रंग के पीछे उसमे पाए जाने वाला बीटानिन नाम का एक पिगमेंट है जिससे उसे यह रंग प्राप्त होता है।

चुकंदर इस प्रकार किडनी के लिए है लाभकारी

चुकंदर के पोषक तत्वों से आप कई रोगों से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। यह निरोगी काया दिलाने में सबसे उत्तम सब्जी है। यदि आप अपनी किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको इसका सेवन जरुर करना चाहिए। चुकंदर खाने से आप निम्नलिखित बीमारियों से बचे रहते हैं, जिनके कारण से किडनी खराब होने की संभावना बनी रहती है :-

उच्च रक्तचाप को काबू करे

चुकंदर के अंदर फैट और सोडियम ना के बराबर होते है। इसमें पोटाशियम मिलता है जो उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। एक अध्यन के मुताबिक अगर कोई चुकंदर के रस का चार हफ़्तों तक नियमित रूप से सेवन करे तो उच्च रक्तचाप नियंत्रण में आ जायगा। लेकिन जूस की मात्रा कम से कम एक गिलास होनी चाहिए।

दिल को स्वस्थ रखे

जैसा की आपको ऊपर पढने को मिला की यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है। अगर आपका रक्तचाप नियंत्रण में रहेगा तो आपका दिल भी सुरक्षित रहेगा। चुकंदर को आहार में शामिल करने से आपके शरीर में साफ़ रक्त का संचार होगा जिससे आपको दिल से जुडी बीमारियों का खतरा नहीं रहता।

मधुमेह बढ़ने से रोके

चुकंदर में फाइबर अच्छी मात्रा में मिलता है जो रक्त में शर्करा यानि मीठे की मात्रा को कम करने में मदद करता है। चुकंदर में एक खास तरह का फाइबर मिलता है जो हाइपोग्लाइसीमिया को कम करने काफी हद तक मदद करता है। हाइपोग्लाइसीमिया रक्त में मीठे कि मात्रा बढाने का एक अन्य कारण होता है। एक अध्यन से इस बारे में पता लगाया गया है। शुगर कम करने के लिए आप दोपहर और रात के भोजन के बाद चुकंदर का सेवन करे।

पाचन को दुरुस्त करे

अगर आप अपना खराब हुआ पाचन सुधारना चाहते हैं तो आपको अपने आहार में चुकंदर को किसी न किसी रूप में शमिल जरुर करना चाहिए। विशेषकर चुकंदर का जूस पाचन की गुणवत्ता को बढाने में मदद करता है। अगर आप सफ़ेद चुकंदर का सेवन करते हैं तो आपका पाचन तेज़ी से मजबूत होगा। पेट को स्वस्थ रखने में सबसे उपयोगी चीजों में चुकंदर शामिल होता है। तो इसे आहार में जरुर अपनाएं।

वजन बढ़ने से रोके

चुकंदर में भी अन्य बाकि सब्जियों के साथ अच्छी मात्रा में फाइबर मिलता है जो वजन कम करने में सहयक होता है। लेकिन चुकंदर में एक खास तरह का फाइबर होता है जो वजन कम करने के साथ साथ सेहत को दुरस्त करता है। इसके साथ यह वजन बढ़ने के मुख्य कारण ‘मीठा’ खाने की इच्छा को कम करता है। दरअसल, चुकंदर के पास पहले से ही अपनी कुदरती मिठास होती है। जिसके कारण यह आपको भोजन में अधिक कित्रिम मिठास या चीनी की जरूरत नहीं पड़ती और आपका वजन भी नहीं बढ़ता। तो भोजन में कित्रिम मिठास को दूर करने के लिए भोजन के साथ इसे सलाद में आज से ही इस्तेमाल करे।

हड्डियों को मजबूत करे

हड्डियों को मजबूत करने के लिए कैल्शियम की जरुरत होती है जो चुकंदर में काफी मात्रा में मिलता है। किडनी का एक कार्य हड्डियों को मजबूत करने का भी होता है जो किडनी ख़राब हो जाने के बाद वह नहीं कर पाती।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

एक तरफ जहां अंग्रेजी उपचार में किडनी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट का सहारा लेना पड़ता है, वहीं आयुर्वेद में केवल जड़ी-बूटियों कि मदद से खराब किडनी को पुनः ठीक किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा ने आयुर्वेद कि मदद से आयुर्वेद में क्रिएटिनिन को कम करने आयुर्वेदिक दवा उसे नीचे लाया है कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना 1937 में धवन परिवार द्वारा की गई थी। इस समय प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक  डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा का नेतृत्व कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने  केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया हैं। वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। आज के समय में "कर्मा आयुर्वेदा" प्राचीन आयुर्वेद के जरिए  "क्रिएटिनिन को कम करने आयुर्वेदिक दवा" जैसी गंभीर बीमारी का सफल इलाज कर रहा है।

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