किडनी हमारे शरीर में बहने वाले खून को साफ करती है और में मौजूद सारे अपशिष्ट उत्पादों को उसमे से अलग कर देती है। हमारे खून में सोडियम, यूरिक एसिड, फॉस्फोरस, पोटेशियम, शर्करा, अम्ल आदि उत्पाद मिलते हैं, जिन्हें किडनी खून से अलग कर देती है और इन्हें पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकाल देती है। किडनी के काम को देखते हुए हमें इसको स्वस्थ बनाएं रखना चाहिए। हम कई तरीकों से किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं, इसमें सबसे ज्यादा आसान तरीका है खाना। जी हाँ, हम अपने खाने की मदद से अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं। आप “परवल” की मदद से भी अपनी किडनी को स्वस्थ रखते हैं।
परवल में क्या है खास?
भारत के सभी हिस्सों में परवल बड़ी आसानी से मिल जाता है, यह सभी कुकुरबिटेसी के परिवार से सम्बन्ध रखता है, जिसमे ककड़ी, स्क्वैश जैसी सब्जियां आती है। लेकिन इस परिवार में केवल परवल ही सदाबहार होता है, यह आपको पुरे साल बाज़ार में मिलता है। परवल भारत महत्वपूर्ण सब्जियों में से एक है। परवल को त्रिकोसांथेस डीओइका, पटोला, और हरा आलू के नामो से भी जाना जाता है।
परवल वैसे तो एक आम सब्जी है लेकिन इसे आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी जाना जाता है। क्योंकि परवल कब्ज, बुखार, त्वचा संक्रमण, घावों, कम भूख और पाचन तंत्र संबंधी बीमारियों के इलाज में प्रयोग किया जाता है। परवल के अंदर कई औषधीय गुण भी होते हैं जिनकी मदद से यह आपको रोगों से दूर रखती है। परवल में विटामिन ए, विटामिन बी1 विटामिन बी2 और विटामिन सी जैसे विटामिन काफी अच्छी मात्रा में मिलते हैं।
इसे प्राकृतिक एफ्रोडाइसियाक (aphrodisiac) भी माना जाता है जो यौन जीवन को बढ़ा सकता है। इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व भी होते है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम होता है। इसमें कैलोरी कम होती है, इसलिए यह बाकी सब्जियों की तुलना में काफी पौष्टिक है। कुछ हिस्सों में इसे मिठाई बनाने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
किडनी को ऐसे स्वस्थ रखे परवल
परवल आपकी किडनी को भी कई समस्याओं से बचा कर रखता है। अगर आप अपने आहार में परवल को शामिल करते हैं तो आप कई ऐसी समस्याओं से दूर रहते हैं जिनके कारण आपकी किडनी खराब हो सकती है। तो चलिये जानते हैं आखिर कैसे परवल किडनी को स्वस्थ रखता है :-
मधुमेह काबू करे
अगर आप मधुमेह से बचना चाहते है तो आपको अपने आहार में परवल को जरुर शामिल करना चाहिए। परवल की सब्जी बनाते समय इसके बीजों को फेंकना नहीं चाहिए क्योंकि वे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। आप अपने आहार में अच्छी मात्रा परवल का सेवन कर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं। मधुमेह बढ़ने से किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
वजन कम करे
जब किसी व्यक्ति का वजन बढ़ने लगता है तो वह कई समस्याओं से घिरने लगता है, ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि एक मोटा शरीर बीमारियों का घर होता है। अगर आप अपने वजन को कम करना चाहते है तो आपको अपने आहार में परवल को शमिल करना चाहिए। इसमें कैलोरी बहुत ही कम होती है। तो इसका उपयोग कर आप अपने वजन को कम करने के लिए बिना किसी संदेह के खा सकते हैं। यह आपके पेट को पूर्ण महसूस करने में मदद करता है और खाने की जरूरत को भी नियंत्रित करता है। ऐसे में हमे चाहिए की अपना वजन कम करें, क्योंकि वजन बढ़ने के कारण व्यक्ति मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या से घिर जाता है और उसकी किडनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
खून साफ करे परवल
किडनी हमारे शरीर में खून साफ करने का सबसे जरुरी काम करती है, इससे हमारे शरीर से अपशिष्ट उत्पाद पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकल जाते हैं और शरीर में रसायनों का संतुलन बना रहता है। लेकिन आप परवल खाकर भी अपना खून साफ कर सकते हैं। परवल के सेवन से हमारे खून, ऊतकों को साफ करने में मदद करता है। खून का साफ होना हर इंसान के लिए महत्वपूर्ण होती है।
पाचन को दुरुस्त करे
हमें अपने पाचन तन्त्र को हमेशा दुरुस्त बना कर रखना चाहिए। अगर आपका पाचन तन्त्र खराब है तो आपको कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमे किडनी में भी समस्या आना आम बात है। आप परवल को अपने आहार में शामिल कर अपने पाचन को दुरुस्त तन्त्र को मजबूत कर सकते हैं। परवल फाइबर के मामले में धनि होता है, जो उचित पाचन को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह गैस और लिवर से जुडी समस्याओं का हल करने में भी मदद करता है। इसके सेवन से आपको संतुष्टि का आभास होता जिसके चलते आपको बार-बार भूख भी नहीं लगती।
किडनी खराब होने के कारण
किडनी कभी भी अपने आप खराब नहीं होती। किडनी कुछ कारणों के चलते खराब होती है। किडनी खराब होने के खास कारण निम्नलिखित हैं –
उच्च रक्तचाप –
हमेशा उच्च रक्तचाप रहने के कारण से भी किडनी खराब हो सकती है। उच्च रक्तचाप के पीछे सोडियम यानि नमक होता है, अगर रक्त में सोडियम की मात्रा अधिक हो जाए तो व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की समस्या उत्पन्न होने लगती है। उच्च रक्तचाप के कारण शरीर में रक्त प्रवाह में समस्या होती है, साथ ही अधिक क्षार युक्त रक्त को बार बार शुद्ध करने के कारण किडनी पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और किडनी खराब हो जाती है। जो लोग हमेशा गुस्से में रहते हैं उनका रक्तचाप भी हमेशा बढ़ा हुआ रहता है। बता दें उच्च रक्तचाप के कारण व्यक्ति को दिल से जुडी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।
मूत्र संक्रमण
मूत्र संक्रमण या यूरिन ट्रैक इन्फेक्शन (UTI) एक गंभीर समस्या है। काफी बार यह समस्या खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है, लेकिन कई बार इस समस्या से निजात पाने के लिए चिकित्सक के पास जाना पड़ता है। बड़ों की तुलना में बच्चे इस बीमारी के अधिक शिकार होते हैं। मूत्र संक्रमण के दौरान किडनी पर नकारत्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे किडनी संक्रमण होने का खतरा रहता है। किडनी संक्रमण का आयुर्वेदिक उपचार समय के साथ किडनी फेल्योर जैसी गंभीर बीमारी बन जाता है। यह गंभीर बीमारी विशेषकर 10 से कम वर्ष के बच्चों को होती है। इस बीमारी की चपेट में सबसे महिलाऐं ज्यादा आती है, प्रतिशत में बात करे तो 8-9 प्रतिशत महिलाऐं इस बीमारी की शिकार होती है और 5 प्रतिशत पुरुष इस बीमारी से घिरते हैं।
दर्द निवारक दवाओं का सेवन
कुछ लोगो को हर छोटी सी बीमारी में दवा लेने की आदत होती है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। इसमें सबसे खतरनाक दर्द निवारक दवाएं होती है। अधिक मात्रा में दर्द निवारक दवाओं के सेवन से किडनी की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है। जिससे किडनी धीरे धीरे काम करना बंद कर देती है। जिसे हम आम भाषा में किडनी खराब होना कहते हैं। इसलिए हर छोटी समस्या में दर्द निवारक दवाओं का सेवन करने से बचे ज्यादा जरुरत होने पर ही दवाओं का सेवन करे। अधिक मात्रा में दर्द निवारक दवाओं के सेवन से व्यक्ति को उच्च रक्तचाप जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार
कर्मा आयुर्वेदा में प्राचीन भारतीय आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर का इलाज किया जाता है। कर्मा आयुर्वेद की स्थापना 1937 में धवन परिवार द्वारा की गयी थी। वर्तमान में इसकी बागडौर डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। आपको बता दें कि कर्मा आयुर्वेदा में किडनी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना ही विफल हुई किडनी का सफल इलाज किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा पीड़ित को बिना डायलिसिस और किडनी ट्रांस्पलेंट के ही पुनः स्वस्थ करता है। कर्मा आयुर्वेद बीते कई वर्षो से इस क्षेत्र में किडनी पीड़ितों की मदद कर रहा है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। डॉ. पुनीत धवन ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। साथ ही आपको बता दें कि डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया हैं। वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना।