पेशाब में प्रोटीन के लिए आयुर्वेदिक उपचार

अल्कोहोल और किडनी रोग

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जब किसी व्यक्ति की तबीयत खराब होती है तो सभी डॉक्टर पेशाब जांच करने की सलाह देते हैं। यूरिन के रंग से डॉक्टर को बीमारी की जड़ तक पंहुचने में मदद मिलती हैं। अगर यूरिन में दुर्गंध आती हैं, अनियमितता हैं या फिर झाग बन रहा है तो ये कई बीमारियों के संकेत हो सकते हैं। अगर झाग भरा पेशाब आता हैं या फिर पेशाब में बुलबुले उठते हैं तो आपको वक्त रहते सावधान होने की जरूरत हैं। पेशाब में झाग बनना कई बीमारियों के संकेत होते हैं।

आज हम आपको बता रहे हैं कि पेशाब में किस तरह के झाग बनने पर आपको सावधान हो जाना चाहिए। साथ ही इस चीज का भी जिक्र करेंगे कि पेशाब में झाग बनने पर आपको सावधान हो जाना चाहिए। साथ ही इस चीज का भी ध्यान रखें कि पेशाब में झाग बनने से कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा पैदा हो जाता हैं।

जब भी आपको पेशाब में गहरा झाग दिखे तो आपको सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि हल्का झाग तो हर किसी को पेशाब करते वक्त नज़र आता हैं, लेकिन अगर पेशाब का रंग गहरा पीला, बदबूदार और झागयुक्त दिखें तो आपको जल्दी से डॉ. पुनीत धवन से संपर्क करना चाहिए क्योंकि कई बार से लक्षण किडनी खराब होने के भी होते हैं।

अगर आपके पेशाब करने की मात्रा घट गई हैं या फिर जरूरत से ज्यादा बढ़ गई हैं तो स्वास्थ्य के लिहाज से ये भी ठीक नहीं हैं। जब आप तनाव में होते हैं तो यूरिन में झाग बनता है। इसकी वजह हैं एलब्यूमिन, एक तरह का प्रोटीन हैं जो यूरिन में पाया जाता हैं और ज्यादा तनाव लेने से किडनी से यह प्रोटीन लीक आउट होता हैं।

साथ ही दिल से जुड़ी बीमारी होने पर भी पेशाब में कई हरकत होने लगती हें। यूरिन में झाग बनने का इशारा कई बार ह्रदय की ओर भी होता हैं। पेशाब में प्रोटीन की ज्यादा मात्रा होने के कारण स्ट्रोक के चांस भी ज्यादा बनते हैं, इसलिए इसे जरा भी नज़रअंदाज ना करें और तुरंत डॉ. पुनीत धवन से आयूर्वेदिक उपचार करवाएं।

पेशाब में प्रोटीन का कारण:

  • सर्दी के लिए एक्सपोजर
  • भावनात्मक तनाव होना
  • बुखार होना
  • गर्मी के लिए एक्सपोजर
  • सख्त व्यायाम़
  • किडनी में सूजन
  • होडकिन की बीमारी
  • किडनी इंफेक्शन
  • ल्यूकेमिया
  • गर्भावस्था
  • पेरीकार्डिटिस
  • सिकल सेल एनीमिया

पेशाब में प्रोटीन के लिए सबसे मुश्किल कारण उपर्युक्त शर्तों में से कोई भी 65 वर्षों से अधिक होने के नाते किडनी रोग का पारिवारिक इतिहास, अफ्रीकि अमेरीकी, मूल अमेरीकी, हिस्पैनिक या प्रशांत द्वीपसमूह होने और कुछ दवाएं लेना शामिल हैं।

पेशाब में प्रोटीन के लक्षण:

पेशाब के कई सामान्य लक्षण हैं जो अनुभव किए जा सकते हैं। जब कोई व्यक्ति के पेशाब से प्रोटीन से पीडित होता हैं। तब सबसे पहले पीड़ित के पेशाब में प्रोटीन की अपस्थिति के अलावा कोई भी लक्षण नहीं हो सकते हैं। जैसे-जैसे समय बढ़ता हैं वैसे ही शरीर से निकलने वाला पेशाब शौचालय में फोम की एक बड़ी मात्रा में शामिल हो सकता हैं। प्रोटीनुरिया कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। फिर भी अनुपचारित लक्षण प्रकट शुरू कर फोम की एक बडी मात्रा में शामिल हैं।

  • पेशाब उत्पादन में बदलाव
  • अचानक वजन बढ़ना या घटना
  • पेट में सूजन
  • फैनिल पेशाब
  • हाथ, पैर और टखने में सूजन
  • चेहरे का सूज जाना

आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था जहां किडनी फेल्योर और प्रोटीनुरिया का आयुर्वेदिक उपचार, किडनी मरीजों का इलाज किया जाता हैं। किडनी की समस्या एक गंभीर बीमारी हैं, जिसमें लोगों की जान भी जा सकती हैं, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा एकमात्र उपचार केंद्र हैं जो आयुर्वेदिक दवाओं से मरीजों का उपचार करते हैं। इस अस्पताल के नेतृत्व में धवन परिवार की 5वीं पीढ़ी यानी डॉ. पुनीत धवन हैं। डॉ. पुनीत 35 हजार से भी ज्यादा किडनी के मरीजों को रोग मुक्त किया हैं।

आयुर्वेद चिकित्सा शरीर, मन और आत्मा का एक प्राचीन विज्ञान हैं। इसमें जड़ी-बूटियों और ऑरगेनिक का उपयोग होता हैं। आयुर्वेदिक दवाईयां जैसे की वरूण, कासनी, गोखुर, पुनर्नवा और शिरिष जैसी जड़ी-बूटियों से बनती हैं। ये जड़ी-बूटियां 100% प्राकृतिक होती हैं और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता हैं। साथ ही कर्मा आयुर्वेदा में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और पूर्व-ऐतिहासिक तकनीकों के उपयोग के साथ हजारों किडनी रोगियों का सफलापूर्वक इलाज किया जाता हैं।

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