हमारी किडनी शरीर में संतुलन बनाए रखने के कई कार्यों का निष्पादन करती है। वे अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करके पेशाब से बाहर निकालती है और निष्कासन करती है। किडनी शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करती है। वह अतिरिक्त अम्ल और क्षार निकालने में मदद करते हैं जिससे शरीर में एसिड और क्षार का संतुलन बना रहता है। साथ ही शरीर में किडनी का मुख्य कार्य खून में शुद्धिकरण करना है। जब बीमारी के कारण दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य नहीं कर सके, तो किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिसे हम किडनी फेल्योर कहते हैं। “महिलाओं में किडनी फेल्योर के लक्षण”
महिलाओं में किडनी फेल के कारण:
किडनी फेल्योर के दो कारक के होते हैं, पहला एक्यूट किडनी फेल्योर। जिसका मतलब होता है कि आपकी किडनी अस्थायी रूप से बंद हो गई है। ये किडनी फेल्योर आमतौर पर पूरी तरह ठीक हो जाता है और इसमें डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत नहीं पड़ती है। एक्यूट किडनी फेल्योर होने का सबसे सामान्य कारण डायरिया होता है। डायरिया के कारण ही शरीर से पानी निकल जाने की वजह से किडनी को हानि होती है। इसके अलवा एक्यूट किडनी फेल्योर के कारणों में दवाएं (खासतौर पर पेन किलर और एंटिबायॉटिक्स) शामिल है। “महिलाओं में किडनी फेल्योर के लक्षण”
दूसरा किडनी फेल्योर को क्रोनिक किडनी फेल्योर कहा जाता है। इसे सीकेडी अर्थात क्रोनिक किडनी डिजीज के नाम से पुकारा जाता है। इस प्रकार के किडनी फेल्योर में समय के साथ-साथ किडनियां पूरी तरह खराब हो जाती है और इसके इलाज के दो ही विकल्प होते है। पहले में या तो किडनी प्रत्यारोपण कराएं या फिर सारी उम्र डायलिसिस पर रहें। डायबिटिज और हाई ब्लड प्रेशर क्रोनिक डिजीज के मुख्य कारण है। “महिलाओं में किडनी फेल्योर के लक्षण”
महिलाओं में किडनी फेल होने के लक्षण:
वैसे तो मानव शरीर का हर अंग बेहद जरूरी है, लेकिन किडनी की अपनी ही विशेषता है। ये रक्त में मौजूद पानी और विषैले पदार्थों को अलग करने का काम करती है। इसके अलावा किडनी हमारे शरीर में रक्तचाप निंयत्रण, सोडियम व पोटेशियम की मात्रा में नियंत्रण और खून की अम्लीयता में नियंत्रण करने का महत्वपूर्ण कार्य करती है। मानव शरीर की अंदरूनी गतिविधियां दिल के बाद सबसे ज्यादा किडनी पर निर्भर करती है जैसे-
- बार-बार पेशाब आना
- पैर में सूजन आना
- भूख कम लगना
- कमजोरी महसूस होना
- नींद कम आना
ये किडनी फेल्योर को संकेत है आमतौर पर लोग इस लक्षणों को नजरअंदाज कर देते है जबकि ऐसे लक्षणों को लगातार होने पर साधारण यूरिन टेस्ट करवाना चाहिए। अगर यूरिन जांच में किसी तरह की कोई समस्या नहीं दिखें तो इसका मतलब है कि आपको सूजन और थकान अधिक काम करने या चलने की वजह से हुई है। “महिलाओं में किडनी फेल्योर के लक्षण”
महिलाओं में किडनी फेल्योर के लक्षणों का आयुर्वेदिक उपचार
आमतौर पर देखा गया है कि, आयुर्वेदिक किडनी के इलाज के लिए ज्यादातर डॉक्टर किडनी प्रत्यारोपण या डायलिसिस की सलाह देते हैं, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार में डायलिसिस और प्रत्यारोपण के बिना उपचार किया जाता है। आयुर्वेदिक दवाओं में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जो किडनी रोग को जड़ से खत्म करती है।
बता दें कि, नई दिल्ली के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपचार केंद्र में से एक कर्मा आयुर्वेदा है जो 1937 में स्थापित किया गया था और आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। डॉ. पुनीत हर साल हजारों किडनी रोगियों का इलाज करते हैं। “महिलाओं में किडनी फेल्योर के लक्षण”