किडनी के लिए लाभकारी है “मूंग दाल”

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी के लिए लाभकारी है “मूंग दाल”

दाल हमारे खाने का सबसे अहम हिस्सा है, भारत में दाल के बिना खाने की थाली अधूरी मानी जाती है क्योंकि दालें स्वाद और सेहत के हिसाब से खाने का सबसे अहम हिस्सा है। वैसे तो सभी दालें हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है लेकिन मूंग दाल एक ऐसी दाल है जो कि स्वास्थ्य के लिए सबसे खास है। मूंग दाल के महत्व को आप इस प्रकार समझ सकते हैं कि जैसे ही हम बीमार पड़ते हैं डॉक्टर हमे मूंग दाल खाने की सलाह देते हैं और वहीं कई लोग नाश्ते में स्प्राउट्स के तौर पर मूंग की दाल खाना पसंद करते हैं। मूंग दाल भले ही एक आहार सामग्री है लेकिन यह किसी आयुर्वेदिक औषधि से कम नहीं है। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि मूंग दाल खाने से हमारी किडनी भी स्वस्थ बनी रहती है। आप सभी इस बात से वाकिफ हैं कि किडनी हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दिन भर खून साफ़ करने का काम करती है, जिसकी वजह से हमारे शरीर का शारीरिक विकास बिना किसी रूकावट के होता रहता है।

मूंग दाल में क्या-क्या पोषक तत्व मिलते हैं?

मूंग दाल जितनी खाने में स्वादिष्ट होती है उतने ही इसमें पौष्टिक तव्व भी मिलते हैं। अन्य दालों के मुकाबले इस दाल में सबसे ज्यादा पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं और यह हमारी सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव भी नहीं डालती। मूंग दाल में फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक एसिड, कार्बनिक एसिड, अमीनो एसिड, कार्बोहाइड्रेट और लिपिड जैसे पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा मूंग दाल में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीडायबिटिक, एंटीहाइपरटेंसिव और एंटीट्यूमर गुण पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करने में मददगार हो सकते हैं। मिनिरल्स में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक, मैंगनीज, कॉपर और सेलेनियम मिलता है। वहीं विटामिन्स की बात करें तो मूंग दाल में विटामिन सी, थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन-बी 6, फोलेट, कोलीन, विटामिन-ए, बीटा कैरोटिन और विटामिन-के प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।

मूंग दाल किडनी के लिए किस प्रकार है फायदेमंद?

आपने ऊपर पढ़ा कि मूंग दाल में कितने सारे पौष्टिक तत्व मिलते हैं, यह सभी पौष्टिक तत्व हमें कई ऐसी समस्याओं से बचा कर रखते हैं जो कि भविष्य में किडनी खराब होने के कारक बन सकते हैं। मूंग दाल निम्न वर्णित समस्याओं से छुटकारा दिलाकर किडनी को खराब होने से बचाती है।

मधुमेह में दिलाए राहत

मधुमेह एक ऐसी समस्या है जो एक बार हो जाए तो उम्र भर इससे छुटकारा पाना काफी मुश्किल होता है। रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ने और इन्सुलिन की मात्रा घटने पर मधुमेह की बीमारी होती है जिसके कारण व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन मूंग दाल के नियमित सेवन से आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। मूंग दाल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं, यह गुण रक्त में मौजूद शर्करा के स्तर को कम कर इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ा कर इस समस्या से छुटकारा दिलाने में फायेदमंद होते हैं। आपको बता दें कि मधुमेह किडनी खराब होने का सबसे कारण माना जाता है, ऐसे में इसे काबू करना काफी जरुरी होता है।

हड्डियों को करे मजबूत

मूंग दाल शरीर में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में मिलता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने और उन्हें स्वस्थ रखने में काफी मददगार होता है। मूंग दाल खाने से किसी भी प्रकार के फ्रैक्चर को जल्द से जल्द ठीक करने में मदद मिलती है। मूंग दाल से कैल्शियम मिलता है जिससे आपकी हड्डियों के निर्माण में किसी भी तरह की रुकावट नहीं होती साथ ही तनाव कम होता है। आपको बता दें कि किडनी हमारी हड्डियों को मजबूत करने का कार्य भी करती है, लेकिन किडनी खराब होने पर वह अपने इस कार्य को करने में असमर्थ हो जाती है।

इम्यून सिस्टम बढ़ाए

मूंग दाल में आयरन और विटमिन ए होता है जो कि मानव शरीर में इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करते हैं, जिसके कारण शरीर में मौजूद डब्लूबीसी एक्टिव हो जाता है। यह हमारे शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए प्राकृतिक ताकत देता है।

पाचन के लिए लाभकारी

मूंग दाल में फाइबर और प्रोटीन अच्छी मात्रा में मिलते हैं, जो कि पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए काफी लाभकारी होते हैं। इसके अलावा, इसमें पाए जाने वाले अन्य घटक जैसे कि ट्रिप्सिन इन्हिबिटर्स, हीमगलगुटिनिन, टैनिन  और फाइटिक एसिड भी पाचन तंत्र को ठीक करने के साथ ही शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में फायदेमंद हो सकते हैं।

रक्तचाप को काबू रखे

मूंग दाल में पोटेशियम उचित मात्रा में मिलता है जो उच्च रक्तचाप को काबू करने में काफी सहायक होता है। पोटेशियम रक्त में सोडियम की मात्रा को कम कर रक्त वाहिकाओं को शांत करके उन्हें फैलने में मदद करता है। इससे रक्त प्रवाह सुचारू रूप से होता है और उच्च रक्तचाप की समस्या नहीं होती। जब कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहा होता है तो किडनी पर काम का बोझ पड़ने लगता है और किडनी के नेफ्रोन क्षतिग्रस्त होने लगते हैं जिससे किडनी खराब होने लगती है। इसलिए उच्च रक्तचाप से बचने और किडनी को स्वस्थ रखने के लिए हमें मूंग दाल का सेवन जरुर करना चाहिए।

किडनी फेल्योर के लिए आयुर्वेदिक उपचार सबसे बेहतर 

वर्तमान समय में बहुत से लोग किडनी फेल्योर से जूझ रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमे सबसे बड़ी समस्या है किडनी डायलिसिस। डायलिसिस कहने में तो किडनी फेल्योर का उपचार है लेकिन किडनी रोगियों के लिए यह सबसे बड़ी समस्या है। किडनी रोगियों को हमेशा आयुर्वेदिक किडनी उपचार का ही रूख करना चाहिए क्योंकि इस उपचार पद्धति में बिना डायलिसिस और बिना किडनी ट्रांसप्लांट के ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है।

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