क्या अंकुरित मेथी से किडनी स्वस्थ रहती है?

अल्कोहोल और किडनी रोग

dr.Puneet
+91
OR CALL
9971829191
क्या अंकुरित मेथी से किडनी स्वस्थ रहती है?

भारतीय खाने में मसालों का भरपूर प्रयोग किया जाता है, एक तरफ तो यह मसालें खाने का स्वाद बढ़ाते हैं वहीं दूसरी तरफ यह खाने में अपने औषधीय गुण भी देते हैं। देखा जाए तो हर मसाला अपने आप में एक खास औषधि है जिनके प्रयोग से हम कई शारीरिक समस्याओं से बड़ी आसानी से छुटकारा पा सकते हैं, शायद इसीलिए इन्हें खाने में प्रयोग किया जाता रहा है। आज इस लेख में हम एक ऐसे ही मसाले के ऊपर चर्चा करेंगे कि आखिर कैसे यह आम-सा मसाला हमें और हमारी किडनी को स्वस्थ बनाएं रखने में हमारी मदद कर सकता है।

मेथी दाना मसाला नहीं, यह है खास एक औषधि

मेथी दाना एक ऐसा मसाला है जो कि तक़रीबन हर भारतीय रसोई में बड़े आराम से मिल जाता है। यह खाने में कड़वा और गेहुंए रंग का होता है, अगर इसका प्रयोग खाने में किया जाए तो इसके दाने खाने का स्वाद एक दम बदलव देते हैं, साथ ही उसमे कई औषधीय गुण भी डालते हैं। मेथी अपने हर रूप में गुणों से भरपूर होती है, अब आप इसे चाहे सर्दियों में पत्तों के रूप में प्रयोग करों या फिर इसके पत्तों को सुखाकर, या चाहे बीज के रूप में इसके गुणों में कोई फर्क नहीं आता उल्टा बीज के रूप में इसके गुण बढ़ जाते हैं।

मेथी के बीजों के औषधीय गुणों के बारे में बात की जाए तो इसमें आपको कैरोटीन, कॉपर, जिंक, सोडियम, फोलिक एसिड और मैग्नीशियम जैसे गुण भरपूर मात्रा में मिलते हैं। लेकिन अंकुरित होने के बाद मेथी दानों के सभी गुणों में काफी वृधि हो जताई है। इन गुणों के अलावा, अंकुरित होने के बाद मेथी में विटामिन सी, प्रोटीन, फाइबर, नियासिन, पोटेशियम, आयरन और एल्कलॉइड (alkaloids) की अच्छी मात्रा मौजूद रहती है। तो यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर आप मेथी के दानों का प्रयोग अंकुरित करने के बाद करते हैं तो निश्चित ही इससे आपकी सेहत में काफी सुधार मिलेगा। अगर आप अपने जीवन में अंकुरित मेथी को अपनाते हैं तो आप मधुमेह, मोटापा, हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों से कोसो दूर तो रहते ही है साथ ही इससे आपकी किडनी भी स्वस्थ बनी रहती है।

अंकुरित मेथी ऐसे रखती है किडनी को स्वस्थ

आपने अभी ऊपर जाना कि अंकुरित होने के बाद मेथी दानों के गुणों में किस प्रकार वृधि हो जाती है और यह दाने अपने इन्ही गुणों की मदद से आपकी किडनी को स्वस्थ रखते हैं। दरअसल, अंकुरित होने के बाद मेथी आपको कई ऐसी बीमारियों से दूर रखती है जिनसे निकट भविष्य में या आने वाले भविष्य में किडनी खराब होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसलिए किडनी को स्वस्थ रखने के लिए अंकुरित मेथी को अपने जीवन में अपनाकर निम्न वर्णित समस्याओं से छुटकारा पा लेना चाहिए :-

मधुमेह को काबू रखे

मधुमेह रोगियों को अंकुरित मेथी का सेवन जरूर करना चाहिए। इसके सेवन से रक्त में मौजूद शर्करा (मीठे) की मात्रा कम होने लगती है, साथ ही रक्त में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ने लगती है।  रक्त में जब इन्सुलिन की मात्रा बढ़ने लगती है तो रक्त में मौजूद शर्करा का स्तर कम होने लगता है और मधुमेह काबू में आने लगता है। मधुमेह एक ऐसा रोग है जो कि एक बार हो जाए तो इससे छुटकारा पाना काफी मुश्किल हो जाता है और यह कई जानलेवा बीमारियों को भी जन्म देता है, जिसमे किडनी का खराब हो जाना सबसे खतरनाक है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मधुमेह किडनी खराब होने के सबसे बड़े कारणों में एक है।

मूत्र विकार से राहत दिलाएं

किडनी का विशेष कार्य होता है हमारे शरीर में अपशिष्ट उत्पादों को पेशाब के जरिए शरीर से बहार निकालना। लेकिन किडनी खराब होने या किसी प्रकार का मूत्र संक्रमण होने पर हमारे शरीर से सही मात्रा में पेशाब बहार नहीं निकल पता। परिणामस्वरूप हमारे शरीर में कई बीमारियां उतपन्न होने लग जाती है। इससे बचाव के लिए आप अंकुरित मेथी की मदद ले सकते हैं। अंकुरित मेथी के दाने को नियमित रूप से खाने या इसका जूस पीने से मूत्र संबंधित सभी विकारों से मुक्ती मिलती है और इससे किडनी के कार्य में भी बाधा नहीं आती।

वजन को काबू करे

अंकुरित मेथी से वजन कम होने में काफी अच्छी मदद मिलती है। दरअसल, यह आपकी भूख को नियंत्रण में कर आपका वजन कम करता है। मेथी में गैलेक्‍टोमैनन नाम से जाना जाने वाला पॉलिसाक्साइड तत्व अच्छी मात्रा में मिलता है जो कि भूख को नियंत्रण में रखता है। साथ ही साथ पौषक तत्व व्यक्ति के अंदर संतुष्टि के भाव को भी उत्पन्न करता है, जिससे जरुरत से जयदा खाने की इच्छा नहीं होती। इसके अतिरिक्त मेथी में 75 प्रतिशत घुलनशील फाइबर होता है जो कि आपके पाचन को ठीक कर आपके शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद करता है। वजन कम करने के लिए आप कुछ अंकुरित मेथी के दानों का खली पेट सेवन करे, व रात को भोजन लेने से आधा घंटे पहले अंकुरित मेथी का सेवन करे। कुछ ही दिनों में आपका वजन कम होने लगेगा। बढ़ा हुआ वजन आपके शरीर को बीमारियों का घर बना देता है, जिसमे आपको मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएँ सबसे ज्यादा होती है और यह दोनों ही किडनी खराब होने के सबसे बड़े कारण है।

पाचन को दुरुस्त बनाएं

यदि हमारा पाचनतंत्र ठीक नहीं है तो हमारे शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है और व्यक्ति कई शारीरिक समस्याओं से घिरने लगता है। पाचन तन्त्र को स्वस्थ रखने के लिए इस समय बाज़ार में हजारों दवाएं मौजूद है, जिनसे आपको कुछ समय भर के लिए ही राहत मिलती है। लेकिन हम इसे घर पर ह अंकुरित मेथी की मदद से ठीक कर सकते हैं। अंकुरित मेथी में एंटीआक्‍सीडेंट भरपूर मात्रा में मिलता है जो कि  पेट के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम को ताक़त प्रदान करता है, जिससे हमारा पाचन तंत्र अधिक कुशलतापूर्वक से काम करने लगता है। पाचन तन्त्र खराब होने पर इसका बुरा असर किडनी पर पड़ता है जिससे किडनी के फिल्टर्स क्षतिग्रस्त होने लगते है और व्यक्ति को कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है।

कोलेसट्रॉल को काबू रखे

अंकुरित मेथी के दानों की मदद से आप लगातार बढ़ते बुरे कोलेसट्रॉल को भी कम कर सकते हैं। नियमित रूप से अंकुरित मेथी का सेवन कर आप अपने शरीर में घटते एचडीएल के स्तर को बड़ा सकते हैं। इसकी मदद से आपका कोलेसट्रॉल तो कम होगा ही साथ ही ट्राइग्लिसराइड भी कम होने लगेगा। इसके साथ-साथ अंकुरित मेथी रक्त धमनियों में उतपन्न होएं वाले अवरोध को भी होने से रोकती है। दरअसल, अंकुरित मेथी में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है, जो रक्त में उपस्थित कोलेस्ट्रॉल के कणों को ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करने से रोकता है। क्योंकि, अगर कोलेस्ट्रॉल के कणों और ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया हो जाय तो यह आपकी रक्त धमनियों में अवरोध उतपन्न कर सकता है।  इस तरह से आप अपने शरीर में उपस्थित हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए अंकुरित मेथी का उपयोग कर सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने की वजह से रक्त प्रवाह में समस्या आने लगती है, जिससे किडनी के कार्यों में अवरोध आने लगता है जिससे किडनी के फिल्टर्स क्षतिग्रस्त होने लगते है और निकट भविष्य में किडनी खराब हो जाती है।

हृदय को रखे स्वस्थ

अंकुरित मेथी के दानों का नियमित रूप से सेवन कर आप अपने हृदय को स्वस्थ बनाने की ओर पहला कदम उठा सकते हैं। अंकुरित मेथी को कार्डियोवैस्कुलर लाभ दिलाने के लिए जाना जाता है जो कि आपके हृदय के लिए काफी मदद करता है। इसके साथ ही अंकुरित मेथी के सेवन से बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर धटने लगता है, जिससे दिल के दौरे की संभवना घट जाती है साथ ही अन्य हृदय विकार भी नहीं होते। यह शरीर के खून में उपस्थित ट्राईग्लीसेराइड नामक फैट के स्तर को कम करने में मदद करता है जो हृदय संबंधी समस्याओं का कारण होते हैं। अंकुरित मेथी में पोटेशियम भी काफी मात्रा में मिलता है जो कि शरीर में उपस्थित सोडियम के स्तर को नियंत्रित करता है जिससे हृदय गति और रक्तचाप को सं‍तुलित किया जा सकता है। अगर हृदय में किसी भी तरह की समस्या आ जाए तो इसका सीधा असर किडनी के काम पर पड़ने लगता है, जिससे किडनी के फिल्टर्स लगातार क्षतिग्रस्त होने लगते है। ऐसे में किडनी अपने कार्यों को ठीक से नहीं कर पाती और व्यक्ति को कई शारीरिक समस्याओं का समाना करना पड़ता है।

क्या अंकुरित मेथी से कोई नुकसान भी हो सकता है?

हमारे स्वस्थ के लिए अंकुरित मेथी काफी फायदेमंद मानी जाती है, लेकिन यह आपको नुकसान भी पहुँचा सकती है। अंकुरित मेथी के सेवन से होने वाले नुकसान से बचने के लिए आपको हमेशा कुछ सावधनियों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे आप इससे होने वाले नकारात्मक प्रभाव से दूर रह सकते हैं। इसका सेवन करते समय आपको निम्नलिखित बातों का खास ध्यान रखना चाहिए :-

  • गर्भवास्था में और एक साल तक से बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलों को अंकुरित मेथी के सेवन से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि यह तासीर में गरम होती है, जिसका बुरा प्रभाव भ्रूण और जन्मे बच्चे पर पड़ सकता है।
  • यदि आप किसी खास बीमारी के लिए दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो आप अंकुरित मेथी का सेवन दवाओं का सेवन करने के दो घंटे बाद ही करे। इस स्थिती में आप मेथी के किसी भी रूप का सेवन दो घंटे बाद ही करे।
  • अगर आपको मेथी से एलर्जी है तो आप इसका सेवन ना करे।
  • अंकुरित मेथी को कभी भी पका कर ना खाएं। ऐसा करने से अंकुरित मेथी के सारे पोषक तत्व तुरंत नष्ट हो जाएँगे।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा में प्राचीन भारतीय आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर का इलाज किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना 1937 में धवन परिवार द्वारा की गयी थी। कर्मा आयुर्वेदा में केवल आयुर्वेद द्वारा ही किडनी रोगी के रोग का निवारण किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा काफी लंबे समय से किडनी की बीमारी से लोगो को मुक्त करता आ रहा है। कर्मा आयुर्वेदा सिर्फ आयुर्वेदिक औषधियों की मदद से किडनी फेल्योर का सफल उपचार कर रहा है। वर्तमान में इसकी बागडौर डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने  केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। साथ ही आपको बता दें कि डॉ. पुनीत धवन ने 48 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया हैं। वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना।

लेख प्रकाशित