खाना हमारे लिए काफी फायदेमंद हैं, इस बात से हम सभी वाक़िफ़ हैं। इसी कारण भारत में लहसुन का प्रयोग बड़े स्तर पर किया जाता है। वेदों में इसे तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि वेदों के अनुसार लहसुन का सेवन असुर करते थे, इसे संस्कृत में अशोभक नाम से वर्णित किया गया है। प्राय: देखा जाता है कि हिन्दुओं में व्रत या फिर किसी शुभ कार्य के लिए बनाए गए भोजन में भी प्याज और लहसुन का प्रयोग नहीं किया जाता क्योंकि इन्हें शुद्ध शाकाहारी नहीं माना जाता। बावजूद इसके यह एक गुणकारी औषधि है, इसी कारण इसे आयुर्वेद में एक खास औषधि का स्थान प्राप्त है। लहसुन में बहुत से बहुत से पौषक तत्व मिलते हैं, जो अन्य रोगो के साथ-साथ किडनी रोग से मुक्ति पाने में भी काफी उपयोगी है।
लहसुन कैसे किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है?
किडनी हमारे शरीर का सबसे खास अंग है, यह हमारे शरीर में रासायनिक संतुलन बनाने का काम करती है। यह हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील अंग है, जिसके चलते यह बहुत जल्दी बिमारियों की चपेट में आ जाती है। ऐसे में लहसुन किडनी को कई प्रकार से स्वस्थ रखने में मदद करता है। लहसुन किडनी को निम्नलिखित तरीकों से स्वस्थ रखने में मदद करता है|
दिल को रखे स्वस्थ
दिल हमारे शरीर में रक्त प्रवाह करने का जरूरी कार्य करता है, लेकिन कारणों के चलते दिल बीमारियों की गिरफ्त में आ जाता है। दिल में हल्की से भी समस्या किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। लहसुन दिल के स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा आहार माना जाता है। इससे रक्त परिसंचरण में सुधार लाने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने और हृदय रोग को रोकने में मदद मिलती है। लहसुन के सेवन से एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनीकलाकाठिन्य) के विकास या धमनियों के सख्त होने की गति धीमी हो जाती है। इसके नियमित सेवन से दिल के दौरे या स्ट्रोक के जोखिम लका खतरा काफी कम हो जाता है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए आप रोजाना सुबह-सुबह 1 या 2 क्रश किए हुए लहसुन का सेवन करें। इससे आपके हृदय के स्वास्थ्य में सुधार आएगा और हृदय को रोगों से संरक्षण प्राप्त होगा।
रक्तचाप के लिए लाभदायक
उच्च रक्तचाप किडनी फेल्योर का सबसे बड़ा कारण माना जाता है, ऐसे में इसे हमेशा काबू में रखना चाहिए। लहसुन के सेवन से उच्च रक्तचाप को काबू में किया जा सकता है। लहसुन में गामा-ग्लूटामिलसीस्टीन (gamma-glutamylcysteine), नाम का एक प्राकृतिक एसीई अवरोधक होता है। यह रसायन होने की वजह से लहसुन धमनियों को चौड़ा करता है जिससे हाई बीपी नियंत्रित हो जाता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को रोजाना कुछ लहसुन की कलियों को खाली पेट खाना चाहिए। अगर आपको लहसुन का स्वाद पसंद नहीं है, तो इसे खाने के बाद आप एक गिलास दूध पी सकते हैं। लेकिन आपको इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए, इससे नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं।
गठिया के दर्द को करे कम
गठिया वैसे तो एक एक ऐसी बीमारी है जो बढती उम्र के साथ अक्सर लोगो को हो जाती है, लेकिन यह किडनी खराब होने का बड़ा लक्षण माना जाता है। जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है तो गठिया की समस्या हो जाती है। प्राचीन ग्रंथों में इसके लक्षणों को दूर करने में मदद के लिए कई पूरक या वैकल्पिक थेरेपी भी बताई गई है। हालांकि इनमें से अधिकतर उपचारों में वैज्ञानिक प्रमाण-अवधारणा नहीं है, गठिया के दर्द और सूजन के लिए ऐसा एक घर आधारित उपाय लहसुन है।
लहसुन के नियमित सेवन से गठिया की समस्या नहीं होती, इसके अलवा इसके पाउडर के सेवन से भी गठिया से आराम मिलता है। लहसुन रूमेटोइड गठिया के इलाज में ये विशेषकर लाभदायक साबित होता है। गठिये के कारण आने वाली सूजन में लहसुन काफी लाभकारी माना जाता है। इसमें निहित एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया के विभिन्न रूपों से जुड़ी सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
सूजन में राहत दिलाए
शरीर में वैसे तो सूजन आने के कई कारण हो सकते है, लेकिन यह किडनी खराब होने का एक बड़ा लक्षण भी होता है। अक्सर गठिये के कारण से भी शरीर में सूजन आ जाती है। सूजन से रहत पाने के लिए आप नियमित रूप से लहसुन का सेवन, खाली पेट कर सकते हैं। लहसुन को लेने के कई तरीके हैं। आपको ये सूखे पाउडर के रूप में और कैप्सूल या टैबलेट में के रूप में मिल सकता है। आप इसका तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें एकडायलिल डाइस्फाइड नामक यौगिक भी शामिल है जो सूजन से रहत दिलाने में मदद करता है।
कैंसर को रोकने में मददगार लहसुन
साधारण से दिखाई देने वाले लहसुन में कैंसर विरोधी गुण पाए जाते हैं। लहसुन में एलिल सल्फर यौगिकों की उपस्थिति कैंसर कोशिका को बढ़ने की प्रगति को धीमा कर सकती है। जिन लोगों के पारिवारिक इतिहास में कैंसर से कोई पीड़ित था, तो उन्हें कई प्रकार के कैंसर के खतरे को कम करने के लिए लहसुन का नियमित सेवन अवश्य करना चाहिए। लहसुन पेट, गैस्ट्रिक और कोलन कैंसर में विशेष रूप से लाभदायक होता है।
लहसुन खाने के फायदे वजन कम करने के लिए
अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो आप लहसुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। लहसुन प्रभावी रूप से सैटीएटी (satiety) हार्मोन को नियंत्रित करती है जो आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखता है। इसका मतलब है कि लहसुन खाने से आपकी भूख दबती है जिससे आप स्वास्थ्य के लिए हानिकारक स्नैक्स के साथ साथ अत्यधिक खाने से भी बच सकते हैं। वजन कम करने के लिए आप लहसुन खाली पेट लेना सबसे अच्छा तरीका है। यह तरीका लहसुन से वजन कम करने का सबसे अच्छा घरेलू उपाय माना जाता है। खाली पेट लहसुन का सेवन आपके शरीर के चयापचय को भी तेज़ी से बढ़ा कर वजन कम करने में बहुत जल्दी असर दिखाता है। इसके लिए आप हर सुबह खाली पेट दो से तीन लहसुन खाएँ।
लहसुन का उपयोग बढ़ाए प्रतिरक्षा प्रणाली
लहसुन विटामिन सी, बी 6 और सेलेनियम और मैंगनीज़ जैसे खनिज का एक अच्छा स्रोत है। यह सभी विटामिन और खनिज प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं और खनिज के अवशोषण में भी सुधार लाते हैं। इसके अलावा लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बायोटिक गुण होते हैं जो शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को मजबूत करते हैं। लहसुन हृदय रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल, सर्दी जुकाम और फ्लू सहित विभिन्न प्रकार की चिकित्सा समस्याओं में मदद कर सकता है।
पाचन प्रक्रिया में बेहद लाभकारी है लहसुन
अगर किसी व्यक्ति का पाचन तन्त्र खराब होता है तो यह कहना गलत नहीं होगा की वह कई बिमारियों से घिरा हुआ रहता होगा। ऐसे में लहसुन पाचन शक्ति को बढ़ाने के लिए पेट के कार्यों को नियंत्रित करता है। पाचन तंत्र के लिए सबसे फायदेमंद खाद्य पदार्थों में से एक लहसुन है। यह लिम्फ पर लाभकारी प्रभाव डालता है और साथ ही शरीर में मौजूद घातक पदार्थ को खत्म करने में सहायता करता है। यह पाचन रस के स्राव को बढ़ाता है। लहसुन की कलियों को कुचलकर लौंग, पानी या दूध में डाला जा सकता है और पाचन के सभी प्रकार के विकारों के लिए लिया जा सकता है।
कैसे खाएं लहसुन को?
लहसुन खाने में एक अलग प्रकार का स्वाद उतपन्न करता है। आप इसे कई प्रकार से अपने प्रयोग में ला सकते है, जैसे -
- आप इसकी रोजाना दो कलियाँ भी खा सकते हैं।
- यदि आपको लहसुन को कच्चा खाना पसंद नहीं हैं, तो आप इसे सब्जी या किसी अन्य प्रकार के व्यंजन में इसका प्रयोग कर सकते हैं।
- आप इसे पास्ता, मीट, ब्रेड (गार्लिक ब्रेड), सलाद में भी खा सकते हैं।
- आप लहसुन का अचार भी बना कर खा सकते है। अचार बनने के बाद इसके गुणकारी तत्वों पर कोई असर नहीं पड़ता लेकिन यह खाने में और भी स्वादिष्ट हो जाता है।
- पेट से जुड़ी बीमारियों जैसे डायरिया और कब्ज की रोकथाम में लहसुन बेहद उपयोगी है। पानी उबालकर उसमें लहसुन की कलियां डाल लें। खाली पेट इस पानी को पीने से डायरिया और कब्ज से आराम मिलेगा।
कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार
कर्मा आयुर्वेदा में केवल आयुर्वेद द्वारा ही रोग का निवारण किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा काफी लंबे समय से किडनी की बीमारी से लोगो को मुक्त कर रहा है। कर्मा आयुर्वेदा सिर्फ आयुर्वेदिक दवाओं से किडनी फेल्योर का सफल इलाज कर रहा है। किडनी की बीमारी से जीने की आस छोड़ चूके रोगियों को कर्मा आयुर्वेदा ने नया जीवन प्रदान किया है।
क्योंकि वह किडनी फेल्योर जैसी खतरनाक बीमारी से पीड़ित थे। कर्मा आयुर्वेद में प्राचीन भारतीय आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर का इलाज किया जाता है। कर्मा आयुर्वेद की स्थापना 1937 में धवन परिवार द्वारा की गयी थी। वर्तमान में इसकी बागडौर डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे है। आपको बता दें कि कर्मा आयुर्वेदा में डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना किडनी की इलाज किया जाता है। कर्मा आयुर्वेदा पीड़ित को बिना डायलिसिस और किडनी ट्रांस्पलेंट के ही पुनः स्वस्थ करता है।
कर्मा आयुर्वेद बीते कई वर्षो से इस क्षेत्र में किडनी पीड़ितों की मदद कर रहा है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। डॉ. पुनीत धवन ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया हैं। वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना।