रनवीर सिंह ने कर्मा आयुर्वेदा में किडनी रोग का सफल आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त किया, जिससे बिना डायलिसिस के उनकी हालत में सुधार हुआ। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
उदयपुर, राजस्थान के रहने वाले महिंदर पूरी गोस्वामी जी, किडनी की विफलता जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। किडनी खराब होने के कारण महिंदर पूरी जी को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
किडनी पेशेंट शहज राम जी की किडनी हुई ठीक कर्मा आयुर्वेदा से| बेस्ट किडनी आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट अब भारत में उपलब्ध जिससे आप अपनी किडनी को आयुर्वेदा की मदद से मजबूत बनाये
दिल्ली एनसीआर, नॉएडा की निवासी पिंकी देवी जी, किडनी की समस्या से जूझ रही थी। किडनी में आई समस्या के चलते पिंकी जी को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। पिंकी जी को बार-बार उल्टियाँ आ रही थी
शिव प्रसाद साहू - कर्मा आयुर्वेदा में किडनी पेशेंटों के लिए विशेष उपचार! अपनी किडनी सेहत को संभालें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें। बेस्ट आयुर्वेदिक किडनी उपचार के लिए किडनी ट्रीटमेंट इन इंडिया में संपर्क करे
रोगी का नाम श्रीराम कुमार है, जो कि जिला औरंगाबाद (बिहार) के रहने वाले है। रोगी श्रीराम जी किडनी फेल्योर की गंभीर स्थिति से पीड़ित थे। रोगी की हालत इतनी गंभीर थी कि, उन्हें हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाना पड़ रहा था।
पेशेंट का नाम श्रीमती रोनी (47 उम्र) है, जो कि मणिपुर की रहने वाली है। वह किडनी फेल्योर की अंतिम स्थिति से जूझ रही थी। रोगी का क्रिएटिनिन लेवल बेहद तेजी से बढ़ता जा रहा था
राजस्थान के रहने वाले किडनी पेशेंट राम गोपाल जी, जो कि क्रोनिक किडनी डिजीज की अंतिम स्थिति से पीड़ित थे और उनकी हालत बेहद नाजुक थी। जिसके चलते एलोपैथी डॉक्टर ने डायलिसिस के लिए बोल दिया था।
पेशेंट का नाम चम्पा बेगम है, जो कि ढाका (बांग्लादेश) की रहने वाली है। वह किडनी डिजीज की समस्या से जूझ रही थी। रोगी का क्रिएटिनिन लेवल धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा था
28 साल की किडनी मरीज का नाम रानी कुमारी है, जो कि पटना की रहने वाली है। वह किडनी डिजीज से जूझ रही थी। इस बीमारी की शुरूआती अवस्था में एलोपैथी डॉक्टर ने दवाइयां दी थी
रोगी का नाम रमेश चंद्र गुप्ता है, जो कि उत्तम नगर (दिल्ली) के रहने वाले हैं। वह क्रोनिक किडनी डिजीज की शुरूआती अवस्था से जूझ रहे थे और उनकी किडनी 50 से 60 प्रतिशत डैमेज हो चुकी थी।
पेशेंट का नाम मोहम्मद अशरफ (37 उम्र) है, जो कि बिजनोर के रहने वाले हैं। वह किडनी की बीमारी की शुरूआती अवस्था से जूझ रहे थे। रोगी को पहले ही ह्रदय रोग की समस्या थी
भारत का प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ किडनी की बीमारी का आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है। यह अस्पताल दिल्ली में धवन परिवार द्वारा सन् 1937 में स्थापित किया गया था
रोगी का नाम नयन मोंडल है, जो कि कोलकता की रहने वाली है। वह किडनी फेल्योर की समस्या से जूझ रही थी। रोगी का क्रिएटिनिन लेवल लगातार बढ़ने की वजह से एलोपैथी डॉक्टर ने उन्हें डायलिसिस करवाने के लिए बोल दिया गया था
अदरक मूल से रूप से एक मसाला है, जो हमारे घरो में बड़े आराम में मिल जाती है। अदरक में पाए जाने वाले अति वशिष्ट गुणों के चलते इसे आयुर्वेद में एक औषधि का दर्जा दिया गया है।
रोगी का नाम पंकज विश्वकर्मा (33 उम्र) है, जो कि मुंबई के रहने वाले हैं। रोगी पंकज जी की किडनी गंभीर रूप से डैमेज हो चुकी थी। साथ ही उनका क्रिएटिनिन लेवल भी काफी बढ़ चुका था और लगातार बढ़ता ही जा रहा था।
31 साल के किडनी पेशेंट, नाम अतुल कुमार सिंह है। वह क्रोनिक किडनी डिजीज की अंतिम स्थिति से पीड़ित थे। रोगी का क्रिएटिनिन स्तर लगातार बढ़ता जा रहा था
रोगी का नाम सोमन दत्ता (30 उम्र) है, जो कि त्रिपुरा से आए है। वह किडनी फेल्योर की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। रोगी के बढ़ते क्रिएटिनिन की वजह से उन्हें डायलिसिस के लिए बोल दिया गया था। साथ ही इस बीमारी के कारण उन्हें अन्य जटिलताओं का भी सामना करना पड़ रहा था
रोगी का नाम विलास एस पाटील (उम्र 33) है, जो कि कोल्हा (महाराष्ट्र) से आए हैं। वह किडनी की बीमारी की शुरूआती अवस्था से जूझ रहे थे। रोगी को अधिक प्रोटीन लीकेज की समस्या थी और क्रिएटिनिन लेवल भी लगातार बढ़ता जा रहा था।
रोगी का नाम शाहिदुल्लाह कैसर है, जो कि बांग्लादेश के रहने वाले हैं। वह किडनी फेल्योर के शुरूआती स्टेजों से जूझ रहे थे। रोगी का क्रिएटिनिन लेवल लगातार बढ़ता जा रहा था और उनका eGFR लेवल भी बिल्कुल घट चुका था।
रोगी का नाम राजेश (30 उम्र) है, जो कि वाराणसी (यूपी) के रहने वाले हैं। वह किडनी की बीमारी की गंभीर स्थिति से पीड़ित थे और दर्द भरे डायलिसिस प्रोटोकॉल का सामना कर रहे थे। साथ ही किडनी की बीमारी की जटिलताओं से जूझ रहे थे।
किडनी भले ही आकर में छोटी होती हो लेकिन यह हमारे शरीर में कई जरूरी कार्यों को अंजाम देती है। किडनी हमारे शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को शरीर से बाहर निकालने का जरूरी काम करती है।
मरीज का नाम श्रीमती ज़ैतून है, जो कि बिजनौर की रहने वाली है। वह किडनी की बीमारी से जूझ रही थी और 20 साल से शुगर की समस्या से पीड़ित थी। हर जगह से इलाज करवाने के बाद भी रोगी में कोई सुधार देखने को न मिला।
रोगी का नाम पूरन सिंह (उम्र 51) है, जो कि अलीगंढ से आए हैं। वह किडनी फेल्योर की बीमारी से जूझ रहे थे। रोगी का क्रिएटिनिन लेवल लगातार बढ़ने की वजह से उन्हें डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए बोल दिया गया था।
रोगी को अपोलो अस्पताल में किसी के माध्यम से कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चलने पर, तुंरत ही अपना इलाज शुरू कर दिया। कर्मा आयुर्वेदा में आने से पहले रोगी का क्रिएटिनिन लेवल – 5.99mg/dl था
हर महिला के मन में यहीं सवाल आता है कि अगर किसी महिला को किडनी की बीमारी हो, तो क्या वह मां बनने का जोखिम उठा सकती हैं? इसके लिए स्वस्थ गर्भावस्था महिला को जोखिम वाले कुछ कारकों पर नजर रखना जरूरी है।
सिक्किम से आई रोगी का नाम के.सी.शेरपा है, जो कि किडनी की बीमारी की गंभीर स्थिति से जूझ रही थी और उनके बढ़ते क्रिएटिनिन लेवल की वजह से उन्हें डायलिसिस के लिए बोल दिया गया था।
मरीज का नाम खदेश्वर है, जो कि उड़ीसा के रहने वाले है। खदेश्वर जी एक आर्मी ऑफिसर है और क्रोनिक किडनी डिजीज की समस्या से जूझ रहे थे। कर्मा आयुर्वेदा में आने से पहले उनका हफ्ते में 2 बार डायलिसिस चल रहा था
रोगी का नाम एस.बी.गुरूंग (उम्र 68) है जो कि देहरादून से आए हैं। वह किडनी फेल्योर की गंभीर बीमारी का सामना कर रहे थे। रोगी को डायलिसिस के लिए फिस्टुला करवाने के लिए बोल दिया गया था।
बनारस (यू.पी.) से आए पेशेंट का नाम उमेश वर्मा है। वह किडनी फेल्योर की अंतिम स्थिति से जूझ रहे थे। रोगी की हालत इतनी गंभीर हो गई थी
मरीज का नाम अनीता रावत (उम्र 23) है। वह किडनी फेल्योर की गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। रोगी की हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट के लिए बोल दिया गया था।
जनकपुर (नेपाल) से आई मरीज का नाम रतन देवी शा है। वह किडनी फेल्योर की गंभीर स्थिति से जूझ रही थी। उनका क्रिएटिनिन लेवल लगातार बढ़ता जा रहा था और उन्हें किडनी की बीमारी के गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ रहा था
रोगी का नाम चंद्रदीप प्रसाद है, जो कि किडनी फेल्योर की स्थिति से जूझ रहे थे। चंद्रदीप जी का क्रिएटिनिन लेवल लगातार बढ़ता जा रहा था। साथ ही उन्हें इस गंभीर बीमारी में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था
रोगी का नाम श्री सुहर्ष सिन्हा है जो गिरिडीह झारखंड के रहने वाले हैं। वह किडनी फेल्योर की अंतिम स्थिति से पीड़ित थे। रोगी का क्रिएटिनिन लगातार बढ़ने की वजह से हफ्ते में 2 बार डायलिसिस करवाना पड़ रहा था।
मुस्तफा जी का क्रिएटिनिन बढ़ने की वजह से उन्हें कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा था। रोगी की स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि बांग्लादेश के एलोपैथी डॉक्टरों ने उन्हें डायलिसिस की सलाह दे दी थी।
टिहरी (उत्तराखंड) से आई रोगी का नाम श्रीमती सुरेश राणा है। वह क्रोनिक किडनी फेल्योर की बीमारी से पीड़ित थी। उन्हें इस बीमारी में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
मरीज का नाम उमेश चंद्र गुप्ता है जो उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वह क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थे और इसके गंभीर लक्षणों से जूझ रहे थे। एलोपैथी डॉक्टर ने उन्हें साफ कह दिया था कि किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प है।
हनुमान गढ़ (राजस्थान) से आए रोगी राजकुमार जी, किडनी रोग की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। उन्होंने कर्मा आयुर्वेदा में आने से पहले 2 बार डायलिसिस करवाया था। इसी के साथ वह किडनी की बीमारी के अन्य लक्षणों से भी परेशान थे
कीवी में पौष्टिकता होने के साथ-साथ विटामिन सी, पोटेशियम और फोलिक एसिड का बेहद अच्छा स्त्रोत है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने की वजह से कीवी मधुमेह के लिए बहुत अच्छा होता है।
नागपुर से आए किडनी रोगी का नाम मनीष रेड्डी है। वह किडनी फेल्योर की समस्या से पीड़ित थे। रोगी का क्रिएटिनिन काफी तेजी से बढ़ता जा रहा था और इसी के साथ उन्होंने काफी दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था
67 साल की किडनी पेशेंट रेखा रानी (कोलकाता), क्रोनिक किडनी डिजीज की गंभीर स्थिति से जूझ रही थी। रोगी की हालत बिल्कुल गंभीर हो गई थी जिससे उनका क्रिएटिनिन लेवल लगातार बढ़ता जा रहा था
रोगी का नाम रमेश है जो किडनी की शुरूआती समस्या से पीड़ित थे। उन्हें इस बीमारी में अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता रहा था | अगर हम अपने आहार और डेली रूटीन में कुछ बदलाव करें, तो आप किडनी की बीमारी से बेहद आसानी से बच सकते हैं।
रोगी का नाम प्रीति है जो किडनी रोग की गंभीर स्थिति से पीड़ित थी। प्रीति का क्रिएटिनिन लेवल लगातार बढ़ने की वजह से उन्हें दर्द भरे डायलिसिस से गुजरना पड़ रहा था। रोगी को डायलिसिस के साथ-साथ गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ रहा था।
अगर हम तेल के बारे में बात करें तो जैतून का तेल ख्याल में जरूर आता है। जैतून का तेल जैतून के पेड़ पर लगे फलों से निकाला जाता है, इसकी खेती मुख्य रूप से भूमध्य इलाके में बड़े पैमाने में की जाती है।
मनाली, हिमाचल से आए रोगी विवेक किडनी की समस्या से पीड़ित थे। विवेक अधिक बॉडी बिल्डिंग किया करते थे जिसमें उन्हें ज्यादा प्रोटीन का सेवन करना पड़ता था और रोगी ने 4 साल तक प्रोटीन का सेवन किया था।
मरीज का नाम शिवराम स्वामी है जो आयुर्वेदिक इलाज के लिए राजस्थान से आए हैं। वह किडनी फेल्योर की अंतिम स्थिति से पीड़ित थे। शिवराम जी का क्रिएटिनिन लगातार बढ़ने की वजह से एलोपैथी डॉक्टर ने उन्हें डायलिसिस की सलाह दे दी थी
मरीज़ का नाम चंद्र भान गर्ग हैं जो 62 की उम्र में किडनी फेल्योर की समस्या से पीड़ित थे। रोगी का क्रिएटिनिन लेवल अधिक बढ़ चुका था जिसके चलते सभी एलोपैथी डॉक्टर ने डायलिसिस की सलाह दे दी थी
रोगी का नाम विक्रांत हैं जो फरीदाबाद के रहने वाले हैं। वह किडनी फेल्योर की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। इस बीमारी में उनका क्रिएटिनिन स्तर और ब्लड यूरिया लगातार बढ़ता जा रहा था। रोगी को कई समस्याओं के साथ काफी दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
रोगी का नाम श्री. एन.के. जैन जो रोहिणी दिल्ली के रहने वाले हैं। वह किडनी फेल्योर की गंभीर स्थिति से जूझ रहे थे। उनका क्रिएटिनिन लेवल लगातार बढ़ता जा रहा था। रोगी को नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर ने कह दिया था
मरीज का नाम मास्टर प्रिंस कुमार हैं वह सिर्फ साढ़े छह साल के बच्चे हैं। उन्हें नेफ्रोटीक सिंड्रोम के साथ-साथ बेड वेटिंग की समस्या थी। रोगी के पिता ने हर जगह से इलाज करवाया और उन्हें बोल दिया था
आज कर्मा आयुर्वेदा में आई है बिहार से रोगी पार्वती देवी। जो किडनी डिजीज की गंभीर समस्या से जूझ रही थी। रोगी की हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि एलोपैथी डॉक्टर ने डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दे दी थी।
मरीज अनीता रावत जो नैनीताल की निवासी हैं। वह किडनी फेल्योर की गंभीर स्थिति से पीड़ित थी। अनीता को इस बीमारी में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था और रोगी का क्रिएटिनिन भी लगातार बढ़ता जा रहा था।
पेशेंट रंजीत जो दार्जिलिंग के रहने वाले हैं। वह किडनी फेल्योर की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। एलोपैथी डॉक्टर ने रोगी को डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दे दी थी। साथ ही इंसुलिन दिन में 64 यूनिट होता था।
कर्मा आयुर्वेदा ने अनेको बार सिद्ध किया हैं कि क्रिएटिनिन को कम किया जा सकता हैं और जीएफआर को बढ़ाया जा सकता हैं। डॉ. पुनीत धवन ने हजारों रोगियों को किडनी की बीमारी से मुक्त किया हैं।
मरीज का नाम संजय खातरकर है जो मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। वह किडनी फेल्योर की गंभीर स्थिति से जूझ रहे थे और हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाते थे। इसी के साथ अन्य बीमारी और काफी दर्द का सामना करना पड़ रहा था।
रोगी रमेश तिवारी किडनी फेल्योर की बीमारी से जूझ रहे थे। रमेश तिवारी मुज्ज़फरपुर बिहार के निवासी है। उनकी किडनी खराब होने के कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
पेशेंट का नाम ज़ैतून है, जो बिजनौर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। वह किडनी फेल्योर की गंभीर स्थिति से पीड़ित थी। रोगी किडनी की बीमारी के साथ अन्य बीमारियों से भी जूझ रही थी हर जगह इलाज करवाने के बाद कर्मा आयुर्वेदा रोगी का एकमात्र सहारा बना।
मरीज का नाम उमा, जो दिल्ली की रहने वाली हैं। वह क्रोनिक किडनी डिजीज की अंतिम स्थिति से जूझ रही थी। उन्हें इस बीमारी में काफी दर्द और दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
रोगी मनोज कुमार, जो राजस्थान के रहने वाले हैं। वह किडनी की खतरनाक बीमारी से जूझ रहे थे। इस बीमारी में उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था और क्रिएटिनिन भी बढ़ता जा रहा था।
पेशेंट का नाम श्री ईशान गर्ग हैं जो शाहदरा से आए हैं। वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थे इस बीमारी में रोगी को प्रोटीनुरिया की समस्या अधिक थी और क्रिएटिनिन भी बढ़ता जा रहा था। एलोपैथी इलाज के समय रोगी को स्टेरॉयड भी लेना पड़ रहा था।
रोगी का नाम बिलाल अहमद हैं, जो कश्मीर के रहने वाले हैं। वह किडनी फेल्योर की समस्या से जूझ रहे थे। किडनी की इस गंभीर बीमारी में बहुत से परेशानियों और दर्द का सामाना करना पड़ रहा था।
रोगी का नाम पूनम भंडार हैं जो हिमाचल की रहने वाली हैं। वह किडनी फेल्योर की बीमारी से जूझ रही थी। रोगी डायबिटीज के पेशेंट थी जिसकी वजह से उन्हें हफ्ते में 14 इंसुलिन लेने पड़ते थे और क्रिएटिनिन भी बढ़ता चला जा रहा था।
रोगी का नाम रोहित हैं जो गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वह किडनी रोग की समस्या से पीड़ित थे और हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाते थे। रोगी की हालत गंभीर होने पर उन्हें ट्रांसप्लांट के लिए बोल दिया गया था। सही समय पर कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चला और तुरंत इलाज शुरू कर दिया था।
मरीज़ का नाम श्रीधर हैं जो आगरा के रहने वाले हैं। वह किडनी फेल्योर की समस्या से जूझ रहे थे उन्हें इस समस्या में काफी दिक्कतों और दर्द का सामना करना पड़ रहा था
मरीज कांता देवी जो पंजाब की रहने वाली हैं। वह किडनी फेल्योर की समस्या से परेशान थी। इस बीमारी में उन्हें बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था और उनका क्रिएटिनिन भी लगातार बढ़ता जा रहा था
मरीज़ का नाम संजय पारथी जो महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। वह किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे उन्हें इस समस्या में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था और क्रिएटिनिन भी बढ़ता जा रहा था।
रोगी धर्मवीर जो पानीपत के रहने वाले हैं। वह किडनी रोग से पीड़ित थे, उन्हें किडनी प्रॉब्लम की वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। एलोपैथी डॉक्टर ने रोगी को डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए बोल दिया था।
रोगी का नाम रणवीर सिंह है जो क्रोनिक किडनी डिजीज की समस्या से जूझ रहे थे। यह बीमारी बेहद खतरनाक हैं जिसमें लोगों को अपनी जान भी गवानी पड़ती हैं। रोगी को भी इस में काफी दर्द का सामना करना पड़ रहा
रोगी का नाम हीरा लाल, जो यूपी के रहने वाले हैं। वह किडनी रोग की समस्या से परेशान थे और इस वजह से उन्हें काफी दर्द का सामना करना पड़ था। सभी डॉक्टरों ने उन्हें डायलिसिस लेने को बोल दिया था।
पेशेंट का नाम प्रदीप कुमार शर्मा, जो हापुड़, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वह किडनी की समस्या से जूझ रहे थे और इस समस्या से उन्हें काफी दर्द का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही एलोपैथी डॉक्टरों ने डायलिसिय और किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए बोल दिया था।
मरीज का नाम बद्री सिंह हैं जो छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। वह किडनी डिजीज की समस्या से जूझ रहे थे। रोगी को हर महीने टेस्ट करवाने पड़ते थे और बहुत से एलोपैथी दवाओं का सेवन करना पड़ रहा था, लेकिन फिर भी कोई सुधार नहीं दिख रहा था।
रोगी का नाम कमलेश मिश्रा हैं जो दिल्ली में सोनिया विहार के रहने वाले हैं। किडनी की बीमारी की वजह से रोगी को बहुत-सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था और क्रिएटिनिन लगातार बढ़ता जा रहा था। जिसके चलते रोगी को डायलिसिस लेने की सलाह दे दी थी।
मरीज का नाम जे.पी सिंह हैं जो जौनपुर यूपी से आए हैं। वह किडनी रोग से पीड़ित थे। रोगी की हालत बिल्कुल गंभीर हो गई थी जिससे चलते डॉक्टरों ने डायलिसिस लेने के लिए बोल दिया था और बाद में ट्रांसप्लांट लेने के लिए भी कही था।
पेशेंट का नाम विवेक कुमार हैं वह यूपी के रहने वाले हैं। रोगी किडनी रोग से जूझ रहा था। विवेक कुमार के भाई ने बताया कि, रोगी की हालत बिल्कुल गंभीर थी लगातार क्रिएटिनिन लेवल बढ़ता चला जा रहा था। जिसकी वजह से डॉक्टरों ने डायलिसिस और ट्रांसप्लांट लेने को बोल दिया था।
श्रीमति रोशन ठाकुर जो सीतामढ़ी, बिहार की निवासी है। रोशन बीते काफी समय से किडनी फेल्योर की जानलेवा बीमारी समय से जूझ रही थी। उनकी किडनी ख़राब होने के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
रोगी का नाम पूर्ण नारायण हैं जो काठमांडू, नेपाल के रहने वाले हैं। वह किडनी फेल्योर की समस्या से पीड़ित थे उन्हें उस समस्या में काफी परेशानियों और दर्द का सामना करना पड़ रहा था। इस समस्या से उनकी गंभीर हालत हो गई थी।
पेशेंट का नाम रमा देवी हैं जिसे किडनी फेल्योर की समस्या थी। रोगी को इस बीमारी में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था और डॉक्टरों ने भी डायलिसिस के लिए बोल दिया था। तब यूट्यूब के माध्यम से कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चला कि यहां डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना इलाज किया जाता हैं। तब रोगी ने तुरंत उपचार कर दिया।
हम सभी को ज्ञात है कि किडनी हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण अंग है। स्वस्थ किडनी अपने सारे काम ठीक तरीके से करती है। जिससे हमारे शरीर को भी किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
गी का नाम राजेश शर्मा है, जो की राणासेर गावं, चूरू, राजस्थान के रहने वाले है। राजेश शर्मा काफी समय से किडनी फेल्योर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे । उनकी हालत इतनी ख़राब थी उन्हें गुजरात के एक अस्पातल में भर्ती तक करना पड़ गया था।
रोगी श्रीमती रीना देवी रांची, झारखण्ड की रहने वाली है। रीना देवी किडनी फेल्योर की गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। किडनी फेल्योर के कारण इनकी हालत बहुत पीड़ादायक हो चली थी। उनकी दोनों ही किडनिया बिलकुल खराब हो चुकी थी।
रोगी आशीष सिंह जो की हैदराबाद के रहने वाले है। वह गंभीर रूप से किडनी फेल्योर की बीमारी जूझ रहे थे। उनके शरीर के कई हिस्सों में सूजन आ गयी थी, जैसे कमर के निचले हिस्से में। वह लगभग दूसरों पर आश्रित होते जा रहे थे।
पेशेंट कल्पना पटेल जो इलाहाबाद उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। वह किडनी की समस्या से जूझ रही थी। रोगी को किडनी रोग से काफी दर्द का सामना करना पड़ रहा था। वह हफ्ते में तीन बार डायलिसिस लिया करती थी।
रोगी का नाम नरेश कुमार हैं जो गुरूग्राम के रहने वाले हैं। वह किडनी रोग से पीड़ित थे। जिससे रोगी का क्रिएटिनिन लेवल बढ़ता जा रहा था और प्रोटीनुरिया भी अधिक मात्रा में पास हो रहा थी। इस बीमारी में उन्हें और भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
मरीज़ का नाम सावित्री देवी है और दिल्ली पटेल नगर की रहने वाली है। वह किडनी की बीमारी से जूझ रही थी और रोगी का क्रिएटिनिन बढ़ता चला जा रहा था। इसके साथ मरीज सावित्री देवी को किडनी की समस्या से काफी दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
मरीज का नाम अविनाश कुमार है जो उत्तराखंड के रहने वाली हैं। वह किडनी रोग के शुरूआती लक्षणों से जूझ रहे थे। रोगी का यूरिया और क्रिएटिनिन का स्तर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था और उन्हें इस रोग में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था
रोगी का नाम रोहित है जो गाजियाबाद के रहने वाले हैं। रोहित किडनी की समस्या से काफी परेशान थे और उन्हें हफ्ते में 2 बार दर्द भरे डायलिसिस से गुज़रना पड़ता था। डायलिसिस लेने के बाद रोगी के शरीर में कमजोरी महसूस आ गई थी।
रोगी का नाम कृष्णा दियो पाठक है वह झारखंड के रहने वाले हैं। जो किडनी की बीमारी के दर्द से जूझ रहे थे। रोगी को की हालत बिल्कुल खराब हो गई थी जिससे डॉक्टर ने उन्हें लेने के लिए बोल दिया था और वह हफ्ते में दो बार डायलिसिस भी लिया करते थे।
मरीज का नाम अनिता कुमारी है वह जनकपुरी की रहने वाली हैं। अनिता किडनी की बीमारी से काफी दर्द से जूझ रही थी। डॉक्टर ने उन्हें डायलिसिस के लिया बोल दिया था। रोगी को इस बीमारी में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
रोगी का नाम महाराज सिंह है वह कोटा राजस्थान से आए हैं। ये किडनी रोग की समस्या से जूझ रहे थे। रोगी ने एलोपैथी से जांच करवाई तब रोगी ने बताया कि, एलोपैथी डॉक्टर का कहना था कि ये किडनी ठीक नहीं हो सकती है
मरीज पशुपति प्रसाद जी, जो बलिया के रहने वाले हैं। वह काफी लंबे समय से किडनी बीमारी से जूझ रहे थे। रोगी प्रसाद जी को डॉक्टर ने डायलिसिस की सलाह दे दी थी, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चलते ही रोगी ने तुरंत उपचार शुरू कर दिया
रोगी का नाम गोविंद दास है जो असम के रहने वाले हैं। वह किडनी रोग से पीड़ित थे और डॉक्टर ने उन्हें डायलिसिस लेने के लिए बोल दिया गया था। इसके अलावा रोगी को किडनी की बीमारी की वजह से इन दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
रोगी का नाम प्रताप शंकर है जो लखनऊ से आए हैं। वह किडनी समस्या से जूझ रहे थे। बहुत-सी दवा लेने के बाद भी रोगी में सुधार नहीं आया और डॉक्टर ने भी उन्हें डायलिसिस का सुझाव दे दिया था
रोगी का नाम लक्ष्मी है जो जलंधर की रहने वाली है। वह किडनी रोग से जूझ रही थी और कई महीनों तक इलाज करवाने के बाद भी उनमें सुधार नहीं आ रहा था। मरीज का क्रिएटीनिन दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था।
रोगी का नाम एल.आर राय है जो उत्तराखंड से आए हैं। वह किडनी की खतरनाक बीमारियों का सामना कर रहे थे। साथ ही एलोपैथी डॉक्टर ने उन्हें डायलिसिस लेने का सुझाव भी दे दिया था।
रोगी का नाम श्री होरी लाल है जो इलाहाबाद से हैं। वह किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। कर्मा आयुर्वेदा की वीडियो में रोगी के बेटे ने विस्तार से बताया कि कैसे उनके पिता मधुमेह, उच्च रक्तचाप, एडिमा इत्यादि जैसी स्वास्थ्य जटिलताओं से जुझ रहे थे और डायलिसिस के बिना इसका इलाज मुश्किल था, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा ने आयुर्वेदिक उपचार से ये कर दिखाया।
रोगी का नाम बागरू दास है जो देहरादून के रहने वाले है। वह काफी समय से किडनी समस्या से पीड़ित थे। इस वीडियो में रोगी का बेटा बताता है कि उनके पिता को चलने और उठने-बैठने में काफी परेशानी होती थी और इसके साथ ही उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
रोगी का नाम माया है जो बैंकॉक में रहती है। वह काफी लंबे समय से किडनी समस्या से पीड़ित थी। इस वीडियो में माया के रिश्तेदार बताते हैं कि, रोगी इस बीमारी में काफी दर्द सामना कर रही थी और उन्होंने अपने स्वस्थ जीवन जीने की उम्मीद भी खो दी थी। रोगी को किडनी रोग में इस समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
रोगी का नाम श्री श्याम सुंदर सोहिनी है जो गोंडा जिला उत्तर प्रदेश से आएं हैं। वह शुगर की समस्या के साथ-साथ वह किडनी फेल्योर से भी पीड़ित थे और उच्च शुगर के कारण काफी लंबे समय से इंसुलिन ले रहे थे।
रोगी का नाम हुवेदा खान है जो 38 साल की हैं। वह क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थी और इस वजह से रोगी काफी परेशानियों का सामना कर रही थी जैसे-
रोगी का नाम परमजीत सिंह भाटिया है जो हरिनगर घंटाघर से हैं। वह लंबे समय से किडनी की समस्याओं से जूझ रहे थे और डॉक्टरों ने उन्हें डायलिसिस और एंजियोग्राफी का सुझाव दिया, क्योंकि रोगी की हालत बेहद गंभीर हो गई थी
रोगी का नाम सुधीर कुमार वर्मा है जो वाराणसी से है। वह किडनी रोग से पीड़ित थे और सभी डॉक्टर ने उन्हें फिस्टुला डालने और डायलिसिस का सुझाव दिया। जब रोगी को कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत आयुर्वेदिक उपचार शुरू किया।
रोगी का नाम विकास पांडे है ये बिहार से आए हैं। वह लंबे समय क्रोनिक किडनी से पीड़ित थे। उन्होंने एलोपैथिक उपचार भी करवाया, लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। रोगी में किडनी की बीमारी से होने वाले लक्षण।
रोगी का नाम रत्न काजी है जो नेपाल से आए है और काफी लंबे समय से किडनी की समस्या से पीड़ित है। एलोपैथी दवाओं से उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया। इसलिए रोगी ने आयुर्वेदिक उपचार शुरू किया।
मरीज़ का नाम दलजीत सिंह है जो पंजाब अमृतसर से आए है। वह क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थे। उन्हें बहुत जगह से इलाज करवाया पर कोई आराम नहीं मिला। रोगी दलजीत सिंह ने अपने ठीक होने की सारी उम्मीद खो दी
रोगी श्रीमती राजेश्वरी पंत जो किडनी रोग से पीड़ित थी उन्हें क्रिएटिनिन और यूरिया को खत्म करने के लिए डॉक्टर ने किडनी प्रत्यारोपण का सुझाव दिया था। मरीज इस रोग की वजह से अपने बिस्तर पर से उठ नहीं पा रही थी
रोगी का नाम संजू लामा है जो नेपाल के काठमांडू से आए है। वह किडनी फेल्योर का सामना कर रहे थे। साथ ही इस रोग में मरीज़ के शरीर में कुछ इस तरह के लक्षण देखने को मिले।
रोगी का नाम गुलजार लाल है और वह काफी लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। रोगी 5 महीने से डायलिसिस ले रहा था और एलोपैथी उपचार करवा रहा था जिसका कोई प्रभाव नहीं हो रहा था।
रोगी का नाम डॉ. केसीएस भाटी है जो ग्रेटर नोएडा में रहते हैं। वह नेफ्रोटिक सिंड्रोम से पीड़ित थे और उन्हें उच्च माइक्रोएल्ब्यूमिन की समस्या थी। इस रोग में मरीज़ को इन समस्याओं का समाना करना पड़ रहा था।
मरीज़ शैलेंद्र सिंह जो 53 साल के हैं। वह किडनी बीमारी के लास्ट स्टेज पर थे और हर दिन डायलिसिस लिया करते थे। रोगी ने अपनी जिंदगी जीने की उम्मीद खो दी थी। इस वीडियो में रोगी का बेटा बताता है
हर साल लाखों लोग किडनी की बीमारी से लड़ते हैं। ये कई प्रकार की बीमारियां है, लेकिन क्रोनिक किडनी रोग सबसे आम है जो हर साल उच्च दर पर बढ़ती जा रही है। किडनी रोग के कई स्टेजों से गुजरता है
रोगी अचल सिंह जी, जोधपुर से आए हैं। जो किडनी फेल्योर से पीड़ित हैं। उन्हें ठीक से खाने-पीने और काम में परेशानी होती है। शरीर में कमजोरी की वजह से रोगी पर्याप्त रूप से काम करने में समक्ष नहीं हो पा रहे थे। डॉक्टर्स ने भी डायलिसिस की सलाह दे दी थी।
रोगी का नाम पूनम सिंह है जो राजस्थान से आई है। वह काफी लंबे समय से किडनी की समस्या से जूझ रही थी और अपनी इस बीमारी का समाधान चाहती थी।
मरीज़ दीप्ति बिष्ट हैं। वह किडनी फेल्योर से पीड़ित थी और एक हफ्ते में तीन बार डायलिसिस करवाती थी। उन्हें किडनी फेल्योर से जुड़े लक्षणों का सामना करना पड़ता था और फोर्टिस अस्पताल में उन्हें किडनी प्रत्यारोरपण की सलाह दी गई थी।
रोगी इंद्रप्रकाश सिंह ने कर्मा आयुर्वेदा से इलाज करवाया। 2 महीने में ही उनके शरीर में सुधार आना शुरू हुआ और उनका क्रिएटिनिन लेवल 5mg/dl हो गया। इतना ही नहीं, वह डायलिसिस से भी मुक्त हो गए।
रोगी का नाम नूरजहाँ है और वह आंध्र प्रदेश से आई है। नूरजहाँ किडनी डिजीज एडवांस स्टेज से पीड़ित थी। डॉक्टर्स ने उन्हें डायलिसिस का सुझाव दिया, क्योंकि दवाइयों के सेवन से कोई परिणाम सामने नहीं आया था।
रोगी रोशन कुमार, असम से जो किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। उन्हें अपनी बीमारी के साथ कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा रहा था। किडनी की बीमारी के सामान्य लक्षणों में से एक निचले अंगों में सूजन थी।
रोगी रजनी, शालीमार बाग मध्यम आयु में हैं और क्रोनिक किडनी डिजीज के उन्नत स्टेज से पीड़ित हैं। उसने कई स्थानों से एलोपैथी उपचार करवाया, लेकिन इसका सही परिणाम नहीं आया। तब डॉक्टर ने रोगी को एंटीबायोटिक्स देने के साथ डायलिसिस का सुझाव दिया है।
मरीज़ श्रीमती कविता शर्मा, देहरादून से जो काफी समय से किडनी फेल्योर से पीडित है। किडनी डिजीज का इलाज करने में कोई दवा या डायलिसिस काम नहीं आता है।