किडनी फेल होने के कई संकेत हो सकते हैं| लेकिन अधिकतर लोग किडनी फेल होने से पहले दिखने वाले लक्षणों को अनदेखा कर देते है और इसे किसी अन्य रोग की समस्या समझकर भ्रमित हो जाया करते हैं|
बच्चों में किडनी फेल्योर और मूत्र संक्रमण के लक्षण, कारण और उपचार। इस लेख में जानें कैसे आप बच्चों की सेहत को समझ सकते हैं।
किडनी खराब होने पर किडनी के फिल्टर्स क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिसके कारण अपशिष्ट उत्पाद और अतिरिक्त पानी शरीर से बाहर नहीं जा पाता और शरीर के कुछ अंगों में सूजन आने लगती है।
वर्तमान समय में किडनी की समस्या आम समस्या हो गई है। किडनी में समस्या होना हमारी बदलती जीवनशैली की वजह से हो सकती है। किडनी का काम आपके रक्त को साफ़ करने का होता है।
आयुर्वेदिक उपचारों से किडनी फेल्योर का संभावित इलाज। प्राकृतिक तरीके से सेहत को सुधारें और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाएं। किडनी फेल्योर की आयुर्वेदिक दवा
आयुर्वेदिक किडनी फेल्योर उपचार, प्राकृतिक तरीके से किडनी की सेहत को सुधारें। विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा समर्थित। घरेलू उपाय किडनी फेल्योर के लिए
इस बात से सभी अवगत है कि किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। किडनी का कार्य बहुत ही जटिल होता है, जिसकी तुलना हम किसी बड़ी मशीन से कर सकते हैं।
क्या तुलसी किडनी फेल्योर को रोकने में मदद करती है? तुलसी में एंटी-स्ट्रेस एजेंट होते हैं, जो तनाव को कम करने में मदद करते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति तुलसी की पत्तियों को दिन में 2 बार खा सकता है। जिससे रक्त साफ होगा और तनाव दूर रहेगा।
डायबिटीज के दुष्परिणाम के चलते किडनी की खराबी आम बात होती जा रही है। 20 से 30% डायबिटीज के मरीजों में किडनी की समस्या अर्थात डायबिटीक नेफ्रोपैथी हो जाती है।
हमारे शरीर में दो किडनियां होती है, दोनों किडनियों का एक ही काम होता है। हमारे शरीर से अपशिष्ट को शुद्ध करना और उन्हें पेशाब के रूप में शरीर से बाहर निकलना जिससे हमारे शरीर में संतुलन बना रहे।
आयुर्वेदिक उपचार किडनी रोगियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ हैं। आयुर्वेद प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और तकनीकों के उपयोग के साथ सभी प्रकार की शारीरिक बीमारियों के इलाज के लिए एक प्राचीन प्रथा माना जाता हैं।
किडनी शरीर का मुख्य अंग हैं जो शुद्धिकरण का काम करता हैं, लेकिन जब शरीर में किसी रोग की वजह से दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य करने में अक्षम हो जाती हैं, तो इस स्थिति को हम किडनी फेल्योर कहते हैं।
देशभर में इस समय सफाई पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा बड़े स्तर पर सफाई अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान के सार्वजानिक शौचालयों की सफाई पर भी काफी जोर दिया जा रहा है।
देशभर में इस समय सफाई पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा बड़े स्तर पर सफाई अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान के सार्वजानिक शौचालयों की सफाई पर भी काफी जोर दिया जा रहा है।
किसी भी चीज़ की अधिकता हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। हमें हर चीज़ को सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए। कुछ लोग नींद, सुस्ती भगाने के लिए और दिमाग को तरोताज़ करने के लिए कॉफ़ी का सेवन करना पसंद है।
चंदौली में किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का विस्तार से उल्लेख किया गया है जिनकी मदद से ख़राब किडनी को पुनः ठीक किया जा सकता है।
मैनपुरी में किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार, आप आयुर्वेद की सहायता से भी "किडनी फेल्योर" जैसी बीमारी से मुक्ति पा सकते है। "कर्मा आयुर्वेदा" से संपर्क साध आप प्राचीन भारतीय आयुर्वेदिक पद्धत्ति से किडनी फेल्योर से निजात पा सकते है।
गाजियाबाद में किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार, हमारी किडनी शरीर में बहुत से महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देती है. वैसे किडनी के कुछ महत्वपूर्ण कार्य है जिन्हें किडनी न करे तो हमारी किडनी ख़राब हो सकती है।
आयुर्वेदिक उपचार तन-मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाकर स्वास्थ्य में सुधार करता हैं। आयुर्वेद में न केवल उपचार होता हैं। बल्कि ये जीवन जीने का ऐसा तरीका सिखाता हैं, जिससे जीवन लंबा और खुशहाल होता हैं।
किडनी रोग बेहद गंभीर होता हैं अगर इनका समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो उपचार असर नहीं करता हैं। विकासशील देशों में ज्यादा पैसों में संभावित समस्याओं और उपलब्धता की कमी होने की वजह किडनी फेल्योर से पीड़ित सिर्फ 5-10% मरीज डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट करवाते हैं।
किडनी रोग बेहद गंभीर होता हैं अगर इनका समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो उपचार असर नहीं करता हैं। विकासशील देशों में ज्यादा पैसों में संभावित समस्याओं और उपलब्धता की कमी होने की वजह किडनी फेल्योर से पीड़ित सिर्फ 5-10% मरीज डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट करवाते हैं।
दुनिया भर में अधिक से अधिक लोग किडनी की समस्याओं से ग्रस्त हैं। इनमें से अधिकतर लोग मध्यम या बुढापे की उम्र में हैं जो पहले से ही मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं। उन लोगों के बीच किडनी की समस्याएं भी आम हैं
हमारे लिए भोजन करना अति आवश्यक है। जीव न केवल जीवित रहने के लिए बल्कि स्वस्थ और सक्रिय जीवन बिताने के लिए भोजन करते हैं। भोजन में अनेक पोषक तत्व होते हैं जो शरीर का विकास करते हैं
भारत में जीवनशैली के बढ़ने के बाद से ही अनेक बिमारियों ने अपने पैर भारत में पसारने शुरू कर दिए है। बीते कई वर्षों में हमारे लाइफस्टाइल में एक बड़ा बदलाव आया है। जिसका सीधा बुरा असर हमारे स्वास्थ पर पड़ा है।
हम सभी जानते है कि किडनी हमारे शरीर के अधिक पानी, नमक और अपशिष्ट तत्वों को पेशाब के जरिए शरीर से बहार निकाल देती है। जिसके कारण हमारा शरीर अपने संतुलन में बना रहता है और सभी अंग सुचारु रूप से अपना काम करते रहते है।
एक मनुष्य भोजन किए बिना हफ़्तों तक जीवित रह सकता है। इस दौरान वह मनुष्य के शरीर में काफी मात्रा में कमजोरी जरूर देखी जा सकती है, लेकिन मनुष्य की मृत्यु नहीं होगी।
पेशाब में किसी भी प्रकार के बदलाव हमें कई बड़ी बीमारियों के संकेत देते है। अगर आपको बार-बार पेशाब आने का एहसास होना मगर करने पर पेशाब का न आना भी किडनी फेल का लक्षण है।
आज का हमारा जीवन किसी प्रतियोगिता से कम नहीं है। हर कोई किसी ना किसी से आगे निकलने के लिए अघोषित प्रतियोगिता में लगा हुआ है। इस अघोषित प्रतियोगिता में विजय पाने के लिए हम और आप अपनी हर संभव कोशिश करते है।
हम सभी इस बात से भलीभातिं वाकिफ है की किडनी हमारे शरीर का वो महत्वपूर्ण अंग है जिसके बिना शरीर का बाकि कोई भी अंग ठीक से काम नहीं कर सकता।
हमारा शरीर ईश्वर द्वारा बनाया गई एक ऐसी नायब चीज़ है जो कुदरत की बाकी सभी चीज़ों से हमें अलग बनाती है। हमारे शरीर की संरचना बहुत जटिल है। हमारा शरीर कई अंगों के जोड़ से काम करता है।
हमारे शरीर के लिए प्रोटीन बहुत जरूरी होता है। यह शरीर में बनने वाली कोशिकाओं के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाता है। प्रोटीन बच्चे, बूढ़े और जवान हर उम्र वर्ग के लिए जरूरी है।
कर्मा आयुर्वेदा आयुर्वेदिक दवाओं और उपचार किडनी रोगियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ हैं। आयुर्वेद प्राकृतिक की जड़ी-बूटियों और तकनीकों के उपयोग के साथ सभी प्रकार की शारीरिक बीमारियों के इलाज के लिए एक प्राचीन प्रथा माना जाता हैं।
आजकल की लाइफस्टाइल के बदलाव की वजह से और खानपान की गलत आदतों की वजह से किडनी रोगियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। हर साल लगभग साढ़े आठ लाख लोग किडनी रोगों की वजह के कारण मर जाते हैं।
वर्धा में किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार, किडनी डिजीज के लक्षण उस वक्त उभकर सामने आते हैं। जब किडनी 60 से 65 प्रतिशत डैमेज हो चुकी होती हैं इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता हैं,
परभनी में किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार, किडनी की बीमारी अंतिम स्टेज में पहुंच जाए यानी वह काम करना बंद कर दे तो डायलिसिस और ट्रांसप्लांट जैसे इलाज बेहद महंगे होते हैं।
जिसमें किडनी रोगियों का इलाज किया जाता हैं। आयुर्वेदिक दवाओं से रोग जड़ से खत्म हो जाते हैं। साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं में वरूण, कासनी, गोखुर पुनर्नवा और शिरीष जैसी जड़ी-बूटियां शामिल हैं
हर साल किडनी की बीमारी के चलते लाखों लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं, लेकिन सबसे खतरनाक बात ये है कि अधिकतर लोगों को इसकी जानकारी तब होती हैं जब बहुत देर हो चुकी होती हैं। किडनी की बीमारी की बीमारी के लक्षण उस वक्त उभरकर सामने आते हैं
झालावाड़ में किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार, रक्त में क्रिएटिनिन और पेशाब की मात्रा की जांच से किडनी की कार्यक्षमता की जानकारी मिलती हैं, क्योंकि किडनी की कार्यक्षमता शरीर का आवश्यकता से अधिक होती हैं
किडनी फेल्योर के लिए पुणे के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल, उन्होंने केवल भारत के मरीज ही नहीं बल्कि दुनिया भर में किडनी से पीड़ित मरीजों को ठीक किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है।
किडनी फेल्योर के लिए पटना के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल, ब्लड प्रेशर किडनी फेल होने का सबसे बड़ा कारण हैं, इसलिए नियमित रूप से ब्लड, युरिन की जांच करवाते रहना आवश्यक हैं।
किडनी फेल्योर उपचार के लिए नासिक के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल, वे पूर्ण हर्बल और प्राकृतिक उपचार दवाओं का उपयोग करते हैं जिसमें कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
किडनी फेल्योर उपचार के लिए हावड़ा के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल, साथ ही कर्मा आयुर्वेदा में भी किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज किया
किडनी फेल्योर उपचार के लिए हैदराबाद के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल, किडनी डिजीज के लक्षण केवल तब दिखाई देते हैं जब बीमारी बढ़ती है। एक बार जब किडनी गंभीर रूप से खराब हो जाती है तो वे अपने आप में संकेत होती है
किडनी फेल्योर उपचार के लिए सूरत के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल, जो देश-विदेशों में किडनी मरीजों का इलाज करते आ रहे है और उन किडनी रोगियों को डाइट चार्ट की भी सलाह देते हैं।
किडनी फेल्योर उपचार के लिए सिलीगुड़ी के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल - कर्मा आयुर्वेदा, किडनी में होने वाले सफाई सिस्टम के कारण हमारे शरीर मे हानिकारक तत्व पेशाब के साथ बाहर निकल जाते हैं।
किडनी फेल्योर उपचार के लिए सहारनपुर के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल, कर्मा आयुर्वेदा कई सालों से आयुर्वेदिक दवाओं के साथ किडनी रोगियों का इलाज कर रहा है।
किडनी फेल्योर उपचार के लिए सलेम का बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल, ये 100% नेचुरल है और इन आयुर्वेदिक दवाओं से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। ये एकदम प्राकृतिक इलाज है।
किडनी फेल होने का मतलब होता है कि किडनी के काम करने के दर 15% से कम हो गई है। किडनी फेल होने के कुछ दिन पहले बॉडी कुछ संकेत देने लगते हैं। उन्हें हमें अनदेखा नहीं करना चाहिए।
आयुर्वेदिक उपचार तन-मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखता है स्वास्थ्य में सुधार करता है। आयुर्वेद में न केवल उपचार करता है बल्कि ये जीवन जीने का ऐसा तरीका सिखाता है जिसमें जीवन लंबा और खुशहाल होता है।
किडनी खराब होना या जिसे हम किडनी फेल्योर भी कहते हैं। जब आपके किडनी रक्त से अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करना अचानक बंद कर देती है। तब किडनी की रक्त छानने की क्षमता नष्ट हो जाती है।
किडनी फेल्योर के लिए कर्नाटक के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर में से एक हैं डॉ. पुनीत धवन। कर्मा आयुर्वेदा एशिया के सबसे अच्छे स्वास्थ्य क्लिनिक के प्रमुख है।
कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल देश-विदेशो में भी किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल और डॉक्टर पुनीत धवन वडोदरा के जाने माने डॉक्टर में आते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए वडोदरा के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और तकनीकों के उपयोग के साथ सभी प्रकार की शारीरिक बीमारियों के इलाज के लिए एक प्राचीन प्रथा माना जाता हैं। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां किडनी को मजबूत बनाती है।
भारत और एशिया के प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्रो में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। ये 1937 में स्थापित किया गया था और इस अस्पताल के नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। जो आयुर्वेदिक उपचार की सहायता से रोग को खत्म करते हैं।
दिल्ली के बेस्ट किडनी उपचार केंद्रों में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। जो 1937 में स्थापित किया गया था और इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में सिर्फ आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
रोगी का नाम देवेंद्र सिंह है जो नोएडा से आए हैं। वह अपने बुढ़ापे में है और लंबे समय से किडनी की समस्या से पीड़ित है। उन्होंने एलोपैथी इलाज भी करवाया, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया।
कर्मा आयुर्वेदा भारत के बेस्ट किडनी उपचार केंद्र में आता है। ये 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। जो 30 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज कर चुके हैं।
आज इस अस्पताल के नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। वह हर साल हजारों किडनी रोगियों का इलाज करते हैं। डॉ. पुनीत डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण सलाह दिए बिना किडनी के रोग को ठीक करते हैं।
किडनी शरीर में संतुलन बनाए रखने के कई कार्यों का निष्पादन करती हैं। वे अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करके पेशाब से बाहर निकालती हैं और निष्कासन करते हैं। वे शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करती है।
दिल्ली के बेस्ट किडनी उपचार केंद्रो में से एक है कर्मा आयुर्वेदा और आज इस अस्पताल को 5 पीढी यानी डॉ. पुनीत धवन चला रहे हैं। ये 1937 में स्थापित किया गया था। कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के साथ इलाज किया जाता है।
शरीर में किडनी का मुख्य कार्य शुद्धिकरण का होता है, लेकिन शरीर में किसी रोग की वजह से जब दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य करने में अक्षम हो जाती है तो इस स्थिति को हम किडनी फेल्योर कहते हैं।
दिल्ली का प्रसिद्ध किडनी फेल्योर अस्पताल में से एक कर्मा आयुर्वेदा। जिसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है और कर्मा आयुर्वेदा 1937 में धवन परिवार द्वारा ही स्थापित किया गया था। आज उनकी ये 5वीं पीढी है।
किडनी की समस्या के लिए खासतौर पर दूषित खानपान और वातावरण जिम्मेदार माना जाता है। बहुत बार किडनी में परेशानी का कारण एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा सेवन भी होता है।
किडनी मानव शरीर के निचले हिस्से में स्थित बीन्स के आकार में दो अंग है। पेशाब की प्रक्रिया के दौरान शरीर से बेकार तत्वों को खत्म करने के लिए किडनी जिम्मेदार होती है। किडनी फल्योर वो स्थति है
किडनी फिल्टर करने और अपशिष्ट उत्पादों को निकालने और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने की क्षमता में कमी को किडनी फेल्योर कहते हैं। रक्त में क्रिएटिनिन और रक्त यूरिया नाइट्रोजन की मात्रा में वृद्धि का तात्पर्य किडनी की खराबी से होता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा शरीर, तन-मन और आत्मा का एक प्राचीन विज्ञान है, जो आयुर्वेद का उपयोग जड़ी-बूटियों और पूर्व-ऐतिहासिक तकनीकों के साथ किया जाता हैं। आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करके मन, शरीर और आत्मा का इलाद करते हैं।
यहां आयुर्वेदिक, हर्बल और प्राकृतिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। जिसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। डॉ. पुनीत धवन 30 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज कर चुके हैं वो भी डायलिसिस और प्रत्यारोपण की सलाह दिए बिना।
मानव शरीर में किडनी का मुख्य कार्य रक्त को शुद्धिकरण करना है। जब बीमारी के कारण दोनों किडनी अपनी सामान्य कार्य नहीं कर सके तो किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है। जिसे हम किडनी फेल्योर भी कहते हैं।
ज्यादातर लोग किडनी रोग के लिए एलोपैथी इलाज करवाते हैं, लेकिन तब एलोपैथी डॉक्टर्स डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण की सलाह दे देते हैं। आयुर्वेद में डायलिसिस और प्रत्यारोपण बिना ठीक हो सकती है।
किडनी शरीर में संतुलन बनाए रखने के कई कार्यों का निष्पादन करती है। वे अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करके पेशाब द्वारा बाहर निकालता है। किडनी शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करती है।
भारत के साथ-साथ एशिया के प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्रो में से एक कर्मा आयुर्वेदा। जो 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था। आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है।
भारत का प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा। यहां आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों वाली दवाओं से किडनी फेल्योर रोगियों का इलाज किया जाता हैं। कर्मा आयुर्वेदा 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था।
भारत का प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा जो 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था। आज इस अस्पताल के नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। डॉ. पुनीत 30 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया है।
भारत के प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्रो में से हैं कर्मा आयुर्वेदा। ये 1937 में स्थापित किया गया था और इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक उपचार के साथ इलाज किया जाता है
आयुर्वेदिक उपचार किडनी की क्षति को खत्म करने में बहुत प्रभावी है, लेकिन ये अकेले काम नहीं कर सकता है रोगी को सर्वोत्तम परिणामों के लिए दवाओं के साथ किडनी आहार का पालन करना होता है।
किडनी शरीर के महत्वपूर्ण हिस्सा है। किडनी में खराबी आने से जिंदगी जीना मुश्किल हो जाता है, लेकिन आयुर्वेदिक किडनी उपचार से इसे ठीक किया जा सकता है। आजकल किडनी फेल्योर के मरीजों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है।
कर्मा आयुर्वेदा नई दिल्ली में 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और अब इसकी संख्या में वृद्धि होती जा रही है। आज डॉ. पुनीत धवन इसके नेतृत्व में हैं। साथ ही डॉ. पुनीत 30 हजार किडनी मरीजों को ठीक करके उन्हें रोग मुक्त किया है। वह सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार पर विश्वास करते हैं।
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आयुर्वेदिक उपचार किडनी रोग के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हुआ है। दिल्ली के बेस्ट किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा ने ये कर दिखाया है। कर्मा आयुर्वेदा में 1937 से किडनी रोग से पीड़ित मरीजों का इलाज करते आ रहा है।
कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल भारत के सबसे बेस्ट किडनी उपचार केंद्रो में से एक है। ये 1937 में स्थापित किया गया था और इस अस्पताल के नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है वह हर साल हजारों किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहे हैं।
किडनी फेल्योर के लिए आयुर्वेदिक दवाएं काफी फायदेमंद साबित हुई हैं। कर्मा आयुर्वेदा भारत के प्रसिद्ध अस्पताल में से एक हैं। जिसमें आयुर्वेदिक दवाओं से लाखों किडनी रोगियों का इलाज किया है। आयुर्वेदिक दवाएं 100% नेचुरल होती है
कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ ओर सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार पर भरोसा किया जाता है। आयुर्वेद से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। किडनी फेल्योर के लिए मुरादाबाद के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर में से एक हैं डॉ. पुनीत धवन।
शरीर में किडनी का मुख्य कार्य खून का शुद्धिकरण करना है। जब बीमारी के कारण दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य नहीं कर सके तो तब किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है और उसे हम किडनी फेल्योर ट्रीटमेंट कहते हैं।
किडनी फेल्योर किडनी-फेल्योर-ट्रीटमेंट की प्रथम अवस्था को समझने के लिए उसके लक्षणों के बारे में पता लगाना जरूरी होता है। किडनी के खराब होने के दूसरे लक्षण उसके 80% खराब होने के बाद नज़र आते हैं।
किडनी फेल्योर की समस्या लिए खासतौर पर दूषित खानपान और वातावरण जिम्मेदार माना जाता हैं। बहुत बार किडनी में परेशानी का कारण एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा सेवन करना भी होता है। साथ ही मधुमेह रोगियों को किडनी की शिकायत आम लोगों की तुलना में ज्यादा होती हैं।
किडनी खराब होना, जिसे हम किडनी फेल्योर कहते है। किडनी रक्त से अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करना अचानक बंद कर देते हैं। जब किडनी के रक्त छानने की क्षमता नष्ट हो जाती है
किडनी फेल्योर का एक प्रमुख कारण डायबिटीज के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा होना है। हाई ब्लड प्रेशर, किडनी की छलनियों में संक्रमण, पथरी का बनना और दर्द निवारक दवाओं का अत्यधिक सेवन करना आदि भी इसके कारक है।
किडनी फेल्योर के लिए कर्नाटक के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर में से एक हैं डॉ. पुनीत धवन। कर्मा आयुर्वेदा एशिया के सबसे अच्छे स्वास्थ क्लिनिक के प्रमुख हैं। उन्होंने लाखों रोगियों को अपने आयुर्वेदिक दवाओं और प्रक्रियाओं के साथ ठीक किया जाता है
हर साल लाखों लोग किडनी फेल्योर के चलते अपनी जान गंवा बैठते है, लेकिन सबसे खतरनाक बात ये है कि ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी तब होती है जब बहुत देर हो चुकी हो। किडनी फेल्योर के लक्षण उस वक्त उभरकर सामने आते हैं, जब किडनी 60 से 65% डैमेज हो चुकी होती है।
आजकल की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी बीमारियों के चलते काफी परेशान रहते हैं। जिसमें से एक है किडनी खराब होने के समस्या। जिसके बारे में कई बार लोगों को काफी समय के बाद पता चलता है, लेकिन ये कुछ ऐसे तरीके है जिनसे आप किडनी खराब होने के कारण का पता लगा सकते हैं।
किडन रोग में सबसे बड़ी समस्या ये है कि इसका जल्दी से पता नहीं चलता है, इसलिए किडनी खराब होने से पहले इन लक्षणों की पहचान करना बहुत जरूरी है। आप सब जानते हैं कि, हमारे शरीर में 2 किडनी होती है। जो एक मिनट में लगभग 125ml रक्त साफ करती है।
किडनी फेल्योर उपचार के लिए गाजियाबाद के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल, आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
किडनी शरीर में संतुलन बनाए रखने का कम करती है। वे अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करके पेशाब से बाहर निकालती हैं और निष्कासन करती हैं। वे शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करती हैं। साथ ही अतिरिक्त अम्ल और क्षार निकालने में मदद करती है।
दिल्ली के प्रमुख किडनी सेंटर में से एक कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल है। जो कानपुर से लखनऊ तक के किडनी रोगियों को ठिक किया है। साथ ही कर्मा आयुर्वेदा 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था।
जो डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण के बिना किडनी रोगियों को ठीक करके रोग को जड़ से खत्म करते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए पिंपरी और चिंचवड के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
नई दिल्ली के प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्रो में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। जो देश-विदेश से आए किडनी रोगियों का इलाज करते हैं। जैसे महाराष्ट्र, ठाणे में भी कर्मा आयुर्वेदा बेहद प्रसिद्ध माना जाता है। साथ ही कर्मा आयुर्वेदा 1937 में स्थापित किया गया था और इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। डॉ. पुनीत हर साल हजारो किडनी रोगियों का इलाज करते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए ठाणे के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
हमारी किडनी शरीर में संतुलन बनाएं रखने के कई कार्यों का निष्पादन करती है। वे अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करके पेशाब से बाहर निकालते है और निष्कासन करते है। वे शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करते हैं।
किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा जो आयुर्वेदिक दवाओं से किडनी रोगियों इलाज करते आ रहे हैं। आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और तकनीकों के उपयोग के साथ सभी प्रकार की शारीरिक बीमारियों के इलाज के लिए एक प्राचीन प्रथा माना जाता है।
शरीर में किडनी का मुख्य कार्य शुद्धिकरण का होता है, लेकिन शरीर में किसी रोग की वजह से जब दोनों किडनी अपना कार्य करने में अक्षम हो जाती है तो तब इस स्थिति को किडनी फेल्योर कहते हैं।
जब बीमारी के कारण दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य नहीं कर सके तो किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है। जिसे हम किडनी फेल्योर कहते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए चेन्नई के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
आजकल किडनी फेल्योर के मरीजों में बेतहाशा-वृद्धि हो रही है। देश में ही नहीं, बल्कि लगभग सभी देशों में किडनी फेल्योर के रोगियों की संख्या बढ़ जा रही हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए कोलकाता के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
यूरिन बनाने के अलावा ये शरीर में एसिड के लेवल को कंट्रोल करती है। किडनी की अहमियत को जानते हुए भी कई बार हम जाने-अंजाने में कई ऐसी आदतों को अपना लेते हैं जो किडनी के लिए घातक बन जाती है। “हानिकारक तत्वों से किडनी को नुकसान”
किडनी फेल्योर के लिए अहमदाबाद के आयुर्वेदिक डॉक्टर में से एक हैं डॉ. पुनीत धवन। ये एशिया के सबसे अच्छे स्वास्थ क्लिनिक कर्मा आयुर्वेदा के प्रमुख हैं। उन्होंने लाखों रोगियों को आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के साथ ठीक किया जाता है
जो देश-विदेश के हजारों किडनी रोगियों का इलाज करते हैं। डॉ. पुनीत डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण सलाह दिए बिना किड़नी के रोग को ठीक करते हैं। “किडनी फेल्योर के लिए बैंगलोर के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
यहां किडनी फेल होने की चेतावनी से संबंधित लक्षणों के बारे में बताया गया है। अपने तथा अपने प्रिय लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए त्रिपुरा के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
आयुर्वेदिक उपचार तन-मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाकर स्वास्थय में सुधार करता है। आयुर्वेद में न केवल उपचार होता है। बल्कि ये जीवन जीने का ऐसा तरीका सिखाता है, जिससे जीवन सरल और आसान होता है। आयुर्वेद की मदद शरीर में कोई भी बीमारी उत्पन नही हो सकती है,
आयुर्वेदिक दवाओं में वरुण, कासनी, गोखुर, पुनर्नवा और शिरिष जैसी जड़ी-बूटियां शामिल है जो रोग को जड़ से खत्म कर देती है। आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक हैं नई दिल्ली के बेस्ट किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा।
किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों वाली दवाओं से किडनी फेल्योर रोगियों को ठीक करते हैं। कर्मा आयुर्वेदा द्वारा 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जा रहा है। आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं।
शरीर में किडनी का प्रमुख कार्य शुद्धिकरण का होता है, लेकिन शरीर में किसी रोग की वजह से जब दोनों किडनी अपना कार्य करने में अक्षम हो जाती है तो तब इस स्थिति को किडनी फेल्योर कहते है। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए महाराष्ट्र के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
किडनी की बीमारी की प्रथम अवस्था को समझने के लिए उसके लक्षणों के बारे में पता लगाना ज़रूरी होता है। किडनी के खराब होने के दूसरे लक्षण उसके 80% खराब होने के बाद नजर में आते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए राजस्थान के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
किडनी फेल्योर के दो कारक के होते हैं, पहला एक्यूट किडनी फेल्योर। जिसका मतलब होता है कि आपकी किडनी अस्थायी रूप से बंद हो गई है। ये किडनी फेल्योर आमतौर पर पूरी तरह ठीक हो जाता है और इसमें डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण की जरूरत नहीं पड़ती है।
अगर किडनी की बीमारी शरीर के सामान्य कार्य को करने की क्षमता में होती है तो ये किडनी फेल्योर की स्थिति को दूर कर सकती है। अगर किडनी की बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया जाता है तो इसका परिणामस्वरूप किडनी फेल हो सकती है।
शरीर में किडनी का मुख्य कार्य शुद्धिकरण का होता है, लेकिन शरीर में किसी रोग की वजह से जब दोनों किडनी अपना कार्य करने में अक्षम हो जाती है तो तब इस स्थिति को किडनी फेल्योर कहते हैं।
अगर किडनी की बीमारी शरीर के सामान्य कार्य को करने की क्षमता में होती है तो ये किडनी फेल्योर की स्थिति को दूर कर सकती है। अगर किडनी की बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया जाता है तो इसका परिणामस्वरूप किडनी फेल हो सकती है।
हमारी किडनी शरीर में संतुलन बने रखने के कई कार्यों का निष्पादन करती है। वे अपशिष्ट उत्पादों तो फिल्टर करके पेशाब से बाहर निकालते है और निष्कासन करते है। वे शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शिम की मात्रा को संतुलित करते हैं।
आयुर्वेदिक उपचार किडनी से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में सफल रहा हैं, वो भी डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण के बिना। किडनी फेल्योर या अन्य किडनी रोग के लिए असम में आयुर्वेदिक डॉक्टर में से एक है डॉ. पुनीत धवन।
किडनी शरीर की गंदगी को फिल्टर करने का काम धीमा या बंद कर देती हैं और तब किडनी फेल्योर की स्थिती बनती हैं। ये अपशिष्ट उत्पादों और ब्लड में जहरीले पदार्थ पैदा होने के कारण हो सकता हैं। किडनी की विफलता के दो प्रकार होते हैं- एक्यूट किडनी रोग और क्रोनिक किडनी रोग।
किडनी फेल होने की अंतिम स्थिति से किडनी को पूरी तरह काम न कर पाते से हैं। यदि कोई व्यकित किडनी फेल होने की अंतिम स्थिति में होते हैं तो उसके लिए कुछ नहीं किया जा सकता। तब ये महत्वपूर्ण है कि जब भी आपको किडनी से संबंधित कोई समस्या आए तो आप तुरंत किसी योग्य व पेशेवर आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. पुनीत धवन की सलाह लें।
आज डॉ. पुनीत धवन इसके नेतृत्व में है। हर साल हजारों किडनी रोगियों का इलाज करते है। वो भी डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण की सलाह के बिना। डॉ. पुनीत धवन सिर्फ ओर सिर्प आयुर्वेदिक उपचार पर विश्वास करते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए ओडिशा के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
किडनी मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। जब किडनी खराब होती हैं तो किसी गंभीर बीमारी या मौत का कारण बन जाती हैं। इसकी तुलना सुपर कंप्यूटर के साथ की जा सकती हैं, क्योंकि ये रचना बड़ी अटपटी है और उसके कार्य अत्यंत जटिल हैं
किडनी फेल्योर को (रेनल फेल्योर) भी कहा जाता हैं। इस स्थिति में किडनी ब्लड से मेटाबोलिक अपशिष्ट को खत्म करने या फिल्टर करने में असमर्थ होती हैं। किडनी फेल्योर तब होता हैं जब आपकी किडनी फंगक्शनिंग बंद कर देती है। ये कुछ घंटों में तेजी से हो सकता हैं।
किडनी मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमारे शरीर में विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करते हैं। ये मुख्य अंग प्रणाली है जो रक्त से अतिरिक्त तरल पर्दाथ और अपशिष्ट से छुटकारा पाने में एक महत्वपूर्ण काम करती है।
हार्ट फेल्योर को “कन्जेस्टिव” हार्ट फेल्यर (CHF) भी कहा जाता हैं। “कन्जेस्टिव” का अर्थ है शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ रही है, क्योंकि हृदय उचित तरीके से पम्पिंग नहीं कर रहा है। “आप कितनी देर तक दिल में रक्त जमाव और किडनी फेल्योर के साथ रह सकते हैं”
किडनी शरीर का मुख्य अंग है जो शुद्धिकरण का काम करती है, लेकिन जब शरीर में किसी रोग की वजह से दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य करने में अक्षम हो जाती हैं तो इस स्थिति को हम किडनी फेल्योर कहते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए पश्चिम बंगाल के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
किडनी शरीर में मुख्य कार्य शुद्धिकरण का होता हैं, लेकिन शरीर में किसी रोग की वजह से जब दोनों किडनी अपना कार्य करने में अक्षम हो जाती है तो तब इस स्थिति को किडनी फेल्योर कहते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए मध्यप्रदेश के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
आजकल किडनी फेल्योर के मरीजों में काफी वृद्धि हो रही हैं। देश में ही, नहीं बल्कि विदेशों में भी किडनी फेल्योर के रोगियों की संख्य़ा दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए गुजरात के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
आयुर्वेदिक चिकित्सकों का मानना हैं कि एक या अधिक किडनी रोगों के डायग्नोस के बाद भी जिंदगी हैं और अगर रोग की पहचान पहले ही हो जाती है तो इसे वैकल्पिक उपचारों से ठीक किया जा सकता हैं। मरीज इन वैकल्पिक इलाजों का उपयोग कर सकते हैं
किडनी का शरीर में मुख्य कार्य शुद्धिकरण का होता हैं, लेकिन जब शरीर में किसी रोग की वजह से जब दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य करने में अक्षम हो जाती हैं तो तब हम इस स्थित को किडनी फेल्योर कहते हैं। “किडनी फेल्योर ट्रीटमेंट के लिए तमिलनाडु के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
आयुर्वेदिक उपचार में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का और ऑरगेनिक का इस्तेमाल करते हैं। आयुर्वेदिक दवाओं में वरुण, कासनी, गोखुर, पुनर्नवा और शिरिष जैसी जड़ी-बूटियां शामिल हैं, इसलिए किडनी के किसी भी रोग के लिए आप किडनी ट्रीटमेंट इन इंडिया
हर साल हजारों किडनी रोगियों का इलाज करते हैं। वो बिना डायलिसिस और बिना किडनी प्रत्यारोपण की सलाह के। डॉ. पुनीत धवन सिर्फ ओर सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार पर विश्वास करते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए गोवा के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
आयुर्वेद चिकित्सा शरीर, मन और आत्मा का एक प्राचीन विज्ञान हैं। आयुर्वेद का उपयोग जड़ी-बूटियों और पूर्व-ऐतिहासिक तकनीकों के साथ इस्तेमाल किया जाता हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए हिमाचल प्रदेश के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
शरीर में किडनी का मुख्य कार्य शुद्धिकरण का होता है, लेकिन शरीर में किसी रोग की वजह से जब दोनों किडनी अपना कार्य करने में अक्षम हो जाती हैं तो तब इस स्थिति को किडनी फेल्योर कहते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए जम्मू-कश्मीर के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
किडनी रक्त में से जल और बेकार पदार्थो अलग करती हैं। शरीर में रसायन पदार्थो का संतुलन, हार्मोन्स छोडना, रक्तचाप नियंत्रित करने में सहायता प्रदान करती हैं। ये लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी सहायता करती है। इसका एक और कार्य है विटामिन-डी का निर्माण करना, जो मानव की हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाता हैं। “किडनी फेल्योर योगा”
शरीर में किडनी का मुख्य कार्य शुद्धिकरण का होता हैं, लेकिन जब शरीर में किसी रोग की वजह से जब दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य करने में अक्षम हो जाते हैं तो इस स्थिति को हम किडनी फेल्योर कहते हैं। “किडनी फेल्योर और आयुर्वेदिक क्लीनिक”
किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे शरीर से अशुद्धियों और विषेले पदार्थो को बाहर निकालता है। किडनी में दर्द और सूजन होना ये 2 समस्याएं हैं। जी हां, आजकल गलत खान-पान, अस्वस्थ्य जीवनशैली और प्रदूषित वातावरण के कारण किडनी रोग बढ़ रहा है
किडनी शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में शामिल हैं। किडनी में खराबी आने से हमारी जिंदगी जीना मुश्किल हो जाता हैं, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार ये इसे ठीक किया जा सकता हैं। आजकल किडनी फेल्योर के मरीजों में बेतहाशा वृद्धि हो रही हैं।
किडनी फेल होने का लोगों को पता नहीं चल पता है, क्योंकि बची हुई दूसरी किडनी के सहारे सामान्य जीवन जिया जा सकता है। इसके लक्षण दोनों किडनी के फेल होने पर ही दिखाई देते है। ऐसे में शरीर में सूजन, उल्टी, कमजोरी व कम यूरिन जैसी समस्याएं पैदा होने लगती है।
किडनी के रोगों में क्रोनिक किडनी डिजीज फेल्योर एक गंभीर रोग हैं, क्योंकि विशेषज्ञ में इस रोग को खत्म करने की कोई दवा उपलब्ध नहीं है। पिछले कई सालों से इस रोग के मरीजों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही हैं। साथ ही दस में से एक व्यक्ति को किडनी की बीमारी होती हैं।
दुनिया भर में अधिक से अधिक लोग किडनी की समस्याओं से ग्रस्त हो रहे हैं। इनमें से अधिकतर लोग मध्यम या बुढापे की उम्र में हैं जो पहले से ही मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं। उन लोगों के बीच किडनी की समस्याएं भी आम हैं जिन्हे विरासत में मिली हो।
शरीर से उचित द्रव संतुलन को बनाए रखने, अपशिष्ट पदार्थ को हटाने और रक्त से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने के लिए किडनी महत्वपूर्ण काम करती है। किडनी पेशाब को बनाती है जो चयापचय अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर करने में मदद करता है।