क्रोनिक किडनी डिजीज (सी.के.डी) स्टेज-1

किडनी क्या काम करती है?

किडनी मानव के शरीर का एक अहम अंग है, जिसके वैसे तो बहुत सारे काम है लेकिन किडनी के 2 प्रमुख काम माने गए हैं| पहला काम- हानिकारक अपशिष्ट उत्पादों और विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना और दूसरा काम – शरीर में पानी, तरल पदार्थ और खनिजों का सहीं से संतुलन बनाये रखना| किडनी में अगर कुछ समस्या आ जाए और इसका सही समय पर इलाज़ ना लिया जाए तो यह किसी गंभीर बीमारी या कई बार मौत का कारण भी बन सकती है| किडनी का काम इतना जरुरी होता है कि अगर किडनी स्वस्थ ना हो तो शरीर के बाकि सभी अंगों का सुचारू रूप से चलना मुश्किल हो जाता है| इससे इस बात का पता चलता है कि मानव शरीर में किडनी का काम कितना महत्वपूर्ण है और किडनी क्या काम करती है|

क्रोनिक किडनी डिजीज (सी.के.डी) का स्टेज-1

क्रोनिक किडनी डिजीस क्या है?

क्रोनिक किडनी डिजीज अर्थात सी.के.डी, यह किडनी की एक समस्या है और इसमें दोनों किडनियों को खराब होने में महीनों या सालों तक का समय लग जाता हैं| यह किडनी खराबी का पहला चरण है, जिसके शुरूआती दौर में दोनों किडनियों की कार्यक्षमता में कुछ कमी होने के कारण कोई खास लक्षण नजर नहीं आते हैं, लेकिन जैसे-जैसे किडनी ज्यादा खराब होती जाती है वैसे-वैसे मरीज़ की तकलीफें बढ़ने लगती है|

किडनी के प्रमुख सकेंत और लक्षण:

  • थकावट और शरीर में कमज़ोरी महसूस होना
  • अक्सर ध्यान में रहना और परेशान रहना
  • भूख और नींद में कमी होना
  • मांसपेशीयों में ऐंठन आना और दर्द बने रहना
  • हाथ पैरों में सुजन आना
  • उल्टी जैसा मन होना
  • त्वचा में सुखी खुजली होना
  • पेशाब लगने जैसा एहसास होना

क्रोनिक किडनी डिजीज (सी.के.डी) का पहला चरण:

क्रोनिक किडनी डिजीज के पहले चरण में किडनी की कार्यक्षमता 90 से 100 % होती है| किडनी की इस स्थिति में eGFR 90 ml/min से ज्यादा होता है| इस अवस्था में मरीजों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते| लेकिन यह हो सकता है कि पेशाब में असामान्यताएँ हो| जैसे- पेशाब में प्रोटीन जाना इसके लिए कुछ जांच है जिससे इसका पता चल सकता है| एक्स रे, एम.आर.आई., सी.टी. स्कैन या सोनोग्राफी इन सभी जांचों के द्वारा किडनी में खराबी दिखाई पड़ सकती है या सी.के.डी. के पहले चरण का पता चल सकता है|

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