किडनी के मरीज़ अपने खाने में सभी चीज़ों का सेवन नहीं कर सकते| और जिनका सेवन कर सकते हैं उन्हें वह सिमित मात्रा में ही लेना होगा| तो इन बातों को ध्यान में रख कर किडनी के मरीज़ क्रिसमस डे के इस त्यौहार को बड़े आराम से मना सकते हैं|
किडनी में खराबी होने के कारण रोगी को एक बात समझा दी जाती हैं कि आपको अपने खाने-पीने में परहेज रखने की जरूर है| क्योंकि खाने-पीने में परहेज न रखने से रोगी की किडनी भी फेल हो सकती हैं
किडनी के मरीज़ मैदा क्यों नहीं खा सकते | आईये जानते है की आयुर्वेदिक किडनी विशेषज्ञ मैदा खाने से माना क्यों करते है | किडनी रोग का आयुर्वेदिक इलाज
दूध से कैल्शियम, विटामिन बी, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व प्राप्त होते हैं साथ ही शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेड की पूर्ति भी दूध से होती हैं|
आयुर्वेदिक इलाज़ आपकी किडनी को तो ठीक रखता ही है साथ ही यह आपको शरीर में होने वाली कई और परेशानियों से भी बचाता है| आईये जानते है कैसे
अक्सर किडनी में खराबी तब आती है जब आप अपनी डाइट में जरूरत से ज्यादा प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, मैगनीज और सेलेनियम जैसी चीज़ों का सेवन करते हैं|
आप अपने दैनिक आहार में घरेलू उपचार को अपनाकर किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं| शरीर में होने वाली कई गंभीर बीमारियों में से एक किडनी में संक्रमण होना भी है|
मधुमेह किडनी खराब होने का कारण कैसे है? जिसमे आँखों से जुड़ी समस्याओं से लेकर किडनी खराब होने तक का भी खतरा बना रहता है। आयुर्वेद में मधुमेह का इलाज कैसे आपकी किडनी को ख़राब होने बचा सकता है
किडनी खराब होने के पहले चरण में किडनी के काम करने की क्षमता 90% तक रहती है। इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को कोई लक्षण महसूस नहीं होते है। लेकिन इस समय पेशाब में परेशानियां आने लगती हैं। दूसरी और तीसरी स्टेज में
क्या सूखे मटर खाने से किडनी स्वस्थ रहती हैं?, आज इस लेख में हम आपको उन्हीं सूखे मटर के बारे में बताएँगे कि क्या यह किडनी के लिए फायदेमंद हैं या नहीं?
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किडनी को स्वस्थ रखने के लिए हमें कितनी नींद लेनी चाहिए? किडनी रोग का आयुर्वेदिक इलाज द्वारा नींद संबंधी विकार का कारण जानने के बाद निवारण किया जा सकता है।
किडनियां ठीक से काम कर रही है, लेकिन उन्हें उचित मात्रा में खून नहीं मिल रहा। जिसके चलते पेशाब का निर्माण नहीं हो पाता। आईये जानते है मूत्र प्रणाली से किडनी कैसे प्रभावित होती है और आयुर्वेदा में इसका इलाज
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आज के इस लेख में हम इस बारे में जानेंगे कि विदेशों में खराब हुई किडनी को कैसे ठीक किया जाता है और क्या विदेशी उपचार किडनी फेल्योर के लिए सफल उपचार है?
पैशन फ्रूट हमेशा से ही एक दिलचस्प फल रहा है, इसकी विश्व भर में खासा मांग रहती है। यह भले ही एक विदेशी फल माना जाता हो, लेकिन विशेषज्ञ इसे एक भारतीय फल मानते हैं, क्योंकि इसकी खेती भारत के कई इलाकों में काफी लंबे समय से की जाती रही है।
ऐस्पैरागस के तने को इसके फूल के साथ पूरा इस्तेमाल किया जाता है सिवाय जड़ के। अब चाहे जो भी हो ऐस्पैरागस गुणों से भरपूर है, इसलिए इसे विश्वभर में खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
हम सभी इस बात को जानते हैं कि किडनी हमारे शरीर में बहने वाले खून को साफ़ करने का काम करती है, जिसकी वजह से इसे शरीर के सबसे खास अंग की संज्ञा दी गई गई. किडनी आकार में भले ही छोटी होती है
किडनी को साफ और स्वस्थ रखने के लिए हमारे पास कई तरीकें मौजूद है। आप अपनी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए बस कुछ खाद्य पदार्थों और जड़ी बूटियों को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं,
किडनी खराब होने पर किडनी रोगी को आयुर्वेदिक उपचार ही लेना चाहिए, लेकिन रोगी को उपचार के साथ-साथ परहेज करने भी बहुत जरूरी होते हैं। क्योंकि औषधियों के साथ परहेज रोगी को जल्द ठीक होने में मदद करते हैं।
एलोपैथी उपचार में किडनी को ठीक करने का केवल एक ही उपचार मौजूद है “डायलिसिस”। यह रक्त छानने की एक कृत्रिम क्रिया है जो कि शरीर से अपशिष्ट उत्पादों और अन्य विषाक्त तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है।
बढ़ती उम्र के साथ अक्सर व्यक्तियों को कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे – कमर दर्द, घुटनों का दर्द तथा अन्य समस्याएँ। इन सभी शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए लोग अक्सर दवाओं का सेवन करते हैं
गर्मियों के मौसम में कोल्ड ड्रिंक पीना भला किसे पसंद नहीं होगा, कई लोग तो कोल्ड ड्रिंक पीने के इतने आदि होते हैं कि उन्हें इसकी लत ही लग चुकी होती है। गर्मियों के मौसम में तो कोल्ड ड्रिंक पीना एक फैशन-सा ही बन जाता है।
शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द होना काफी पीड़ादायक होता है, ऊपर से अगर दर्द अंदरूनी हिस्सों में हो तो वह काफी पीड़ादायक साबित होता है। क्योंकि बाहरी दर्द से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है,
जब कोई खुशी का मौका होता है तो लोग अक्सर शराब का सेवन करना पसंद करते हैं। लेकिन हम सब इस बात से भली-भांति वाकिफ है कि शराब का सेवन करने से हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अन्य खाद्य उत्पादों के मुकाबले सोयाबीन प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है। यह दलहन की एक फसल है, जिसके बीजों को खाने में शामिल किया जाता है। शाकाहारी लोगों के लिए सोयाबीन प्रोटीन का सबसे अच्छा विकल्प है
क्या आपने कभी इस विषय में विचार किया है कि किडनी जो हमारे शरीर में बहने वाले खून को साफ़ करने का काम करती है, आखिर वो खराब क्यों हो जाती है? वैसे तो किडनी खराब होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं
आमतौर पर बैंगन की सब्जी खाना सभी को पसंद नहीं होता, हाँ अगर बात बैंगन के भरते की हो तो शायद ही ऐसा कोई होगा जो इसका दीवाना ना होगा। भारत के साथ विश्व भर में पाए जाने वाला बैंगन (एगप्लांट) हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी होता है।
जिस प्रकार किडनी आपकी सेहत को सुधारने के लिए कई कार्यों को अंजाम देती है, ठीक उसी प्रकार यह खराब होने के बाद आपकी सेहत को कई प्रकार से नुकसान भी पहुंचाती है।
आमतौर पर लोग मूत्र और मूत्र से जुड़ी समस्याओं के बारे में खुलकर बात नहीं करते, लेकिन मूत्र आपके स्वास्थ्य के बारे में सब कुछ बता देता है। पेशाब शरीर में जमा अपशिष्ट उत्पादों से बना हुआ है, एक तरल उत्पाद है जो कि किडनी द्वारा बनाया जाता है।
किडनी हमारे शरीर में सभी रसायनों के बीच संतुलन बनाने का काम करती है, जिससे शरीर का विकास ठीक रूप से हो पाता है। किडनी मूल रूप से हमारे शरीर में बहने वाले रक्त को साफ करने का काम करती है।
गुर्दे की विफलता को रोकने के लिए शीर्ष 5 खाद्य पदार्थ: आपके गुर्दों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए सर्वश्रेष्ठ आहार विकल्प।
किडनी की बीमारी आज के समय में एक आम समस्या बन गई| पहले के समय में लोग डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के नाम को जानते भी नहीं थे| जो लोग जानते थे उनका कहना सिर्फ यही था कि यह सब इलाज़ पैसे वाले लोग करवा सकते हैं|
कैसे समझें किडनी की परेशानी को? अपनी किडनी की समस्याओं को समझें और सही उपाय ढूंढें। जानें किडनी की परेशानी के लक्षण और इलाज के बारे में।
किडनी की बीमारी के पांच चरण कौन से हैं? जानिए किडनी की बीमारी के पांच चरण और उनके लक्षण। सही देखभाल और इलाज से रोकें इस खतरनाक समस्या को।
किन 6 आदतों को अपनाकर किडनी को खराब होने से बचा सकते हैं? अगर आप अपनी किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (processed foods) और फ्रोज़ेन फ़ूड से दूर रहना चाहिए।
क्या करेला खाने से किडनी स्वस्थ रहती है? अगर आप नियमित रूप से करेलो को अपने आहार में शामिल करते हैं तो आप किडनी फेल्योर जैसे गंभीर रोग से भी दूर रह सकते हैं।
भारतीय परमपराओं में कमल के फूल का बड़ा महत्व है। यह भारत में लोगो की धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा हुआ है। ठीक इसी प्रकार कमल का तना यानि कमल ककड़ी का आयुर्वेद में खास महत्व है।
हरी सब्जियों की बात करे तो उसमे भिन्डी सबसे खास सब्जी मानी जाती है, क्योंकि अक्सर बाकि सभी हरी सब्जियों को खाने में लोक आनाकानी करते हैं. लेकिन भिन्डी को सभी लोग खाना पसंद करते हैं
अमरबेल एक आयुर्वेदिक औषधी है, पर कभी कभी इसके उपयोग से कुछ समस्याएं हो सकती है इसलिए इनका उपयोग पूरी जानकारी होने पर ही करना चाहिए।
क्या किडनी अपने आप ठीक हो सकती है? क्या किडनी अपने आप ठीक हो सकती है? जानिए कैसे निदान और उपचार कर सकते हैं, इस हेल्थ संबंधी उत्कृष्ट गाइड के साथ।
चाय हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुकी है, तक़रीबन हर व्यक्ति अपने दिन की शुरुआत चाय के साथ ही करता है। चाय पीने से भले ही हम तरोताजा महसूस करते हैं लेकिन इसके कई नुकसान भी होते है।
हमारे स्वास्थ्य के लिए दूध जरूरी है, क्योंकि दूध में पोषक तत्व इतने है कि दुनिया भर के लोग इसे अपने आहार का मुख्य हिस्सा मानते हैं। दूध में विटामिन-ए, विटामिन-बी12 और विटामिन-डी अच्छी मात्रा में होते हैं।
क्या किडनी के लिए राजमा लाभदायक हो सकता है? राजमा में पोषक तत्व होते हैं जो किडनी स्वास्थ्य में सहायक हो सकते हैं। जानें कैसे राजमा किडनी के लिए लाभदायक हो सकता है और इसके सेवन के सही तरीके।
किडनी के लिए कॉफी लाभदायक या हानिकारक? कॉफी में फाइटोन्यूट्रिएंट्स (phytonutrient), पॉलीफिनॉल्स (Polyphenols), कई सारे एंटीऑक्सीडेंट्स, रिफ्लेविन (Replevin) यानी विटामिन-बी, मैंगनीज, पोटेशियम, मैग्नीशियम, नियासिन और कैफीन पाए जाते हैं।
खजूर बेहद मिठास भरा होता है और इसे देखते ही मुंह में पानी आ जाता है। खजूर को अंग्रेजी में डेट्स, अरबी में तवारीख और फ्रेंज में पामियर के नाम से जाना जाता है। खजूर को ताड़ यानी पाल्म ट्री की प्रजाति का माना गया है।
बालावस्था में कौन से किडनी रोग हो सकते हैं? जानिए किडनी स्वास्थ्य की चिंता, उपाय और सावधानियाँ। अनुवांशिक किडनी विकार या इससे संबंधित कोई भी रोग लड़कियों की तुलना में लड़कों को अधिक प्रभावित करते हैं।
किडनी रोगियों के लिए रोज़ाना कितना पानी पिएं? जानें सही मात्रा, फायदे और सावधानियाँ। बेस्ट किडनी आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट अब भारत में उपलब्ध जिससे आप अपनी किडनी को आयुर्वेदा की मदद से मजबूत बनाये
ई-कोलाई संक्रमण से किडनी को कैसे प्रभावित होता है? जानिए किडनी के स्वास्थ्य पर इसका असर और उपाय। बेस्ट आयुर्वेदिक किडनी उपचार के लिए किडनी ट्रीटमेंट इन इंडिया में संपर्क करे
किडनी हमारे शरीर का सबसे जरुरी अंग होने के साथ-साथ यह सबसे संवेदनशील अंग भी है। यह हमारी थोड़ी सी लापरवाही के चलते खराब हो जाती है। हमारी बिगड़ती लाइफस्टाइल के चलते हमारी किडनी सबसे जल्दी खराब होती जा है।
किडनी हमारे शरीर में बहने वाले खून को साफ करने का कार्य करती है। खून साफ करने के समय किडनी खून में मौजूद सारे अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकाल देती है। हमारे खून में सोडियम, एसिड, पोटेशियम, अतिरिक्त कैल्शियम, शर्करा जैसे कई अपशिष्ट उत्पाद होते हैं
आजकल के वक़्त में हर इंसान इतना व्यस्त हो चूका है उसके पास अपनी सेहत का ख्याल रखने का समय ही नहीं होता है कि वो योग या एक्सरसाइज करके स्वस्थ रह सकें।
किडनी मानव शरीर का एक अति महत्वपूर्ण अंग है, यह अंग खून साफ करने जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों को करती है। किडनी शरीर से अपशिष्ट उत्पादों, अतिरिक्त क्षार, और अम्ल जैसे रसायनों को शरीर से बाहर निकालने का कार्य करती है।
किडनी हमारे शरीर का सबसे जरुरी अंग है, यह कई ऐसे कम करती है जिससे हमारा शरीर स्वस्थ बना रहता है। किडनी हमारे शरीर में बहनें वाले खून को साफ करने का सबसे जरुरी काम करती है।
किडनी हर इंसान के लिए एक अहम अंग होता है, बिना किडनी के कोई भी व्यक्ति अपने जीवन के बारे में नहीं सोच सकता है इसलिए अपनी किडनी को स्वस्थ रखना भी हमारा काम है।
भारत में पिछले 15 सालों में किडनी रोगों में दोगुना वृद्धि हुई है। आजकल की बिगड़ती लाइफस्टाइल और गलत खान-पान इसकी सबसे बड़ी वजह है। शरीर से अपशिष्ट पदार्थो को बाहर निकालने की जिम्मेदारी किडनी की है
उपरोक्त लिखे लक्षणों की पहचान कर आप किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन जब किसी व्यक्ति को इस बीमारी के बारे में जानकारी मिलती है
एक स्वस्थ किडनी हमारे शरीर को मानसिक और शरीरिक रूप से विकसित करने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करती है। बिना किडनी शरीर के अंगों का काम करना बहुत ही मुश्किल है
किडनी संक्रमण उस समय होता है जब किसी कारण से जीवाणु मूत्र पथ या गुदा (ANAL) से होते हुए किडनी में प्रवेश कर लेता है जिसके चलते किडनी संक्रमित हो जाती है। किडनी संक्रमण और मूत्र संक्रमण होने के पीछे ई कोलाई नामक जीवाणु होता है
क्रोनिक किडनी डिजीज या किडनी फेल्योर किडनी की सबसे गंभीर बीमारी है। इस किडनी की बीमारी से तकरीबन सभी लोग वाकिफ है। किडनी की इस बीमारी में रोगी की किडनी बहुत धीमे-धीमे खराब होती है।
किडनी शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। किडनी की खराबी किसी भी गंभीर बीमारी या मौत का कारण बन सकती है। वैसे आप इसकी तुलना एक सुपर कंप्यूटर के साथ कर सकते हैं
किडनी भले ही आकर में छोटी होती हो लेकिन यह हमारे शरीर में कई जरूरी कार्यों को अंजाम देती है। किडनी हमारे शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को शरीर से बाहर निकालने का जरूरी काम करती है।
हर व्यक्ति द्वारा लिए गए आहार के प्रकार और उसकी मात्रा में हर दिन परिवर्तन होता रहता है। आहार की विविधता के कारण शरीर में पानी की मात्रा, अम्लीय और क्षारीय पदार्थों की मात्रा में निरंतर परिवर्तन होता है।
किडनी हमारे शरीर का एक अहम अंग होता है, अगर वह कम करना बंद कर दें तो हमारी जान को जोखिम हो सकता है। आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी के कारण बहुत से व्यक्ति अपने लिए समय नहीं निकाल पाते हैं
किडनी हमारे शरीर में सफाई का काम करती है। यह शरीर से गंदगी बाहर निकलाने वाले सिस्टम (URINARY SYSTEM) का एक बहुत अहम हिस्सा है।
दुनिया भर में आए दिन कोई ना कोई बीमारी के कारण लाखों लोगों की जान जा रही है उन्हीं बीमारियों में से एक बीमारी है किडनी की समस्या। आज के समय में लगभग 10 में से 3 लोग किडनी की कोई ना कोई समस्या से जूझ रहे हैं।
किडनी की महता से तो सभी परिचित है, यह हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत से कार्यों को अंजाम देती है। किडनी हमारे शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने का कार्य करती है
उच्च रक्तचाप एक गंभीर समस्या है, इस समस्या को हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर के नाम से भी जाना जाता है। हमारा दिल धड़कते समय धमनियों के जरिए पूरे शरीर में रक्त संचार करता है
बढ़ती उम्र के बाद शरीर की कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिसके कारण व्यक्ति कई बीमारियों की चपेट में आने लगता है। 60 की उम्र के बाद अक्सर व्यक्ति उच्च रक्तचाप, मधुमेह, बदन दर्द, घुटनों और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं से जूझने लगता है।
शरीर में सभी अंग महत्वपूर्ण है, लेकिन किडनी बाकि सभी अंगों के मुकाबले सबसे खास अंग है। किडनी के बिना मानव शरीर काम नहीं कर सकता। किडनी हमें स्वस्थ रखने के लिए कई कार्यों को अंजाम देती है।
आम चाय के मुकाबले ग्रीन टी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। ग्रीन टी ना केवल आपको ताज़गी से भरती है बल्कि यह आपको स्वस्थ भी बनाएं रखती है। ग्रीन टी वजन कम करने में काफी असरदार मानी जाती है।
हल्दी हर घर पाए जाने वाली एक खास आयुर्वेदिक औषधि है। हल्दी, अदरक की तरह जमीन के अंदर उगती है, एक निश्तिच समय के बाद इसकी जड़ों को सुखाकर और फिर पीसकर पीले रंग का पाउडर तैयार किया जाता है
हमारे शरीर को बाहर और अंदर से स्वस्थ रखना बेहद जरूरी होता है। शरीर के अंदरूनी हिस्से हर समय अपना कार्य करते रहते हैं। हमारे शरीर में सभी अंग बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और उनमें से एक महत्वपूर्ण अंग किडनी भी है।
किडनी मनुष्य के शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। यह रक्त को शुद्ध कर, अपशिष्ट उत्पादों, अतिरिक्त क्षार और अम्ल को शरीर से बाहर निकालने का विशेष कार्य करती है। किडनी के इस कार्य से शरीर में रसायनों का संतुलन बना रहता है
एंटीबायोटिक दवा शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करती है, क्योंकि शरीर के सभी रोगों की वजह से कोई न कोई हानिकारक बैक्टीरिया या वायरस पैदा होते हैं।
अगर हम तेल के बारे में बात करें तो जैतून का तेल ख्याल में जरूर आता है। जैतून का तेल जैतून के पेड़ पर लगे फलों से निकाला जाता है, इसकी खेती मुख्य रूप से भूमध्य इलाके में बड़े पैमाने में की जाती है।
किडनी रोगियों के लिए मछली नुकसानदेह साबित हो सकती है, क्योंकि मछली में अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो किडनी को खराब कर सकती है।
किडनी दर्द में तुरंत कारण की पहचान करना मुश्किल है, क्योंकि दर्द विभिन्न प्रकार के रोगों से जुड़ा हो सकता है। इसलिए दर्द, वर्टेब्रोजेनिक रोग विज्ञान, आंतों की बीमारी, पित्ताशय की बीमारी के रोग से जुड़ा हो सकता है
कभी-कभी ये दर्द पेट के नीचे जा सकता है। हर व्यक्ति के लक्षण और संकेत विभिन्न रूप से विकसित होते हैं। “क्या किडनी की समस्या पेट में सूजन के कारण हो सकती है?”
जो पेशाब के रास्ते से शरीर की गंदगी बाहर निकालने में मदद करती है। हर किसी को किडनी मजबूत करने के उपाय के बारे में सोचना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कैसे रखें किडनी को मजबूत।
किडनी हमारे खून से नमक और शरीर में बैक्टीरिया को फिल्टर करता है। लेकिन जब किडनी में नमक का संचय हो जाता है तो फिर उपचार की जरूरत होती है। किडनी में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं
किडनी के कई रोग बहुत गंभीर होते है और यदि इनका समय पर इलाज नहीं किया जाए तो उपचार असरकारक नहीं होता है। बड़े देशों में उच्च लगत, संभावित समस्याओं और उपलब्धता की कमी के कारण किडनी फेल्योर से पीड़ित सिर्फ 5-10% मरीज ही डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण का उपचार करवा पाते हैं।
किडनी में होने वाले इंफेक्शन की जानकारी इसके पहले स्टेज में नहीं हो पाती है। कई बार ऐसा होता है कि जब तक हमें इसका पता चलता है। तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, इसलिए हम आपको इसके कुछ सिम्पटम्स बताने जा रहे हैं
ज्यादा उम्र के लोगों में होने वाली हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अब स्कूली बच्चों में देखने को मिल रही है। हाई बीपी के दौरान मरीज के शरीर में रक्त का प्रवाह अधिक तेज हो जाता है जिससे ह्रदय पर अधिक दबाव पड़ता है। साथ ही ये किडनी रोग के लक्षण भी हो सकते हैं।
आप सब जानते हैं कि किडनी शरीर में अधिक पानी, नमक और अन्य क्षार को पेशाब द्वारा शरीर से बाहर निकालकर इन पदार्थो का संतुलन बनाने का महत्वपूर्ण कार्य करती है। किडनी रोग में ये नियंत्रण का कार्य ठीक तरह से नहीं होते है
किडनी के कई रोग बहुत गंभीर होते हैं और अगर इनका समय पर इलाज नहीं किया जाए तो उपचार असरकारक नहीं होते है। बड़े-बड़े देशों में उच्च लागत, संभावित समस्याओं और उपलब्धता की कमी के कारण किडनी रोग से पीडित सिर्फ 5 – 10% मरीज ही डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण का उपचार करवा पाते हैं।
किडनी में दर्द आमतौर पर गहरी और उच्च होती है और पसलियों के नीचे स्थिक होती है, जबकि पीठ में आम चोट के साथ मांसपेशियों में दर्द कम होता है। किडनी में दर्द के कारण मुख्य रूप से मूत्र पथ के इंफेक्शन और किडनी की पथरी है
किडनी हमारे शरीर में रक्त को फिल्टर करती है, हार्मोन बनाती है, जरूरी मिनर्लस को एब्सॉर्ब करती है, पेशाब बनाती है, किडनी जहरीले तत्वों को शरीर से बाहर निकालती है और एसिड के लेवल को कंट्रोल करती है।
नई दिल्ली के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक किडनी ट्रीटमेंट में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदिक। जो 1937 में स्थापित किया गया था और आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। डॉ. पुनीत ने हर साल हजारों किडनी रोगियों का इलाज करते हैं और मरीज के किडनी रोग को जड़ से खत्म करते है। वो भी डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण के बिना।
जब तक पीठ का दर्द असहनीय नहीं हो जाता तब तक लोग उसे गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन डॉक्टर पुनीत धवन के अनुसार, पीठ के दर्द किडनी की समस्या का संकेत भी हो सकता है। अनावश्यक दवाओं के सेवन से कई बार किडनी क्षतिग्रस्त होकर इसमें इंफेक्शन हो सकता है।
किडनी शरीर के महत्वपूर्ण अंग है जो विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करते हैं। ये मुख्य अंग प्रणाली है जो रक्त से अतिरिक्त तरल पदार्थ और अपशिष्ट से छुटकारा पाने में एक महत्वपूर्ण स्थिति रखती है।
किडनी की बीमारियों के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं ये निर्भर करता हैं किडनी के अंतनिर्हित रोग और उसकी गंभीरता पर। इसलिए रोग के प्रारंभिक दोर में पता लगाना मुश्किल होता हैं।
किडनी की रचना एंव कार्य, किडनी शरीर का खून साफ करके पेशाब बनाती है। शरीर से पेशाब निकालने का कार्य मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रनलिका द्वारा होता है
पाइलोनेफ्राइटिस, जिसे आमतौर पर किडनी इंफेक्शन के रूप में माना जाता है, मूत्रमार्ग से किडनी से गुजरने वाले बैक्टीरिया के कारण पेशाब पथ इंफेक्शन का एक प्रकार है। साथ ही ये इंफेक्शन दोनों लिंगों के सदस्यों को प्रभावित कर सकता है
आयुर्वेद की मदद से करें किडनी रोग का इलाज, जिनको हाई ब्लड प्रेशर और शुगर जैसे रोग की परेशानी हो और उनके परिवार में कभी किसी को किडनी की कोई बीमारी हुई हो, तो तब किडनी रोग होने की संभावना अन्य लोगों से अधिक होती है।
किडनी का कैंसर आपके किडनी में शुरु होता है जो मुट्ठी के आकार के बराबर की होती है और आपकी रिढ़ की हड्ड़ीके दोनों तरफ पेट के अंगों के पीछे स्थित होती हैं। वयस्कों में, रीनल सेल कार्सिनोमा किडनी के कैसंर का सबसे आम प्रकार हैं।
किडनी रोगियों के लिए आयुर्वेदिक इलाज एक वरदान के रूप में साबित हो रहा हैं। 80 प्रतिशत तक खराब हो चुके किडनी रोगी को आयुर्वेदिक इलाज के जरीए ठीक किया है। इसका खुलासा खुद मरीजों की रिपोर्ट में हुआ हैं।
किडनी डिजीज में सबसे बड़ी परेशानी ये है कि इसका हमें जल्दी से पता नहीं रहता और जब पता लगता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। इसलिए सावधानी से किडनी खराब होने से पहले ही इसके लक्षणों की पहचान करना बहुत जरूरी होता है।
किडनी हमारे शरीर में खून साफ करके पेशाब बनाने का काम करती है। साथ ही स्त्री और पुरुष दोनों में ही दो किडनी होती हैं। किडनी हमारे पेट के अंदर से पीछे के हिस्से में पीठ के दोनों तरह छाती की पसलियों के सुरक्षित तरीके में होती हैं।
किडनी हमारे शरीर का सबसे ज्यादा महत्वपर्ण अंग हैं। किडनी शरीर से विषैले पदार्थ और एक्स्ट्रा पानी को फिल्टर करके यूरिन के जरीए बाहर निकालता हैं। इससे शरीर आराम से काम करते हैं, लेकिन किडनी खराब होने पर कठिनाई और हाथ-पैरों में सूजन आने लगती हैं।
किडनी रोग के लिए एलोपैथिक इलाज से ज्यादा आयुर्वेदिक उपचार है, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और तकनीकों के उपयोग के साथ सभी प्रकार की शारीरिक बीमारों के इलाज के लिए एक प्राचीन प्रथा माना जाता है।
जब कई वर्षों तक धीरे-धीरे किडनी के कार्य करने की क्षमता कम हो होती है तो तब उसे क्रोनिक किडनी रोग कहा जाता है। इस बीमारी का अंतिम स्टेज किडनी फेल्योर होता है।
किडनी में इंफेक्शन एक विशिष्ट प्रकार का मूत्र पथ इंफेक्शन है जो ज्यादातर आपके मूत्रमार्ग या मूत्रशय से शुरु होता है और आपकी किडनी तक पंहुच जाता है। किडनी इंफेक्शन के लिए जल्दी से डॉक्टर की आवश्यकता पड़ती है।
मानव किडनी बीन्स के आकार कि होती हैं और शरीर के सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक हैं। किडनी का मुख्य काम रक्त और पानी से अपशिष्ट को फिल्टर करता हैं और फिल्ट्रेशन करके इन अशुद्धियों से शरीर को छुटकारा दिलाती है
किडनी शरीर का सबसे जरूरी अंग होता हैं। किडनी शरीर से विषैले पदार्थ और एक्स्ट्रा पानी को फिल्टर करके यूरिन के जरिए बाहर निकालता हैं। इससे शरीर आराम से काम करता है, लेकिन किडनी खराब होने पर कठिनाई और हाथ-पैरों में सूजन आने लगती हैं।
आजकल की जीवनशैली में बदलाव के कारण और खानपान की गलत आदतों के कारण किडनी रोगियों की संख्या आए दिन बढ़ती जा रही है। जी हां, हर साल लगभग साढ़े आठ लाख लोग किडनी रोग के कारण मर जाते हैं।
किडनी के प्रभावी रूप से काम ना कर पाने की कई वजह हो सकती हैं। किडनी फंक्शन टेस्ट किडनी के कार्यों की जांच करने और समय के साथ-साथ उन पर नजर रखने में डॉक्टर मदद करता है।
मानव शरीर में रीढ़ की हड्डी के दोनों किनारों पर 2 किडनी होती है। सामान्य स्वस्थ किडनी हर दिन 120-150 क्वार्ट्स खून फिल्टर करती है और अपशिष्ट, विषाक्त पदार्थ और अतिरिक्त तरल पदार्थ जैसी अशुद्धियों को हटा देती है।
आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करता हैं। जो रोग को पूरी तरह से ठीक करने के लिए बेहतरीन माना जाता हैं। भारत के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक क्लीनिकों में से एक कर्मा आयुर्वेदा हैं। जो 1937 के बाद से ही दुनिया भर के किडनी रोगियों का इलाज कर रहें हैं।
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के उपयोग से शारीरिक बीमारियों का इलाज करने का एक बहुत ही पुराना अभ्यास है। लाइफ स्टाइल में बदलाव के कारण ज्यादा उम्र वालें लोगों में क्रोनिक रोग की वृद्धि हुई है।
आज लगभग 15 प्रतिशत अमेरीकी लोगों को क्रोनिक किडनी की बीमारियां हैं। प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और अवयवों के कम उपयोग के कारण दुनिया भर में संख्याएं बढ़ रही हैं। आज लोग एक प्रदूषित वातावरण में रह रहे हैं और ये एक अपर्याप्त जीवनशैली है
शराब पीना (अल्कोहोल) सेहत के लिए हानिकारक होता है। यह तो हम हमेशा ही पढ़ते व सुनते है, लेकिन शरीर के किस भाग पर इसका सबसे जयादा प्रभाव पड़ता है इस बात की भी आपको जानकारी होनी चाहिए।