क्रिएटिनिन कम करने के आयुर्वेदिक उपाय, जिनकी किडनी में खराबी है उन्हें इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है|
कैसे एक किडनी पेशेंट अपने क्रिएटिनिन को सामान्य श्रेणी में ला सकता है? क्रिएटिनिन का स्तर नार्मल रेंज से बढ़ जाना हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है
क्रिएटिनिन कम करने के आयुर्वेदिक उपाय, आयुर्वेदिक उपचार से क्रिएटिनिन को कम करें। जानें नेचुरल तरीके और घरेलू नुस्खे। आजमाएं विशेषज्ञ सलाह।
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किडनी खून साफ करते समय कई प्रकार के अपशिष्ट उत्पादों को पेशाब के जरीय शरीर से बाहर निकाल देती है, जिसमे क्रिएटिनिन भी एक होता है। किडनी रक्त में क्रिएटिनिन का स्तर सामान्य बना कर व्यक्ति को स्वस्थ बनाए रखती है।
किडनी शरीर का अभिन्न अंग है इस बात से सभी अवगत है। इसका कार्य बहुत ही जटिल होता है जिसकी तुलना हम किसी बड़ी मशीन या कंप्यूटर से कर सकते है। जिस तरह किडनी कई कार्य करती है ठीक उसी प्रकार किडनी खराब भी कई चरणों में होती है।
किडनी शरीर का अभिन्न अंग है इस बात से सभी भली भांति परिचित है। इसका कार्य बहुत ही जटिल होता है जिसकी तुलना हम किसी बड़ी मशीन से आसानी से कर सकते हैं। किडनी खराब होने में एक लम्बा समय लेती है।
क्रिएटिनिन कम करने के प्रमुख उपाय, क्रियेटिन एक मेटाबॉलिक पदार्थ है, जो आहार को एनर्जी में बदलने के लिए सहायता देते समय टूट कर क्रिएटिनिन (एक वेस्ट पदार्थ होता है) में बदल जाता है।
स्वस्थ किडनी रक्त में घुले हुए अपशिष्ट पदार्थो और जल की अत्यधिक मात्रा को शरीर से पेशाब के पूर में बाहर निकालने का काम करती है। जब किडनी रक्त में घुले हुए अपशिष्ट पदार्थो को शरीर से बाहर निकालने में असफल होने लगती हैं,
क्रोनिक किडनी डिजीज में दोनों किडनी को खराब होने में महीनों से सालों तक का समय लगता है। इसके शुरूआत में दोनों किडनी की कार्यक्षमता में अधिक कमी न होने के कारण कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन जैसे-जैसे किडनी ज्यादा खराब होने लगती हैं और तब मरीज की तकलीफ बढ़ती जाती हैं।
सीरम क्रिएटिनिन एक प्रकार का वेस्ट प्रोडक्ट होता हैं, जो खाने में ज्यादा मीट प्रोटीन लेने से या शरीर की मांसपेशियों की टूट फुट होने से बढ़ता हैं। जब मेटाबोलिज्म प्रक्रिया द्वारा भोजन उर्जा में बदलता हैं तो तब एक अन्य पदार्थ यानी क्रिएटिन का निर्माण होता हैं।
किडनी ब्लड से गंदगी व तरल पदार्थ को फिल्टर जो की पेशाब में पाया जाता है। क्रोनिक किडनी रोग एक उन्नत चरण तक पहुंचता है, खतरनाक तरल पदार्थ, इलेक्ट्रोलाइट्स और अपशिष्ट पदार्थ आपके शरीर में बना सकते हैं। यदि यह स्थिति लंबे समय तक रहती है, तो यह किडवी की विफलता का कारण बन सकती है।