क्या नवजात शिशुओं में पॉलीसिस्टिक किडनी रोग की समस्या हो सकती है?, आयुर्वेद में पॉलीसिस्टिक किडनी रोग का इलाज हमारे आयुर्वेदिक किडनी विशेषज्ञ डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा का नेतृत्व कर रहे हैं
क्या पॉलीसिस्टिक किडनी रोग केवल वंशानुगत होता है? कर्मा आयुर्वेद द्वारा पॉलीसिस्टिक किडनी का आयुर्वेदिक उपचार जिसमे किडनी पर द्रव से भरे हुए सैकड़ों की गिनती में सिस्ट विकसित होने लगते हैं।
पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के दौरान किडनी पर बने कुछ सिस्ट आकार में बड़े होते हैं और कुछ काफी छोटे, जिन्हें एक निर्धारित परिक्षण के बिना नहीं देखा जा सकता।
पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से आयुर्वेद दिलाएगा निदान, पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज किडनी से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जो हमें अपने अपने परिवार वालों से मिलती है, यह एक जुड़ा एक वंशानुगत रोग है।
पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के लिए आयुर्वेदिक उपचार सबसे पहले आप अपने आहार में परिवर्तन करे जिससे बीमारी को कुछ हद कर ठीक करने में आसानी होती है।
किडनी की एक अहम समस्या का कारण पी.के.डी हो सकता है। पी.के.डी का अर्थ है पोलिसिस्टिक किडनी डिजीज है। आमतौर पर किडनी रोगों में पोलिसिस्टिक किडनी डिजीज यानि पी. के. डी. की समस्या सबसे अधिक पाई जाती है
किडनी हमारे शरीर का एक अभिन्न अंग है, यह हमारे शरीर को विकसित करने में काफी सहायता प्रदान करती है। किडनी के कार्यों की बात करे तो यह हमारे शरीर में रसायनो का संतुलन बनाएं रखने का जरुरी काम करती है।
किडनी रोग में पोलिसिस्टिक किडनी डिसीज सबसे ज्यादा पाए जाने वाला रोग है इस रोग का मुख्य असर किडनी पर होता है। दोनों किडनियों में बड़ी संख्या में सिस्ट (पानी भरा बुलबुला) जैसी रचना बन जाती है।
पॉलीसिस्टिक किडनी रोग एक जेनेटीक बीमारी है जो कि गुर्दे में अल्सर के गठन और उसके बाद विकास के कारण होती हैं ये बीमारी ज्यादातर एक परिवार की प्रकृति की होती हैं। जिसे अक्सर आयु वर्ग में 20 से 40 साल तक निदान किया जाता हैं
पॉलीसिस्टिक किडनी रोग के लिए आयुर्वेदिक इलाज एलोपैथिक इलाज से अधिक प्रभावी साबित हुआ है। आयुर्वेद प्राकृतिक जड़ी बूटियों और तकनीकों के उपयोग के साथ सभी प्रकार की शारीरिक बीमारियों के इलाज के लिए एक प्राचीन प्रथा माना जाता है।