किडनी मानव के शरीर का एक अहम अंग है, जिसके वैसे तो बहुत सारे काम है लेकिन किडनी के 2 प्रमुख काम माने गए हैं| पहला काम- हानिकारक अपशिष्ट उत्पादों और विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना और दूसरा काम – शरीर में पानी, तरल पदार्थ और खनिजों का सहीं से संतुलन बनाये रखना| किडनी में अगर कुछ समस्या आ जाए और इसका सही समय पर इलाज़ ना लिया जाए तो यह किसी गंभीर बीमारी या कई बार मौत का कारण भी बन सकती है| किडनी का काम इतना जरुरी होता है कि अगर किडनी स्वस्थ ना हो तो शरीर के बाकि सभी अंगों का सुचारू रूप से चलना मुश्किल हो जाता है| इससे इस बात का पता चलता है कि मानव शरीर में किडनी का काम कितना महत्वपूर्ण है और किडनी क्या काम करती है|
क्रोनिक किडनी डिजीज अर्थात सी.के.डी, यह किडनी की एक समस्या है और इसमें दोनों किडनियों को खराब होने में महीनों या सालों तक का समय लग जाता हैं| यह किडनी खराबी का पहला चरण है, जिसके शुरूआती दौर में दोनों किडनियों की कार्यक्षमता में कुछ कमी होने के कारण कोई खास लक्षण नजर नहीं आते हैं, लेकिन जैसे-जैसे किडनी ज्यादा खराब होती जाती है वैसे-वैसे मरीज़ की तकलीफें बढ़ने लगती है|
क्रोनिक किडनी डिजीज के पहले चरण में किडनी की कार्यक्षमता 90 से 100 % होती है| किडनी की इस स्थिति में eGFR 90 ml/min से ज्यादा होता है| इस अवस्था में मरीजों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते| लेकिन यह हो सकता है कि पेशाब में असामान्यताएँ हो| जैसे- पेशाब में प्रोटीन जाना इसके लिए कुछ जांच है जिससे इसका पता चल सकता है| एक्स रे, एम.आर.आई., सी.टी. स्कैन या सोनोग्राफी इन सभी जांचों के द्वारा किडनी में खराबी दिखाई पड़ सकती है या सी.के.डी. के पहले चरण का पता चल सकता है|
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