क्रिएटिनिन हर मनुष्य के रक्त और मूत्र में मौजूद होता है| क्रिएटिनिन टेस्ट से इस बात का पता चलता है कि आपके रक्त और मूत्र में क्रिएटिनिन कितनी मात्रा में है और आपकी किडनी कितनी अच्छी तरह से काम कर रही है| साधारण परिस्थितियों में आपकी किडनी खुद ही इन सब्सटेन्स को फिल्टर करने और आपके शरीर से बाहर करने के काबिल होती है, लेकिन सेहत में आने वाली कुछ परेशानियों की वजह से किडनी के काम में रूकावट पैदा हो सकती है, जिस वजह से रक्त में क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ने लगती है| ऐसे काफी सारे तरीके मौजूद हैं, जिनकी मदद से आप क्रिएटिनिन के लेवल को कम कर सकते हैं, जिसमें आपकी डाइट को बदलना, लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करना, मेडिसिन लेना और मेडिकल थेरेपी भी शामिल है|
क्रिएटिनिन के स्तर का दायरा पूरी तरह से उस बात पर निर्भर करता हैं, जब आप एक वयस्क पुरुष, वयस्क महिला या किशोर हैं| इसके बाद भी क्रिएटिनिन के कुछ महत्व हैं जो उम्र और शरीर के आकार पर निर्भर करते हैं| लेकिन फिर भी क्रिएटिनिन के स्तर को कुछ साधारण दायरे में रखा गया है, जो निम्नलिखित है:
किसी वयस्क पुरूष के रक्त में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर लगभग 0.6 से 1.2 मिलीग्राम/प्रति दशमांश (डीएल) होता है| वहीं वयस्क महिलाओं में यह 0.5 से 1.1 मिलीग्राम/प्रति दशमांश (डीएल) होता है| क्रिएटिनिन क्लीयरेंस जांच से रक्त और मूत्र में क्रिएटिनिन का स्तर कितनी मात्रा में है इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल जाती है| इस जांच की मदद से किडनी की कार्यप्रणाली और उसमें होने वाली समस्या के बारें में जानकारी मिलती है| किडनी में खराबी आने की स्थिति में क्रिएटिनिन की मात्रा पेशाब में कम और खून की मात्रा अधिक हो जाती है|
क्रिएटिनिन का बढ़ा हुआ स्तर किडनी संबंधित बीमारियों या समस्याओं की तरफ इशारा करता हैं, लेकिन घबराइए नहीं, क्योंकि आहार में कुछ परिवर्तन, जीवनशैली में कुछ बदलाव और दवाइयों के सेवन से बचने जैसी आदतों से क्रिएटिनिन के स्तर को कम किया जा सकता हैं जैसे-
कर्मा आयुर्वेदा एक प्रसिद्ध नाम हैं, जो 1937 में स्थापित हुआ था| सफलतापूर्वक हर्बल और जैविक दवाओं के साथ हजारों रोगियों का इलाज करते हैं| वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा का नेतृत्व कर रहे हैं जो एक प्रसिद्ध आयुर्वेद डॉक्टर हैं| जो किडनी रोगियों को दवाओं और आहार पर विशेषज्ञ सलाह प्रदान करते हैं| आयुर्वेद को सभी प्रकार की शारीरिक बीमारियों के लिए सबसे अच्छा इलाज माना जाता है| यह कुछ जड़ी-बूटियों जैसे कि, वरूण, पुनर्नवा, गोखुर, शिरीष शिगेरू का उपयोग करते हैं| यह जड़ी-बूटियां प्रोटीनूरिया के लक्षणों को कम करती हैं और किडनी को पुनः नया जीवन देने में मदद करती है| डॉ. पुनीत ने आयुर्वेद की मदद से 48 हजार से भी ज्यादा मरीजों को रोग से मुक्त किया है, वह भी डायलिसिस या ट्रांसप्लांट के बिना|